मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा- चिकित्सा उपकरणों का हब बनेगा UP, नई स्थापना और विस्तार में दी जाएगी मदद
प्रदेश में औद्योगिकीकरण बढ़ाने के लिए योगी सरकार ने सत्ता संभालते ही काम शुरू किया। योगी सरकार की नीतियों ने उद्योगों के लिए खोले संभावनाओं के नए द्वार। उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक इकाइयां नई स्थापना और विस्तार में दी जाएगी मदद।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। कोरोना की आपदा को सेवा का अवसर बनाने वाली प्रदेश की औद्योगिक इकाइयों को सरकार ने भी आपदा में अवसर देने का मन बना लिया है। उद्यमियों के लिए संभावनाओं के नए रास्ते तैयार हो गए हैं। अब तक जिस तरह उद्यमियों ने उद्यमशीलता दिखाई है, उससे उत्तर प्रदेश चिकित्सा उपकरणों के उत्पादन का नया हब बन सकता है।
प्रदेश में औद्योगिकीकरण बढ़ाने के लिए योगी सरकार ने सत्ता संभालते ही काम शुरू किया। तमाम नीतियों में बदलाव किया, नया लैंड बैंक तैयार किया। बैंकों से ऋण दिलाया गया। इनवेस्टर्स समिट के बाद ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी एक और दो के जरिए नई इकाइयों का शिलान्यास भी हुआ। सरकार इसे और आगे बढ़ाने के प्रयास में जुटी थी कि कोरोना संक्रमण ने दस्तक दे दी। इसके बावजूद निवेश प्रस्ताव प्रदेश में आते रहे।
हालांकि, पहले से स्थापित इकाईयों ने कोरोना की पहली लहर में पीपीई किट, मास्क, सैनिटाइजर आदि का उत्पादन इतनी मात्रा में शुरू कर दिया, जिससे प्रदेश इन वस्तुओं को दूसरे राज्यों में भी भेजने लगा। अब दूसरी लहर में आक्सीजन का उत्पादन बढ़ाया जा रहा है। इसके लिए औद्योगिक विकास विभाग ने उत्तर प्रदेश आक्सीजन उत्पादन प्रोत्साहन नीति हाल ही में बनाई है। इसके तहत लिक्विड आक्सीजन, जियोलाइट, आक्सीजन सिलेंडर, आक्सीजन कंसंट्रेटर, सहायक उपकरण, क्रायोजैनिक टैंकर, आइएसओ टैंकर, आक्सीजन भंडारण, परिवहन उपकरण का निर्माण करने वाली औद्योगिक इकाइयों को प्रोत्साहन मिलेगा। नई इकाई की स्थापना या विस्तार पर न्यूनतम पचास करोड़ रुपये निवेश करने वाली इकाई को पूंजीगत अनुदान की व्यवस्था की गई है।
इसी तरह सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) विभाग ने उत्तर प्रदेश इमरजेंसी वित्त पोषण योजना लागू की है। इसमें कोविड संबंधी अधिसूचित सामग्री के उत्पादन के लिए वर्तमान क्षमता में वृद्धि करने या नई इकाई स्थापित करने वाले उद्यमियों को वित्तीय सहायता दी जाएगी। प्लांट, मशीनरी, उपकरण में पूंजी निवेश की न्यूनतम सीमा बीस लाख रुपये रखी गई है। इसके लिए रिवाल्विंग फंड बनाया जाएगा। यह नीति उद्यमियों को प्रोत्साहित करेगी।
एमएसएमई एवं निर्यात प्रोत्साहन मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह के मुताबिक, उद्यमियों ने कोरोना के संकट काल में अपनी उद्यमशीलता साबित की है। अब चिकित्सा उपकरणों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए जिस तरह की नीति बनाई गई है और आगे विचार किया जा रहा है, उससे लगभग तय है कि उत्तर प्रदेश आने वाले समय में चिकित्सा उपकरणों के उत्पादन का हब बनेगा।