उपभोक्ता उत्पीड़न : जांच में फंसे जांचकर्ता, एमडी मध्यांचल, मुख्य व अधिशासी अभियंता तलब
उत्पीडऩ पर कार्रवाई : विद्युत नियामक आयोग ने पांच मार्च को किया तलब। उपभोक्ता परिषद ने उठाया था मामला।
लखनऊ, जेएनएन। विद्युत नियामक आयोग ने उपभोक्ता के उत्पीडऩ मामले को लेकर पांच मार्च को एमडी मध्यांचल, मुख्य अभियंता (वाणि'य) व अधिशासी अभियंता, राजाजीपुरम को विद्युत अधिनियम-2003 की धारा-142 के तहत नोटिस भेजकर पांच मार्च को तलब किया है। इससे मध्यांचल में हड़कंप मचा हुआ है। दोष सिद्ध होने पर एक लाख तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के बनाए गए कानून के तहत राजाजीपुरम के उपभोक्ता बृजेश मिश्रा को स्वीकृत बिजली लोड की परिधि में निर्माण कार्य कराने के बाद भी अभियंताओं द्वारा विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा-126 के तहत गलत फंसा दिया। पूरे मामले को उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने उठाते हुए ऊर्जा मंत्री से लेकर आयोग तक गुहार लगाई और जांचकर्ताओं की जांच को गलत ठहराते हुए कठघरे में खड़ा कर दिया।
कुछ दिनों पहले मामला जब उप्र विद्युत नियामक आयोग की चौखट पहुंचा तो एमडी मध्यांचल, मुख्य अभियंता वाणिज्य मध्यांचल और राजाजीपुरम के अधिशासी अभियंता को सभी दस्तावेजों के साथ पांच मार्च की दोपहर तीन बजे तलब कर लिया गया। विद्युत नियामक आयोग द्वारा उपभोक्ता परिषद की अवमानना याचिका पर फैसला लिया गया है। उप्र रा'य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि ऊर्जा मंत्री निर्देश बाद भी अब तक उपभोक्ता को न तो न्याय दिया गया और न ही दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की गई।