समाजवादी सरकार बनाएगी भिक्षु प्रज्ञानंद का स्मारक
-पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भिक्षु प्रज्ञानंद के पार्थिव शरीर पर की पुष्पांजलि -15 को अंति
-पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भिक्षु प्रज्ञानंद के पार्थिव शरीर पर की पुष्पांजलि
-15 को अंतिम दर्शन को आएंगे राष्ट्रपति
जागरण संवाददाता, लखनऊ : संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर को धम्म दीक्षा देने वाले भिक्षु भदंत गलगेदर प्रज्ञानंद के निधन से एक युग का समापन हुआ है। समाजवादी सरकार बनती है तो राजधानी में आइटी सिटी (चक गजरिया) के पास भिक्षु के नाम से स्मारक बनाया जाएगा। भव्य स्मारक के अंदर उनकी जीवन पर आधारित संग्रहालय की भी स्थापना की जाएगी। रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव रिसालदार पार्क के बुद्ध विहार में रखे उनके पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि करने के बाद संबोधित कर रहे थे।
भदंत गलगेदर प्रज्ञानंद (89) का 30 नवंबर को निधन हो गया था। श्री लंका के गलगेदर में 18 दिसंबर 1928 को जन्मे भिक्षु भदंत गलगेदर प्रज्ञानंद की कर्म स्थली भारत रही। 13 वर्ष की अल्प आयु में वह भारत आ गए और गौतम बुद्ध की जन्म स्थली श्रावस्ती में पहुंचे और फिर यहीं के होकर रहे गए। भारतीय बौद्ध समिति लखनऊ, श्रावस्ती चाइनीज बुद्ध विहार के अध्यक्ष के साथ ही उन्होंने जेतवन इंटर कॉलेज श्रावस्ती की स्थापना भी की। राजधानी के रिसालदार पार्क स्थित बौद्ध विहार के अध्यक्ष भी थे। उन्होंने 13 अक्टूबर 1956 को नागपुर में डॉ.भीमराव अंबेडकर को दीक्षा दी थी। प्रथम छह भिक्षुओं के साथ उनकी ग्रुप फोटो भी बुद्ध विहार में मौजूद है। 1925 में भिक्षु बोधानंद ने बुद्ध विहार की स्थापना की थी और भिक्षु भदंत गलगेदर प्रज्ञानंद 1941 में यहां आए और बोधानंद से 1942 में धम्म दीक्षा ली। उनके शिष्य भिक्षु प्रज्ञा सार ने बताया कि 15 दिसंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी उनके अंतिम दर्शन के लिए आएंगे। 16 को शोभायात्रा के साथ उनका पार्थिव शरीर श्रावस्ती के चाइनीज बुद्ध विहार ले जाया जाएगा जहां 17 को अंतिम संस्कार होगा।