लखनऊ में मोबाइल पर 'ब्लड' उपलब्ध कराने का अभियान चला रही है यह संस्था
रक्त पूरक संस्था के वाट्सएप नंबर 7607609777 पर बने चार समूहों पर लखनऊ समेत आसपास के क्षेत्रों से हर दिन 20-25 जरूरतमंद रक्त के लिए मैसेज या कॉल करते हैं।
जागरण संवाददाता, लखनऊ: रक्तदान महादान ही नहीं जीवनदान भी है। शहर की 'रक्त पूरक संस्था' ने इस बात को अपना मूल मंत्र बना लिया है। खून की कमी से किसी मरीज की जान न जाए इसलिए यह संस्था मोबाइल पर तत्काल ब्लड मुहैया कराने का अभियान चला रही है। खास बात यह कि संस्था के एक हजार से अधिक रक्तदाता लखनऊ समेत विभिन्न प्रांतों के कई जिलों में सक्रिय हैं। वह जरूरतमंदों को मौका पड़ने पर फ्री में रक्तदान करवाती है। उनकी कोशिश है कि खून की कमी को शीघ्र पूरी कर किसी मरीज को नया जीवन दिला सकें। संस्था के अध्यक्ष बलराज ढिल्लन की अगुवाई में रक्तदाता व्हाटसएप ग्रुप के जरिए लंबे समय से लोगों को जरूरत पडऩे पर रक्त उपलब्ध करा रहे हैं।
उम्र 37 साल, रक्तदान किया 59 बार
राजाजीपुरम निवासी बलराज बताते हैं कि वह खुद 37 वर्ष की उम्र में 59 बार रक्तदान कर चुके हैं। 18 वर्ष की उम्र में उन्होंने पहली बार रक्तदान किया था। पहली पर खून दान करने से घबराहट दूर हुई और खुद को सुकून भी मिला। इसके बाद हर तीन से छह महीने में जब भी कोई जरूरतमंद मिलता है वह रक्तदान करते हैं। उनका यह प्रयास आज समूह में बदल गया है। उनके चार व्हाटसअप ग्रुप में एक हजार से अधिक रक्तदाता जुड़े हैं, जो किसी भी समय किसी क्षेत्र में रक्तदान के लिए तत्पर रहते हैं।
हर दिन 20-25 लोगों की कराते हैं मदद
रक्त पूरक संस्था के वाट्सएप नंबर 7607609777 पर बने चार समूहों पर लखनऊ समेत आसपास के क्षेत्रों से हर दिन 20-25 जरूरतमंद रक्त के लिए मैसेज या कॉल करते हैं। संस्था के सदस्य पहले मरीज की असलियत परखते हैं। उसे कहां, कब और किस ग्रुप का रक्त चाहिए, यह विवरण नोट करने के बाद संबंधित क्षेत्र के रक्तदाता को सूचित करते हैं। वहां से कोई रक्तदाता निकट के ब्लड बैंक जाकर रक्तदान करता है और तीमारदार को उसके बदले जरूरत वाले ग्रुप का रक्त दिलाता है।बलराज बताते हैं कि सबसे अधिक कैंसर, डायलसिस, दुर्घटनात्मक केस में रक्तदान के लिए कॉल या मैसेज आती है।
यहां भी सक्रिय है समूह
बलराज बताते हैं कि चार समूहों में उत्तर प्रदेश के अलावा भी कई राज्यों के लोग जुड़े हैं। रक्त के लिए जिस जिले से भी मैसेज या कॉल आती है, वहां के सक्रिय सदस्य को सूचित किया जाता है। यदि उसे रक्तदान किए तीन महीने बीत चुके होते हैं तो वह खुद खून देता है अन्यथा अपने समूह के किसी साथी से रक्तदान कराता है।
एक कॉल या मैसेज पर तत्काल इन्हें मिली मदद
उदाहरण 1 जानसन उम्र एक साल। बीमारी ब्लड कैंसर। पीजीआई में भर्ती है। पिछले सप्ताह दो यूनिट 'ओ' निगेटिव खून की जरूरत थी। रक्त पूरक वाट्सएप ग्रुप पर मरीज के पिता ने मदद की गुहार लगाई। इस पर तत्काल उन्हें मैसेज दिया गया कि रक्तदाता ब्लड बैंक पहुंच रहे हैं। थोड़ी देर में ब्लड बैंक में डोनर ने रक्तदान किया और बदले में तीमारदार को रक्त मिल गया।
उदाहरण 2 13 साल का आयुष इन दिनों इलाहाबाद के कमला नेहरू अस्पताल में भर्ती है। रक्त पूरक ग्रुप पर परिजनों ने कुछ दिन पहले मदद की गुहार लगाई। ग्रुप संचालक बलराज ढिल्लन ने जबाव दिया और वहां के डोनर को फोन कर ब्लड बैंक भेजा। डोनर ने भी जरूरत को देखते हुए तुरंत ब्लड बैंक पहुंचकर रक्तदान किया और बदले में तीमारदार को रक्त मिल गया।