मेयर पद के लिए करोड़पति अधिक, अध्यक्ष के लिए लखपति
चुनाव लडऩे वालों में 26.5 प्रतिशत की संपत्ति एक करोड़ से अधिक है। 50 लाख से एक करोड़ के संपत्ति वाले भी 10.8 फीसद हैं। 16.9 प्रतिशत की संपत्ति 25 से 50 लाख रुपये के बीच है।
लखनऊ (जेएनएन)। दूसरे चरण के नगरीय निकाय चुनाव में मेयर पद की दौड़ में शामिल उम्मीदवारों में करोड़पति सबसे अधिक हैं। चुनाव लडऩे वालों में 26.5 प्रतिशत की संपत्ति एक करोड़ से अधिक है। 50 लाख से एक करोड़ के संपत्ति वाले भी 10.8 फीसद हैं। 16.9 प्रतिशत की संपत्ति 25 से 50 लाख रुपये के बीच है। 43.4 प्रतिशत प्रत्याशियों के पास 25 लाख रुपये की संपत्तियां हैं। वहीं, नगर पालिका परिषद व नगर पंचायतों में अध्यक्ष पद का चुनाव लडऩे वाले प्रत्याशियों में लखपतियों की भरमार है।
दूसरे चरण में 25 जिलों के 189 नगर निकायों में चुनाव होने हैं। इसमें छह नगर निगम, 51 नगर पालिका परिषद व 132 नगर पंचायतों में कुल 24622 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। नगर निगम में पार्षद की दौड़ में शामिल प्रत्याशियों में 72 फीसद लखपति हैं। 6.2 फीसद प्रत्याशी करोड़पति हैं। आठ प्रतिशत प्रत्याशी 50 लाख से एक करोड़ के बीच संपत्ति वाले हैं। इस बार के चुनाव में किस्मत आजमा रहे ज्यादातर उम्मीदवार साफ-सुथरी छवि के हैं। मेयर में 90.4 प्रतिशत प्रत्याशियों के एक भी आपराधिक मामले नहीं हैं। केवल 4.8 प्रतिशत प्रत्याशियों के ही विभिन्न थानों में मुकदमे दर्ज हैं।
पार्षदों में भी केवल 4.5 प्रतिशत के क्रिमनल रिकॉर्ड हैं। नगर पालिका परिषद में अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल 94 प्रतिशत के एक भी आपराधिक मामले नहीं हैं। सदस्यों में 96.1 फीसद प्रत्याशियों के एक भी क्रिमनल रिकॉर्ड नहीं हैं। इसी प्रकार नगर पंचायतों में भी अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों में 94.5 प्रतिशत साफ-सुथरी छवि के हैं। केवल 2.8 प्रतिशत ही ऐसे हैं जिनके खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमें दर्ज हैं। सदस्यों के मामले में भी 97.7 फीसद उम्मीदवारों एक भी मुकदमें नहीं हैं।
पांच फीसद को नहीं पता उनके खिलाफ कोई मुकदमा है या नहीं...
मेयर प्रत्याशियों में पांच प्रतिशत को यह नहीं पता है कि उनके खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज है या नहीं। पार्षद प्रत्याशियों में भी चार प्रतिशत को अपने ही अपराधिक रिकॉर्ड के बारे में जानकारी नहीं है। नगर पालिका परिषद में अध्यक्ष पद के प्रत्याशियों में से तीन फीसद व सदस्यों में 3.3 प्रतिशत को इसकी जानकारी नहीं है। नगर पंचायतों में भी अध्यक्ष पद के तीन प्रतिशत प्रत्याशी को अपने अपराधिक इतिहास के बारे में नहीं पता है।
इस बार सभी पदों के लिए युवा उम्मीदवार
इस बार के नगरीय निकाय चुनाव में युवा उम्मीदवार सबसे अधिक हैं। मेयर प्रत्याशियों में 51.8 फीसद उम्मीदवार 45 वर्ष से कम आयु के हैं। पार्षद प्रत्याशियों में 72.5 प्रतिशत युवा हैं। नगर पालिका परिषद में अध्यक्ष पद के लिए 53.6 प्रतिशत युवा हैं। सदस्यों में 73.2 फीसद 45 वर्ष से कम उम्र के हैं। इसी प्रकार नगर पंचायतों में अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लडऩे वाले 52.7 प्रतिशत युवा हैं। सदस्यों में 72.5 प्रतिशत 45 वर्ष से कम उम्र के हैं।
इस बार पढ़े लिखे प्रत्याशी खूब आजमा रहे किस्मत
नगर निगमों में मेयर पद के उम्मीदवारों में 31.3 फीसद स्नातक व 21.7 प्रतिशत परास्नातक हैं। 2.4 प्रतिशत उम्मीदवार तो पीएचडी करने के बाद राजनीति में किस्मत आजमा रहे हैं। केवल 3.6 प्रतिशत उम्मीदवार निरक्षर हैं। प्राइमरी तक पढ़ाई करने वाले छह व जूनियर हाईस्कूल तक 10.8 प्रतिशत हैं। पार्षद पद के उम्मीदवारों में 22 फीसद स्नातक हैं। 7.6 प्रतिशत परास्नातक हैं। इसमें 9.8 प्रतिशत उम्मीदवार निरक्षर हैं। 17 प्रतिशत ने इंटर तक पढ़ाई की है। 10.8 प्रतिशत ने प्राइमरी व 14.6 फीसद ने जूनियर हाईस्कूल की परीक्षा पास की है।
नगर पालिका परिषद व नगर पंचायतों में अंगूठा टेक भी बहुत
नगर पालिका परिषद व नगर पंचायतों में अंगूठा टेक प्रत्याशी भी बहुत हैं। नगर पालिका परिषद में अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों में 6.3 प्रतिशत निरक्षर हैं। सदस्यों में यह संख्या 14.1 प्रतिशत है। नगर पंचायत अध्यक्ष में 11.6 फीसद प्रत्याशी निरक्षर हैं। इसी प्रकार सदस्यों में 16.7 प्रतिशत अंगूठा टेक हैं।