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Pink बसों में ‘पुरुष’ यात्री, पैनिक बटन में भी दिक्कत-मायने खोने लगी सेवा Lucknow News

महिला सुरक्षा को लेकर निर्भया मद से आई थीं पचास पिंक बसें हुआ था 31 करोड़ रुपया से ज्‍यादा का व्यय। अब महिला कम पुरुष यात्री ज्यादा।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Sat, 18 Jan 2020 05:35 PM (IST)Updated: Sat, 18 Jan 2020 05:35 PM (IST)
Pink बसों में ‘पुरुष’ यात्री, पैनिक बटन में भी दिक्कत-मायने खोने लगी सेवा Lucknow News
Pink बसों में ‘पुरुष’ यात्री, पैनिक बटन में भी दिक्कत-मायने खोने लगी सेवा Lucknow News

लखनऊ [नीरज मिश्र]। महिला सुरक्षा को लेकर निर्भया मद से आई 50 पिंक बसें मायने खोती जा रही हैं। हाल यह है कि अब इसमें महिला कम पुरुष यात्री ज्यादा सफर कर रहें हैं। आय पूरी करने के फेर में कंडक्टर पुरुष यात्रियों बस में बैठा लेते हैं। इसे शुरू करते वक्त एक बड़ा सिस्टम बनाया गया था। इस पर 31.10 करोड़ रुपया व्यय किया गया था। इन बसों में सीसी कैमरा, असुरक्षा की दशा में महिलाओं के लिए पैनिक बटन और उनकी सीधी सुनवाई के लिए इसे यूपी पुलिस के डायल-112 से जोड़ा गया था।

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बाकायदा ट्रेनिंग का दौर चला। यहां तक कि महिला कंडक्टर को पिंक बसों के लिए चुना गया। बावजूद इसके महिला सुरक्षा को लेकर विशेष तौर पर शुरू की गईं यह बसें अब अपने मायने खोती जा रही हैं। मंशा के विपरीत और आदेश दिए जाने के बाद भी चालक-परिचालक सुधरते नहीं दिख रहे हैं।

आपात स्थिति के लिए पैनिक बटन आपात स्थिति मसलन आग लगना, हादसा, असुरक्षित और अवैधानिक स्थान पर बस खड़ी होने, यात्री की हालत गंभीर होने, लूटपाट, हाइजैकिंग, संदिग्ध सामग्री पाए जाने समेत बड़े मसलों पर महिलाएं सीधे पैनिक बटन का प्रयोग कर सकती हैं।

बटन के बेजा इस्तेमाल पर है दो सौ रुपये का अर्थदंड

पैनिक बटन के बेजा इस्तेमाल से बचने के लिए परिवहन निगम प्रशासन ने दो सौ रुपये का अर्थदंड भी लगाये जाने का प्रावधान किया गया है। दरअसल, पिंक बसें यूपी-112 से जुड़ी हैं। बेजा इस्तेमाल किए जाने पर पुलिस के समक्ष दिक्कत खड़ी होगी। बस में अगर कोई छोटी-मोटी समस्या है तो उसे चालक और परिचालक के माध्यम से तय करना होगा। पैनिक बटन दबने के बाद इवेंट की गंभीरता से पड़ताल कर अपराध की प्रकृति के हिसाब से आवश्यक संसाधन यानी एंबुलेंस, अग्निशमन, फारेंसिक टीम, पीआरबी वैन और इंटरसेप्टर को भेजा जाएगा।

त्वरित मदद के लिए इंटरसेप्टर भी

परिवहन निगम ने इन सेवाओं को इंटरसेप्टर से भी जोड़ा है। इसके लिए 40 गाड़ियां आई हैं। इसमें प्रशिक्षित स्टॉफ की तैनाती की गई है, जिनमें रोडवेज की महिला कर्मियों को यूपी 112 से प्रशिक्षित कर उन्हें जोड़ा गया। राजेश वर्मा, मुख्य प्रधान प्रबंधक (संचालन) ने कहा कि महिला सुरक्षा को लेकर आई 50 पिंक बसों में महिला यात्रियों को प्राथमिकता दी जाती है। इनमें वही पुरुष यात्री सफर कर सकते हैं जो महिलाओं के परिवारीजन हैं या फिर उनके साथ हैं। अगर खाली पुरुष सफर कर रहे हैं तो गलत है उन्हें दिखवाया जाएगा। उच्चाधिकारियों से वार्ता कर कड़े निर्देश जारी किए जाएंगे।

बसों में ये हैं खूबियां

  • पैनिक बटन
  • सीसी कैमरा
  • एसी लग्जरी बस
  • यूपी-112 से सीधे जुड़ी।
  • पैनिक बटन में आ रही हैं दिक्कतें

पैनिक बटन में भी दिक्कतें 

पिछले तीन दिन से पैनिक बटन में भी दिक्कतें आ रही हैं। सीधा संपर्क सभी सिस्टमों से नहीं हो पा रहा है।


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