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Swine Flu: मेडिकल छात्रा-नर्स समेत 20 और चपेट में, ऐसे करें बचाव

राजधानी में बढ़े स्वाइन फ्लू के मामले। स्वाइन फ्लू के मरीजों की संख्या पहुंची 154।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 20 Feb 2019 08:28 PM (IST)Updated: Wed, 20 Feb 2019 08:28 PM (IST)
Swine Flu: मेडिकल छात्रा-नर्स समेत 20 और चपेट में, ऐसे करें बचाव
Swine Flu: मेडिकल छात्रा-नर्स समेत 20 और चपेट में, ऐसे करें बचाव

लखनऊ, जेएनएन। राजधानी में बुधवार को स्वाइन फ्लू के मरीजों की संख्या में अचानक तेजी आ गई। एक के बाद एक स्वाइन फ्लू के 20 नए मरीज सामने आ गए। इसमें केजीएमयू के एमबीबीएस की छात्रा और एक नर्स शामिल है। सबसे ज्यादा मामले आलमबाग के हैं, यहां स्वाइन फ्लू के पांच मरीज मिले हैं।

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राजधानी में बुधवार को स्वाइन फ्लू के 20 मामले सामने आए हैं। इसमें 44 वर्षीय आलमबाग निवासी महिला, 23 वर्षीय केजीएमयू की नर्स, 14 वर्ष का विकास नगर निवासी किशोर, 79 वर्ष का मानस इनक्लेव निवासी वृद्ध, 57 वर्षीय आशियाना निवासी महिला, डालीगंज निवासी 40 वर्षीय महिला, एक ही परिवार की आलमबाग निवासी एक साल की दो बच्चियां, 40 वर्षीय जानकीपुरम निवासी महिला, 36 वर्षीय गोमतीनगर निवासी महिला, केजीएमयू के वीएस हॉस्टल की 22 वर्षीय एमबीबीएस छात्रा, 30 साल की रायबरेली निवासी महिला, 70 साल की आशियाना निवासी महिला, 59 वर्षीय आलमबाग निवासी महिला, 58 साल के अवध विहार नवासी पुरुष, 68 वर्षीय जानकीपुरम निवासी पुरुष, 38 वर्षीय आलमबाग निवासी पुरुष, 42 वर्षीय एसजीपीआइ निवासी पुरुष, 53 वर्षीय देवरी लुखारा निवासी पुरुष आदि शामिल हैं। 

स्वाइन फ्लू के लक्षण

सर्दी-जुकाम जैसे लक्षणों के साथ गले में तेज चुभन के साथ दर्द ,सांस फूलना ,खांसी के साथ सीने में दर्द, नाखून नीले पडऩा, आदि स्वाइन फ्लू के गंभीर लक्षण हैं। इसमें नाक और गले के सवाब की जांच की जाती है। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर सरकारी अस्पतालों में स्वाइन फ्लू का निश्शुल्क इलाज किया जाता है। खांसत, छींकते समय अपने मुंह तथा नाक पर रूमाल या टिश्यू पेपर जरूर रखना चाहिए। समय-समय पर हाथों को साबुन से धोते रहें ,घर पर ही आराम करें तथा किसी सार्वजनिक स्थल पर जाने से बचें। रोगी के खांसने और छींकने से इसके कीटाणु वातावरण में आते हैं जो किसी भी वस्तु पर पर छह से आठ घंटे तक जीवित रहते हैं।

ऐसे करें बचाव 

इसके बचाव के लिए बार बार साबुन से हाथ धोते रहें। हाथ मिलाने से बचे, बगैर डॉक्टर की सलाह के दवा न लें। इसके लिए इंफ्लूएंजा वैक्सीन हाई रिस्क ग्रुप के व्यक्तियों को लगाई जाती है। वैक्सीन का इस्तेमाल छह माह से कम उम्र के बच्चों में नहीं किया जाता। गर्भवतियों को यह वैक्सीन अवश्य लगाई जाए। ट्रिपल लेयर सर्जिकल मास्क का इस्तेमाल ही करना चाहिए। 


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