Ayodhya Case Verdict: सुप्रीम कोर्ट के संभावित फैसले से पहले मस्जिदों से उठी अमन की आवाज Lucknow News
जुमे की नमाज में सामाजिक सौहार्द बनाए रखने की अपील। इमाम-ए-जुमा ने कहा एक-दूसरे की भावनाओं का रखें ख्याल।
लखनऊ, जेएनएन। अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के संभावित फैसले से पहले शहर की मस्जिदों से अमन का पैगाम दिया गया। शुक्रवार को जुमे की नमाज में इमाम-ए-जुमा ने फैसला आने के बाद सभी से सामाजिक सौहार्द बनाए रखने की अपील की। साथ ही सोशल मीडिया पर भड़काऊ वीडियो व पोस्ट न डालने का एलान किया गया।
बड़े इमामबाड़े की आसिफी मस्जिद में इमाम-ए-जुमा मौलाना कल्बे जवाद ने खुतबे में कहा कि अयोध्या मामले में आने वाले फैसले को लेकर किसी भी तरह की प्रतिक्रिया से परहेज करें। सर्वोच्च न्यायालय जो भी फैसला दे उसका सम्मान करें। उधर, ऐशबाग ईदगाह स्थित मस्जिद में मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने जुमे की नमाज अदा कराई। ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद ने नमाज के खुतबे में सोशल मीडिया पर अयोध्या से जुड़ी कोई भी जानकारी शेयर न करने की अपील की। कहा कि देश की सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का सभी को सम्मान करना चाहिए। फैसला जो आए उसको खुले दिल से स्वीकार्य करें। ऐसा कोई काम न करें, जिससे अशांति फैलने का खतरा हो। नमाज के बाद मस्जिदों में देश में अमन व सुकून कायम रहने के लिए दुआएं कराई गई।
देश सर्वोपरि है...
चौक स्थित मदरसा मखजनुल उलूम में शहर के सभी अनुदानित एवं मान्यता प्राप्त मदरसों की बैठक हुई। बैठक में अयोध्या मामले पर आने वाले फैसले के मद्देनजर शांति बनाएं रखने पर चर्चा की गई। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी बालेंदु कुमार द्विवेदी ने कहा कि हम सभी के लिए देश सर्वोपरि है और न्यायालय के फैसले का सम्मान करना हमारा कर्तव्य है। मदरसा शिक्षकों की जिम्मेदारी है कि वह अपने साथ-साथ दूसरों को भी मुल्क में अमन के लिए प्रेरित करें। इस मौके पर दारुल उलूम फारुकिया काकोरी के मौलाना अब्दुल वली फारुखी, मदरसा खजीनतुल उलूम के प्रधानाचार्य अब्दुल्ला बुखारी व मदरसा मखजनुल उलूम के प्रबंधक इम्तियाज अहमद सहित कई मदरसों के लोग शामिल रहे।