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Oxygen Crisis in Lucknow: लखनऊ के तीन कोविड अस्पतालों के 24 से अधिक वेंटिलेटर फांक रहे धूल

बलरामपुर अस्पताल समेत लोकबंधु व रामसाग्र मिश्र चिकित्सालय में दो दर्जन से अधिक वेंटिलेटर का इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। इन अस्पतालों को वेंटिलेटर तो दे दिए गए मगर उसे चलाने के लिए इन्हें कोई भी प्रशिक्षित स्टाफ नहीं दिया गया।

By Rafiya NazEdited By: Published: Thu, 22 Apr 2021 06:00 AM (IST)Updated: Thu, 22 Apr 2021 05:20 PM (IST)
Oxygen Crisis in Lucknow: लखनऊ के तीन कोविड अस्पतालों के 24 से अधिक वेंटिलेटर फांक रहे धूल
लखनऊ में गंभीर मरीजों की जिंदगी बचाने को नसीब नहीं हो रहा वेंटिलेटर।

लखनऊ, जेएनएन। कोरोना संक्रमण से गंभीर मरीजों की आक्सीजन व वेंटिलेटर के अभाव में जान जा रही है। अस्पतालों में कहा जा रहा है कि हमारे पास वेंटिलेटर नहीं है। इसलिए भर्ती नहीं कर पाएंगे। वहीं सच्चाई यह है कि राजधानी के तीन कोविड अस्पतालों में दो दर्जन से भी अधिक वेंटिलेटर पड़े हुए धूल फांक रहे हैं। मगर इन्हें चलाने वाला कोई नहीं है। अस्पतालों का कहना है कि मैनपावर नहीं होने के चलते वेंटिलेटर रखे हुए हैं। दूसरी तरफ काफी गंभीर मरीज वेंटिलेटर नहीं मिलने के चलते ही दम तोड़ रहे हैं। 

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दरअसल बलरामपुर अस्पताल समेत लोकबंधु व रामसाग्र मिश्र चिकित्सालय में दो दर्जन से अधिक वेंटिलेटर का इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। इन अस्पतालों को वेंटिलेटर तो दे दिए गए, मगर उसे चलाने के लिए इन्हें कोई भी प्रशिक्षित स्टाफ नहीं दिया गया। इससे यह सभी वेंटिलेटर रखे हुए हैं। वहीं दूसरी तरफ मरीज इसी के अभाव में जिंदगी से हाथ धो रहे हैं।

कहां कितने वेंटिलेटर: बलरामपुर अस्पताल के पास करीब 28 वेंटिलेटर हैं। मगर इनमें से करीब पांच-छह वेंटिलेटर ही सक्रिय हैं। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. आरके गुप्ता का कहना है कि हमारे पास वेंटिलेटर तो हैं, मगर इसे चलाने के लिए कोई स्टाफ नहीं दिया गया है। हमारे पास जो अपने स्टाफ थे, वह भी संक्रमित हो चुके हैं। इसी तरह लोकबंधु अस्पताल के पास भी करीब 18 वेंटिलेटर हैं। मगर इनमें से सिर्फ तीन-चार वेंटिलेटर ही सक्रिय हैं। एमएमस डा. अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि मैनपावर की कमी है। इसलिए सभी वेंटिलेटर चल नहीं पा रहे। अपने काफी स्टाफ संक्रमित भी हो चुके हैं। इसी तरह आरएसएम अस्पताल के पास भी करीब चार वेंटिलेटर हैं, मगर वह भी संचलाक नहीं होने से धूल फांक रहे हैं। इधर लगातार कोरोना के गंभीर मरीज वेंटिलेटर नहीं मिलने से दम तोड़ रहे हैं। 

इस बारे में सीएओ डा. संजय भटनागर को कई बार फोन किया, लेकिन कोई जवाब नहीं दिया। उनके ऊपर कोविड प्रबंधन अधिकारी डा. जीएस बाजपेई ने भी फोन का जवाब नहीं दिया।


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