यूपी विधानसभा का मानसून सत्र अगस्त के प्रथम सप्ताह से, तिलक हाल में होगी संयुक्त बैठक
विधान मंडल का मानसून सत्र अगस्त के प्रथम सप्ताह में शुरू होना संभावित है परंतु पहली मर्तबा विषम परिस्थिति उत्पन्न हुई है।
लखनऊ (जेएनएन)। यह पहला अवसर होगा जब विधान परिषद की बैठक विधानभवन प्रांगण में ही सभा कक्ष से अलहदा होगी। सभाकक्ष का मरम्मत कार्य पूरा नहीं होने से बैठक को स्थान संकट गहराया है, जिसका समाधान तलाशने के लिए रविवार को सर्वदलीय बैठक आयोजित की गई। इसमें सहमति बनी कि तिलक हाल में विधान परिषद की कार्यवाही कराने की संभावना तलाशी जाए, जिसके लिए प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति पांच दिन में रिपोर्ट देगी।
विधान मंडल का मानसून सत्र अगस्त के प्रथम सप्ताह में शुरू होना संभावित है परंतु पहली मर्तबा विषम परिस्थिति उत्पन्न हुई है। गत दिनों विधान परिषद सभाकक्ष में सीलिंग गिरने के बाद वहां मरम्मत कार्य जारी है, जिसे पूरा होने में अभी समय लगेगा। ऐसे में उच्च सदन की बैठक कराने की समस्या उत्पन्न हो गई है। कांग्रेस दलनेता दीपक सिंह ने मरम्मत कार्य में विलम्ब होने पर राज्य संपत्ति विभाग के रवैये को लेकर कड़ी नाराजगी जतायी। बुलाने के बावजूद बैठक में राज्य संपत्ति अधिकारी योगेश शुक्ला नहीं पहुंचे तो अन्य सदस्यों ने भी एतराज जताया। इस पर नेता सदन उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा के कहा कि अनुपस्थिति की वजह पता लगायी जाएगी।
संयुक्त सदन चलाने का भी सुझाव : बैठक में विधान परिषद की कार्यवाही के लिए तिलक हाल को ही उपयुक्त माना गया परंतु इसके साथ अनेक सुझाव भी आए। विधानसभा व विधानपरिषद की बैठक एक साथ बुलाने के प्रस्ताव को नियम संगत नहीं मानते हुए अस्वीकृत कर दिया गया। एक सुझाव यह भी था कि विधानपरिषद सभाकक्ष का मरम्मत कार्य पूरा होने तक मानसून सत्र टाल दिया जाए, इसे मानने के लिए सरकार राजी नहीं थी। लोक भवन में बैठक को आहूत करने के सुझाव पर भी आमराय नहीं बन सकी। ऐसे में तय किया गया कि विधानभवन परिसर के भीतर स्थित तिलक हाल को ही तैयार कराया जाए। बैठक में नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन, यज्ञदत्त शर्मा व जगवीर किशोर जैन भी मौजूद थे।
विधान परिषद सभाकक्ष में सीटें कम होगी : नई साज सज्जा के साथ तैयार कराए जा रहे विधानपरिषद सभाकक्ष में सीट व्यवस्था में भी बदलाव किया जा रहा है। सदस्यों के बैठने के लिए कुर्सी अधिक सुविधाजनक होगी और उनका दायरा भी बढ़ाया जाएगा। इसके चलते सीटों की संख्या 125 से घटाकर 115 की जा रही है। वेल में जाकर हंगामा करने वालों को भी पहले की अपेक्षा कम जगह मिलेगी। साउंड सिस्टम को भी अत्याधुनिक किया जा रहा है।