मायावती और अखिलेश के मंत्रियों समेत अफसरों पर कसेगा शिकंजा
भ्रष्टाचार के मामलों में अब जल्द मायावती व अखिलेश सरकार के मंत्रियों, आइएएस व आइपीएस अधिकारियों पर कसेगा। शासन स्तर पर इसकी कसरत तेज हो गई है।
लखनऊ (जेएनएन)। भ्रष्टाचार के मामलों में अब जल्द मायावती व अखिलेश सरकार के मंत्रियों, आइएएस व आइपीएस अधिकारियों पर कसेगा। शासन स्तर पर इसकी कसरत तेज हो गई है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी टास्क फोर्स को पहले ऐसे मामलों को निस्तारित करने को कहा है जिनमें शासन स्तर से अभियोजन की मंजूरी दी जानी है, ताकि संबंधित जांच एजेंसी इन मामलों में आरोप पत्र दाखिल कर सके।
कई अफसरों की बढेगी मुश्किल
माना जा रहा है कि सतर्कता, ईओडब्ल्यू व अन्य जांच एजेंसियां कई बड़े मामलों में शीघ्र कार्रवाई करेंगी। कई आइएएस, आइपीएस, पीसीएस व पीपीएस अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। पुलिस की विभिन्न जांच एजेंसियों के करीब 520 ऐसे मामले हैं, जिनमें अभियोजन स्वीकृति शासन स्तर पर अटकी है। इनमें सबसे अधिक करीब 300 प्रकरण ईओडब्ल्यू तथा लगभग 160 मामले सतर्कता के हैं। सीबीसीआइडी के भी 23 मामलों में अभियोजन की स्वीकृति शासन में अटकी है। भाजपा की मंत्री रीता बहुगुणा जोशी का घर जलाए जाने के मामले में सीबीसीआइडी की जांच में पुलिस अधिकारियों व नेताओं की भूमिका सामने आई थी। सीबीसीआइडी ने इस मामले में आइपीएस अधिकारी प्रेम प्रकाश व हरीश कुमार सहित अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति मांगी थी, जो शासन में लंबित है।
चिकित्सा से जुड़े सबसे अधिक मामले
ऐसे ही कई घोटालों के मामलों में भी अभियोजन की स्वीकृति लंबित चल रही है। सतर्कता के 160 मामलों में सबसे अधिक 34 मामले चिकित्सा विभाग से जुड़े हैं, जबकि ईओडब्ल्यू के 300 मामलों में 200 मामले खाद्य एवं रसद विभाग से जुड़े हैं। इसके अलावा गृह विभाग व अन्य विभागों से जुड़े मामलों में भी अधिकारियों से लेकर लिपिक संवर्ग तक के कर्मचारियों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति दी जानी है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को जांच एजेंसियों के कामकाज की समीक्षा की थी। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित टास्क फोर्स को दो माह में शासन स्तर पर अभियोजन स्वीकृति के मामलों का निस्तारण कराने का निर्देश दिया है, जिसके बाद पूरा अमला हरकत में आ गया है। बुधवार को गृह विभाग व अन्य संबंधित महकमों में हलचल बढ़ी थी। गृह विभाग बीते दिनों बसपा के पूर्व मंत्री अवधपाल सिंह यादव व कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति दे चुका है।
रैन बसेरा तोडऩे में गिर सकती कई पर गाज
रामपुर जिला अस्पताल में बना रैन बसेरा सपा शासन में तोड़ दिया गया था। अब इस मामले में कई अफसरों पर गाज गिर सकती है। पूर्व सांसद जयाप्रदा के प्रतिनिधि मुस्तफा हुसैन ने मुख्यमंत्री से कार्रवाई की मांग की है। मुख्यमंत्री ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। राज्यसभा सदस्य अमर सिंह की निधि से तत्कालीन सांसद जयाप्रदा के प्रस्ताव पर जिला अस्पताल में रैन बसेरा बनवाया गया था। 24 अगस्त 2015 को रैन बसेरा रातोंरात तोड़ दिया गया और मलबा भी गायब कर दिया गया था। इस संबंध में पूर्व सांसद के प्रतिनिधि रहे मुस्तफा हुसैन ने तब भी अधिकारियों से शिकायत की थी। तब कोई कार्रवाई नहीं हुई। सत्ता परिवर्तन के बाद उन्होंने इस मुद्दे को फिर से उठाया है। मुख्यमंत्री से भी शिकायत की। मुख्यमंत्री ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।