संदिग्ध पाए गए विधवा पेंशन में सवा लाख लाभार्थी
डीपीओ को संदिग्ध लाभार्थियों की सूची भेज दी गई है,जांच में जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
लखनऊ [शोभित श्रीवास्तव]। विधवा पेंशन में सवा लाख लाभार्थी संदिग्ध पाए गए हैं। इनमें एक लाख लाभार्थी ऐसे हैं जिनके आधार नंबर फर्जी मिले हैं। इनके अलावा 15 हजार लाभार्थियों के एकाउंट नंबर डुप्लीकेट पाए गए हैं। इनके बैंक खातों का इस्तेमाल दूसरी पेंशन योजना में भी हो रहा था। यह खुलासा वेब आधारित सॉफ्टवेयर पब्लिक फाइनेंसियल मैनेजमेंट सिस्टम (पीएफएमएस) से हुआ है। सरकार ने इस मामले की जांच जिला प्रोबेशन अधिकारी (डीपीओ) को सौंप दी है।
दरअसल, महिला कल्याण विभाग पति की मृत्यु के बाद गरीब निराश्रित महिलाओं को भरण-पोषण के लिए पेंशन देती है। इसमें महिलाओं को 500 रुपये प्रति माह पेंशन दी जाती है। सरकार इसमें हर तीन-तीन महीने की पेंशन एक साथ लाभार्थियों के बैंक खाते में ट्रांसफर करती है। अभी यह पेंशन 17.50 लाख महिलाओं को दी जा रही है। सरकार ने पेंशन योजना में आधार नंबर जरूरी कर दिया है।
सरकार विधवा पेंशन को पीएफएमएस सॉफ्टवेयर के जरिये दे रही है। लिहाजा जब वित्तीय वर्ष 2017-18 के तीसरी तिमाही के बिलों की जांच की गई तो उसमें सवा लाख आवेदन संदिग्ध मिले हैं। इनमें एक लाख आवेदन पत्र ऐसे हैं जिनके आधार नंबर गड़बड़ मिले हैं। खास यह है कि यह वह आवेदन पत्र हैं जिन्हें जिला प्रोबेशन अधिकारियों ने भरवाया है। हालांकि अभी पता नहीं चल पाया है कि इन्हें पहली व दूसरी तिमाही में पेंशन मिली थी या नहीं। इसकी भी जांच की जा रही है।
जिलों से जांच रिपोर्ट आने के बाद ही इसमें आगे की कार्रवाई की जाएगी। 10 हजार ऐसे आवेदन पत्रों के आधार नंबर व बैंक खाते गलत मिले हैं जिन्हे लाभार्थियों ने खुद ऑनलाइन भरा था। गड़बड़ी मिलने के बाद महिला कल्याण विभाग ने इन सभी संदिग्ध लाभार्थियों की सूची मूल सूची से हटा दी है। इनकी पेंशन का भुगतान न करने के आदेश हुए हैं। जांच डीपीओ को सौंप दी गई है। हर जिले के डीपीओ को उनके यहां के संदिग्ध लाभार्थियों की सूची भी भेज दी गई है। इन सभी का भौतिक सत्यापन कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं।
जांच डीपीओ को सौंपी जा रही है: महिला कल्याण के निदेशक राम केवल कहते हैं, विधवा पेंशन के लाभार्थियों में काफी संख्या में आधार नंबर गलत मिले हैं। इनकी जांच डीपीओ को सौंप दी गई है। बहुत से ऐसे लाभार्थी हैं जिनके बैंक एकाउंट डुप्लीकेट हैं।
जांच की जा रही है कि इन्हें अभी तक पेंशन का भुगतान हुआ या नहीं। डीपीओ को संदिग्ध लाभार्थियों की सूची भेज दी गई है। इनसे यह कहा गया है कि यदि किसी स्तर पर आधार व बैंक एकाउंट नंबर भरने में चूक हुई है तो उसे दुरूस्त कर लिया जाए। एक भी फर्जी लाभार्थी को पेंशन नहीं दी जाएगी। जांच में जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
दो पेंशन योजनाओं का हजारों ले रहे थे लाभ: जांच में हजारों की संख्या में लाभार्थी ऐसे मिले हैं जो विधवा के साथ ही दूसरी पेंशन योजना का भी लाभ ले रहे हैं। सरकार को ऐसे 15 हजार से अधिक बैंक एकाउंट मिले हैं जिनका इस्तेमाल दूसरी पेंशन योजना में भी हो रहा था। 300 लाभार्थी ऐसे मिले हैं जो विधवा पेंशन के साथ ही दिव्यांगजन पेंशन का भी लाभ ले रहीं थीं। इन सभी की विस्तृत जांच के निर्देश दिए गए हैं।
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कई लाभार्थियों ने भरा एक ही आधार नंबर: जांच में ऐसे भी मामले सामने आए हैं जिनमें एक ही आधार नंबर का इस्तेमाल कई-कई लाभार्थियों ने अपने आवेदन में किया है। कुछ ने तो आधार नंबर की जगह 12 डिजिट का फर्जी नंबर भर दिया। सॉफ्टवेयर ने ऐसे फर्जी आवेदन पत्रों को पकड़ लिया।
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