लखनऊ, राज्य ब्यूरो। Electricity Price In UP उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने बिजली कंपनियों की ओर से दाखिल वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) वर्ष 2023-24 व ट्रू-अप याचिका पर 100 से ज्यादा कमियां निकालते हुए सात दिनों में जवाब मांगा है। बिजली कंपनियों ने दरों में 18 से 23 प्रतिशत तक वृद्धि का प्रस्ताव दिया था।
आयोग ने पूछा बिजली दरों में बढ़ोतरी का जो प्रस्ताव दिया गया है उसका आधार क्या है
नियामक आयोग ने पूछा है कि बिजली कंपनियां बताएं कि उनके द्वारा अलग-अलग श्रेणीवार बिजली दरों में बढ़ोतरी का जो प्रस्ताव दिया गया है उसका आधार क्या है ? विद्युत नियामक आयोग ने यह भी पूछा है कि सब्सिडी निकालने के बाद प्रस्ताव से कितना राजस्व प्राप्त होगा? बिजली कंपनियों से जहां विभागीय कर्मचारियों के यहां लगने वाले मीटर के संबंध में पूरी जानकारी तलब की गई है वही, स्मार्ट प्रीपेड मीटर प्रोजेक्ट पर होने वाले खर्च की भरपाई कैसे होगी इसका ब्योरा मांगा है।
सभी बिजली कंपनियों ने अभी तक क्यों नहीं लागू किया मुआवजा कानून
प्रदेश की बिजली कंपनियों से बिजली खरीद के पूरे मामले में भी रिपोर्ट मांगी गई है। यह भी कहा गया है कि सभी बिजली कंपनियों ने अभी तक मुआवजा कानून क्यों नहीं लागू किया है। नियामक आयोग ने महंगी बिजली खरीद पर भी सवाल उठाते हुए जवाब मांगा है। बिजली कंपनियों से यह भी पूछा गया है कि उन्हें सरकार की तरफ से कितनी सब्सिडी दी जा रही है।
बिजली दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव प्रथम दृष्टया खारिज होना तय
बिजली कंपनियों को यह भी बताना होगा कि उनके द्वारा वर्ष 2021-22 से लेकर वर्ष 2023-24 में विद्युत आपूर्ति के घंटों की क्या स्थिति रही है। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा विद्युत नियामक आयोग ने जिस प्रकार से बिजली कंपनियों से हर मुद्दे पर सवाल जवाब किया है उससे साफ है कि बिजली कंपनियों द्वारा प्रस्तावित बिजली दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव प्रथम दृष्टया खारिज होना तय है। बिजली दरों में बढ़ोतरी के प्रस्ताव का उपभोक्ता परिषद हर स्तर पर पुरजोर विरोध करेगा।