लोहिया अस्पताल का संस्थान में विलय का आदेश
जागरण संवाददाता, लखनऊ : मुख्यमंत्री ने लोहिया अस्पताल का लोहिया संस्थान में विलय का आदेश जार
जागरण संवाददाता, लखनऊ : मुख्यमंत्री ने लोहिया अस्पताल का लोहिया संस्थान में विलय का आदेश जारी कर दिया है। ऐसे में स्वास्थ्य सचिव ने मंगलवार को प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा को पत्र लिखा है। उन्होंने अस्पताल के हैंडओवर की तिथि के साथ-साथ स्टाफ की प्रतिनियुक्त संबंधी समय स्पष्ट करने को कहा है।
दरअसल, लोहिया अस्पताल का संस्थान में विलय संबंधी मसला दो वर्ष से फंसा था। सपा सरकार ने वर्ष 2016 में ही अस्पताल का विलय संस्थान में करने का फैसला किया था। मगर स्वास्थ्य विभाग अस्पताल को चिकित्सा शिक्षा विभाग के संस्थान को देने के लिए राजी नहीं था। वहीं भाजपा सरकार बनने पर भी दोनों विभागों में खींचतान मची रही। ऐसे में वर्ष 2017 में संस्थान में दाखिला लेने वाले एमबीबीएस के 150 छात्रों का भविष्य दांव पर लग गया। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से एमबीबीएस की मान्यता का खतरा मंडराने लगा। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अस्पताल का संस्थान में विलय का आदेश जारी कर दिया। वहीं संस्थान द्वारा अधिग्रहण की कार्यवाही होने तक अस्पताल का संचालन स्वास्थ्य विभाग द्वारा ही किया जाएगा।
स्टाफ की तैनाती को लेकर जारी होंगे नियम
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सचिव वी हेकाली झिमोमी ने मुख्यमंत्री के आदेशों का हवाला देकर प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा को पत्र लिखा है। इसमें लोहिया अस्पताल को संस्थान द्वारा हैंडओवर करने की तिथि व स्टाफ की प्रतिनियुक्ति संबंधी जानकारी मांगी है। पत्र में कहा गया है कि अस्पताल को संचालन के लिए संस्थान को कितने स्टाफ की आवश्यकता होगी। साथ ही उनके प्रतिनियुक्ति की समय सीमा कितनी रहेगी। वहीं जब तक संस्थान द्वारा अस्पताल का अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी नहीं होती, तब तक स्वास्थ्य विभाग द्वारा उसका संचालन जारी रहेगा।
मेरी सहमति से हुआ विलय : सिद्धार्थनाथ
लोहिया अस्पताल में मंगलवार को स्वास्थ्यमंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने धनवंतरि सेवा केंद्र का उद्घाटन किया। इस दौरान संस्थान में अस्पताल के विलय पर रजामंदी के सवाल पर उन्होंने कहा कि अस्पताल विलय मेरी सहमति से ही हुआ है। शीघ्र ही इस संबंध में प्रक्रियाएं पूरी हो जाएंगी। दरअसल, स्वास्थ्य मंत्री ने पूर्व में अस्पताल का संस्थान में विलय होने से बचाने का दावा किया था। साथ ही एमओयू के जरिए एमसीआइ के मानक पूरा होने को लेकर आश्वस्त किया था। इस दौरान अस्पताल में उन्होंने कंधे का एक्स-रे भी कराया। कब-कब क्या हुआ
-वर्ष 2016 में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अस्पताल का संस्थान में विलय का फैसला किया। मगर चिकित्सा स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा के बीच मामला फंसा रहा।
-वर्ष 2017 में एमबीबीएस सत्र शुरू होने पर विलय को लेकर मामला गरमाया।
-मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 28 अगस्त 2017 को डॉ. एससी राय हॉस्टल के नामकरण कार्यक्रम में अस्पताल के विलय की घोषणा की।
-22 अक्टूबर 2017 को लोहिया अस्पताल के स्थापना दिवस पर स्वास्थ्यमंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने विलय से नकारा, एमओयू कराने पर सहमति जताई।
-27 अक्टूबर को मातृ-शिशु रेफरल अस्पताल का नामकरण व सेवाओं के शुभारंभ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अस्पताल के विलय की दोबारा घोषणा की।