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UP में गंगा-यमुना और उसकी सहायक नदियां उफनाईं, लाखों लोग बेघर, हजारों एकड़ फसल डूबी

उत्तर प्रदेश में गंगा यमुना और उसकी सहायक नदियां विकराल रूप धारण करती जा रही हैं। घाघरा राप्ती शारदा केन बेतवा सरयू नदियों का बढ़ता जलस्तर दुश्वारियां बढ़ा रहा है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 20 Sep 2019 12:19 AM (IST)Updated: Fri, 20 Sep 2019 08:24 AM (IST)
UP में गंगा-यमुना और उसकी सहायक नदियां उफनाईं, लाखों लोग बेघर, हजारों एकड़ फसल डूबी
UP में गंगा-यमुना और उसकी सहायक नदियां उफनाईं, लाखों लोग बेघर, हजारों एकड़ फसल डूबी

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में गंगा, यमुना और उसकी सहायक नदियां विकराल रूप धारण करती जा रही हैं। घाघरा, राप्ती, शारदा, केन, बेतवा, सरयू नदियों का बढ़ता जलस्तर दुश्वारियां बढ़ा रहा है। उफनती नदियों ने लाखों लोगों को बेघर कर दिया है। हजारों एकड़ फसल जलमग्न है। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने गुरुवार को बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर लोगों को आश्वस्त किया।

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वाराणसी में आधा सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से गंगा बढ़ रही हैं। वरुणा नदी का पानी रिहायशी इलाके में घुस गया है। वहीं राहत सामग्री बांटने के दौरान गुरुवार को कोनिया क्षेत्र में जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह छत की बाउंड्री समेत नाव पर गिर पड़े। हालांकि उन्हें गंभीर चोट नहीं आई।

बलिया में दुबेछपरा रिंग बंधा कटने के बाद दर्जनों गांव डूबने के बाद अब एनएच 31 पर पानी का दबाव बनना शुरू हो गया है। उदई छपरा में पिछले 12 घंटे में आधा दर्जन लोगों के पक्के मकान गंगा की धारा में समाहित हो गए हैं। गाजीपुर में गंगा खतरे के निशान 63.105 से एक मीटर से भी अधिक ऊपर से बह रही हैं। यहां बचाव के लिए एनडीआरएफ की टीम लगाई गई है। मऊ में घाघरा के जलस्तर में वृद्धि से ग्रामीण सहमे हैं। जौनपुर में गोमती नदी का पानी तटवर्ती गांवों में फैला है। मीरजापुर में केंद्रीय जल आयोग ने जो अनुमान लगाया है उसके मुताबिक शुक्रवार सुबह आठ बजे गंगा का जलस्तर 77.80 मीटर पहुंच जाएगा। गंगा खतरे का निशान 77.72 पार कर तटवर्ती क्षेत्रों में बहने लगेंगी। भदोही व चंदौली में भी हालात जस के तस हैं।

अवध क्षेत्र में रुक-रुककर बारिश

अवध क्षेत्र में रुक-रुककर बारिश होती रही। इसके चलते घाघरा, राप्ती और सरयू नदी का बढ़ता जलस्तर लोगों को डराने लगा है। बाराबंकी में घाघरा का जलस्तर खतरे के निशान 106.076 मीटर के सापेक्ष गुरुवार की शाम पांच बजे 106.486 मीटर पहुंच गया। बलरामपुर में राप्ती नदी खतरे के निशान से 103.740 पर बह रही है। गोंडा में घाघरा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 41 सेमी. ऊपर पहुंच गया है। अयोध्या में सरयू नदी भी लाल निशान से 21 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। सीतापुर में बुधवार को मूसलाधार बारिश के बाद गुरुवार को मौसम सामान्य रहा। सुलतानपुर और रायबरेली में मौसम सामान्य रहा।

यमुना खतरे के निशान सवा चार मीटर ऊपर

इटावा, फर्रुखाबाद में नदियों के जलस्तर में कमी आई लेकिन मुसीबत बरकरार है। जालौन में सौ से ज्यादा गांव यमुना की बाढ़ के चपेट में हैं। गुरुवार को यमुना खतरे के निशान 108 मीटर से करीब सवा चार मीटर ऊपर पहुंच गईं। छह दिन से हजारों एकड़ फसल डूबी है। औरैया-जालौन मार्ग ठप होने से दिल्ली व ग्वालियर की तरफ से आवागमन बंद है। हमीरपुर में यमुना और बेतवा उफनाने से 500 परिवार बेघर हो गए हैं। बेतवा पुल पर भारी वाहनों के आवागमन पर रोक दिया गया है। इटावा में भी सड़क धंसने के कारण पुल पर भारी वाहनों की रोक है। इससे बकेवर से ङ्क्षभड मप्र को जाने वाला रास्ता बंद है। कानपुर देहात के क्योंटरा बांगर में अधिकतर घरों में पानी घुस गया है। बांदा में जिले में केन और यमुना अब पांच-पांच सेमी की गति से बढ़ रही हैं। यमुना का पानी केन में लौटने से चिल्ला, पैलानी, बेंदा आदि में कई गांव बाढ़ में डूब गए। औरैया में यमुना खतरे के निशान से चार मीटर ऊपर स्थिर होकर बह रहीं हैं। बढ़ेरा गांव में बाढ़ के पानी में डूब कर एक छात्र की मौत हो गई है। हालांकि फर्रुखाबाद में गंगा 10 सेमी घटी तो उन्नाव में तीस सेमी बढ़ी हैं।

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने जाना हाल

प्रयागराज में खतरे के निशान से लगभग आधा मीटर ऊपर बह रहीं गंगा और यमुना अब विकराल रूप धारण कर चुकी हैैं। लगभग साढ़े तीन लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैैं। राजस्थान और मध्य प्रदेश के बांधों से छोड़े गए पानी का असर ज्यादा पड़ा है। अफसरों का कहना है कि अगले दो दिन नदियों के घटने के आसार नहीं हैं। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने गुरुवार को बाढ़ प्रभावितों का हाल जाना। उन्होंने हवाई सर्वे के बाद अफसरों को आवश्यक निर्देश दिए।


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