Migrant Workers : किस राज्य में यूपी के कितने श्रमिक और कामगर, हिसाब रखेगी योगी सरकार
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार चाहती है कि वापस आए सभी श्रमिक-कामगारों को यही रोजगार दिया जाए। इसके लिए कार्ययोजना भी बनाई जा रही है।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो] अब तक यह जानते तो सभी थे कि उत्तर प्रदेश के बड़ी संख्या में श्रमिक-कामगार दूसरे राज्यों में जाकर काम-धंधा कर रहे हैं लेकिन, इनकी संख्या से संबंधित कोई ब्योरा नहीं है। कोरोना महामारी के बाद यूपी की योगी सरकार ने प्रवासी श्रमिकों व कामगारों को दूसरे राज्यों से वापस लाने के लिए अभियान चलाया तो काफी मुश्किल झेलनी पड़ी और परेशान श्रमिक भी हुए। इससे सबक लेते हुए सरकार प्रस्तावित श्रमिक कल्याण आयोग में ऐसा प्राविधान करने जा रही है, जिससे पूरा ब्योरा रहे कि किस राज्य में यूपी के कितने श्रमिक और कामगार हैं।
लॉकडाउन की वजह से देश के विभिन्न राज्यों में उत्तर प्रदेश के लाखों श्रमिक और कामगार फंस गए। योगी सरकार ने सभी राज्यों को पत्र लिखकर उनकी व्यवस्था करने का अनुरोध किया। नोडल अधिकारी भी तैनात किए। बसों के अलावा श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं, जिनसे करीब 27 लाख लोग वापस आ चुके हैं। मगर, कई राज्यों से श्रमिकों का सटीक ब्योरा न मिलने व तालमेल सही न हो पाने से हजारों श्रमिकों को पैदल भी घर की ओर रवाना होना पड़ा। अब योगी सरकार चाहती है कि वापस आए सभी श्रमिक-कामगारों को यही रोजगार दिया जाए। इसके लिए कार्ययोजना भी बनाई जा रही है। शुक्रवार को सरकार इसके लिए कुछ प्रमुख औद्योगिक संस्थाओं के साथ अनुबंध भी करने जा रही है।
इसके अलावा सभी श्रमिक-कामगारों को सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा मुहैया कराने के लिए ही सरकार ने श्रमिक कल्याण आयोग गठित करने का भी फैसला किया है। इसी आयोग के तहत प्रवासी श्रमिकों के लिए स्थायी व्यवस्था करने की भी तैयारी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार का कहना है कि मुख्यमंत्री की चिंता यही है कि प्रदेश के बाहर यहां के जो श्रमिक और कामगार रहते हैं, उनके भी आर्थिक-सामाजिक हित सुरक्षित रहें। लॉकडाउन के दौरान देखा गया कि कई राज्यों में ट्रेन खाली खड़ी रहीं लेकिन, वहां की सरकारों ने यूपी के प्रवासियों की सूची तक उपलब्ध नहीं कराई। भविष्य में ऐसी स्थिति से बचने के लिए पूरा ब्योरा रखा जाएगा।
विपक्ष ने शब्दों के मायने अपने तरीके से निकाले : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दिए गए दूसरे राज्यों में श्रमिक-कामगारों पर वापसी के लिए यूपी सरकार की अनुमति संबंधी बयान पर मृत्युंजय कुमार बोले कि मुख्यमंत्री की मंशा सिर्फ प्रदेश के श्रमिक-कामगारों के हितों को लेकर थी। शब्दों के मायने विपक्ष ने अपने तरीके से निकाले होंगे।