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Modi Cabinet Reshuffle: मोदी मंत्रिमंडल में बढ़ा उत्तर प्रदेश का दबदबा, 7 नए राज्यमंत्री शामिल

Modi Cabinet Expansion बुधवार को जब नए मंत्रियों की शपथ का सिलसिला शुरू हुआ तो संदेश मिल गया कि भगवा खेमे के रणनीतिकारों ने दिल्ली के दरबार में यूपी चुनाव को देखते हुए भी बिसात बिछाई है। मोहरों का चयन पूरी तरह नाप-तौल कर किया गया है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Thu, 08 Jul 2021 12:12 AM (IST)Updated: Thu, 08 Jul 2021 09:52 AM (IST)
Modi Cabinet Reshuffle: मोदी मंत्रिमंडल में बढ़ा उत्तर प्रदेश का दबदबा, 7 नए राज्यमंत्री शामिल
मोदी मंत्रिमंडल में यूपी से सात नए चेहरे शामिल किए गए हैं।

लखनऊ[जितेंद्र शर्मा] । देश की राजनीति का गेट-वे उत्तर प्रदेश कहा जाता है, लेकिन भाजपा के रणनीतिकारों ने फिलहाल मिशन-यूपी के लिए दिल्ली में 'तोरण-द्वार' सजाया है। सबका साथ, सबका विकास की नीति को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 की रणनीति का हिस्सा बनाते हुए मोदी मंत्रिमंडल में सात नए चेहरे शामिल किए गए हैं।

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इन नए राज्य मंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कुल 15 मंत्रियों की भागीदारी से केंद्र सरकार में उत्तर प्रदेश का दबदबा पहली बार इतना बढ़ा है। पिछड़े और दलितों को सिर-आंखों पर बिठाने के साथ क्षेत्रीय संतुलन पर भी सधी नजर रही है।

मोदी सरकार-2 के पहले मंत्रि मंडल विस्तार की अटकलों के साथ ही चर्चा शुरू हो गई थी कि आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए उत्तर प्रदेश को खास तवज्जो दी जा सकती है। क्षेत्रीय और जातीय संतुलन के हिसाब से ही कई नाम दावेदारी में चलने लगे थे। बुधवार को जब नए मंत्रियों की शपथ का सिलसिला शुरू हुआ तो संदेश मिल गया कि भगवा खेमे के रणनीतिकारों ने दिल्ली के दरबार में यूपी चुनाव को देखते हुए भी बिसात बिछाई है। मोहरों का चयन पूरी तरह नाप-तौल कर किया गया है।

2014 के लोकसभा चुनाव से ही भाजपा के पाले में आ खड़े हुए यूपी में सर्वाधिक आबादी वाले पिछड़ा और अन्य पिछड़ा वर्ग को तीन नए मंत्री बनाकर 'साथ और विकास' का संदेश दिया है। यह दांव पिछड़ों को अपने पाले में खींचने का प्रयास कर रही समाजवादी पार्टी के दांव को बेअसर करने वाला माना जा रहा है। इसी तरह बसपा के माने जाते रहे लगभग 21-22 फीसद अनुसूचित जाति के वोट में भी भाजपा अच्छी सेंध लगा चुकी है। इस वर्ग पर मजबूत पकड़ बनाए रखने के लिए दलित वर्ग से भी तीन मंत्री शामिल किए गए हैं।

टीम मोदी में उत्तर प्रदेश कोटे के मंत्रियों में पांच सवर्णों की भागीदारी रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, डा. महेंद्र नाथ पांडेय, जनरल वीके सिंह, स्मृति ईरानी और हरदीप पुरी की पहले से है। अब एक और ब्राह्मण को शामिल कर यूपी में विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे ब्राह्मणों से भेदभाव के मुद्दे को भी कुंद करने का प्रयास किया गया है। जातीय संतुलन के साथ क्षेत्रीय संतुलन का भी पूरा ध्यान इस विस्तार में रखा गया है। पिछड़ा वर्ग में देखें तो भाजपा के सहयोगी अपना दल की अनुप्रिया पटेल मीरजापुर से सांसद हैं। मोदी सरकार-1 में स्वास्थ्य राज्यमंत्री रहीं अनुप्रिया का पूर्वांचल के कुछ जिलों में कुर्मी समाज पर अच्छा प्रभाव है।

मोदी के मंत्रिमंडल में उनकी वापसी के साथ ही पूर्वांचल के ही महराजगंज से पंकज चौधरी को पहली बार केंद्रीय मंत्रीय बनाया गया है। वह भी कुर्मी नेता हैं। छठवीं बार सांसद चुने गए हैं तो क्षेत्र में प्रभाव और पकड़ लाजिमी है। इसी तरह संघ की पृष्ठभूमि वाले राज्यसभा सदस्य बीएल वर्मा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बदायूं से आते हैं। लोधी-राजपूत समाज में उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है। अलीगढ़, एटा, फर्रुखाबाद सहित कुछ जिलों इस समाज का अच्छा-खासा वोट है। जिस पश्चिमी उत्तर प्रदेश को विपक्ष ने कृषि कानून विरोधी आंदोलन से गर्माने की कोशिश की, वहां का प्रतिनिधित्व बदायूं की तरह आगरा के सांसद प्रो. एसपी सिंह बघेल को दलित कोटे से मंत्री बनाकर बढ़ाया है। सपा और बसपा में रह चुके बघेल भाजपा में आने के बाद योगी सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं। पाल-बघेल समाज के प्रभावशाली नेताओं में शामिल हैं।

इसी तरह अवध क्षेत्र के लखनऊ से सांसद राजनाथ सिंह पहले ही केंद्रीय कैबिनेट में हैं। अब इसी क्षेत्र की मोहनलालगंज सीट से सांसद कौशल किशोर को दलित कोटे से राज्यमंत्री बनाया है। यह भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। बुंदेलखंड क्षेत्र के प्रतिनिधि के रूप में दलित वर्ग से आने वाले जालौन सांसद भानुप्रताप सिंह वर्मा को टीम मोदी में जगह मिली है। उनके पास लंबा राजनीतिक अनुभव है। 1991 में पहली बार विधायक बने वर्मा पांचवीं बार सांसद हैं। वहीं, खीरी सांसद अजय मिश्रा को मंत्री बनाकर ब्राह्मण को भी साथ और विकास का संदेश दिया गया है।

पहली बार केंद्रीय मंत्रि मंडल में यूपी से 15 मंत्री सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश का दबदबा अब नजर आया है। मोदी कैबिनेट से सांसद संतोष गंगवार के इस्तीफे के बाद भी अब कुल 15 मंत्री यूपी से हो गए हैं। इनमें खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा राजनाथ सिंह, स्मृति ईरानी, डा. महेंद्र नाथ पांडेय, जनरल वीके सिंह, संजीव बालियान, साध्वी निरंजन ज्योति और हरदीप पुरी (उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सदस्य) पहले से हैं। इस तरह अब छह सवर्ण, छह पिछड़ा वर्ग और तीन अनुसूचित जाति से हो गए हैं।


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