जांच करालो सच निकले तो मेरा मांस कुत्तों से नुचवाया जाए: दुष्कर्म के आरोप पर बोले मंत्री सुरेश खन्ना
मंत्री ने यह बयान अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर दिया है।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना ने खुद पर लगे गंभीर आरोपों का करारा जवाब दिया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मामले की जिस तरह चाहे जांच करवा लें। अगर उसमें सच्चाई निकले तो उनका मांस चौराहे पर कुत्तों से नुचवाया जाए। मंत्री ने यह बयान अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर दिया है।
आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से किया ट्वीट
आरोपों में घिरे मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने ट्वीट किया, 'माननीय न्यायालय सीजेएम, लखनऊ में मेरे खिलाफ दिए गए प्रार्थनापत्र में जो आरोप मेरे ऊपर लगाए गए हैं, वह पूर्णत: मिथ्या और बेबुनियाद हैं। इसकी जैसी चाहे जांच करा ली जाए यदि जरा भी सच्चाई निकले तो मेरा मांस चौराहे पर कुत्तों से नुचवाया जाए।'
श्री राजेश कुमार शुक्ला द्वारा आज 27 अप्रैल को मा0 न्यायालय सीजेएम, लखनऊ में मेरे खिलाफ दिए गए प्रार्थनापत्र में जो आरोप मेरे ऊपर लगाये गए हैं, वह पूर्णत: मिथ्या व बेबुनियाद हैं। इसकी जैसी चाहे जांच करा ली जाए यदि जरा भी सच्चाई निकले तो मेरा मांस चौराहे पर कुत्तों से नुचवाया जाए। — Chowkidar सुरेश कुमार खन्ना (@SureshKKhanna) April 27, 2019
सुरेश खन्ना व उनके पीआरओ समेत चार के खिलाफ कोर्ट में अर्जी
बता दें, मूक बधिर बच्ची का इलाज कराने अस्पताल गई महिला को बहकावे में लेकर फोटो बनाकर ब्लैकमेल करने व दुराचार करने के आरोपों को लेकर कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना, उनके पीआरओ सुचित सेठ और हेल्थसिटी हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. वैभव खन्ना समेत चार के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने की मांग वाली अर्जी पर कोर्ट ने वजीरगंज से रिपोर्ट तलब की है। सीजेएम आनंद प्रकाश सिंह ने मामले की सुनवाई के लिए सात मई की तारीख तय करते हुए पुलिस से पूछा है कि यह रिपोर्ट दें कि इस मामले में कोई मुकदमा दर्ज हो गया है या नहीं।
अर्जी देकर मंत्री सुरेश खन्ना पर रेप और ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया गया है। उनके साथ ही गोमती नगर स्थित एक हॉस्पिटल के मालिक डॉ. वैभव खन्ना और सुरेश खन्ना के पीआरओ सुचित सेठ का भी नाम आरोपों में शामिल है। पीड़िता ने कोर्ट से तीनों के ऊपर एफआईआर दर्ज करने का आदेश देने की मांग की गई है। कोर्ट में अर्जी के बाद सीजेएम कोर्ट ने लखनऊ के वजीरगंज थाने से इस मामले में रिपोर्ट तलब की है।
7 मई को मामले की अगली सुनवाई
सीजेएम आनंद प्रकाश सिंह ने मामले की सुनवाई की तारीख सात मई रखी है। तब तक थाने को मामले की कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल करनी है। महिला का आरोप है कि वह अपनी मूक-बधिर बच्ची का इलाज कराने गई थी, जिसके बाद उसके साथ रेप किया गया और ब्लैकमेल किया गया।