राज्यपाल ने नामंजूर की शबनम की दया याचिका
सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका खारिज होने के बाद शबनम ने राष्ट्रपति और राज्यपाल के पास दया याचिका भेजी थी। सूबे के राज्यपाल राम नाईक ने भी निर्दयी शबनम की दया याचिका को नामंजूर कर दिया है।
लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका खारिज होने के बाद शबनम ने राष्ट्रपति और राज्यपाल के पास दया याचिका भेजी थी। सूबे के राज्यपाल राम नाईक ने भी निर्दयी शबनम की दया याचिका को नामंजूर कर दिया है। अमरोहा जनपद के बावनखेड़ी गांव में 15 अप्रैल 2008 को शिक्षामित्र शबनम ने अपने परिवार के सात सदस्यों को प्रेमी सलीम के साथ मिलकर मौत के घाट उतार दिया था। मामले में 15 जुलाई 2010 को अमरोहा सेशन कोर्ट ने दोनों को मौत की सजा सुनाई थी। हाईकोर्ट ने भी सजा को बरकरार रखा था। दोनों ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी, जिसे दो जजों की पीठ ने 29 अप्रैल को खारिज कर दिया था। इसके बाद राष्ट्रपति और राज्यपाल को दया याचिका भेजी थी। मंगलवार को जेल अधीक्षक बीआर वर्मा ने बताया कि राज्यपाल राम नाईक ने भी दोनों की दया याचिका को खारिज कर दिया है। अब शबनम की पूरी आस राष्ट्रपति से बंधी हुई है। अगर यहां से भी उसकी उम्मीद पूरी नहीं होती तो उसे फांसी लगना तय है।