लखनऊ के यह लोग स्मार्ट सिटी बनाने के मॉडल पर कर रहे काम
गोमतीनगर में यहां चोरी की वारदातें बढ़ रहीं थीं। इस पर नियंत्रण के लिए महासमिति ने कॉलोनियों में बाउंड्रीवाल संग गेट लगवाने की पहल की। इसके साथ सुरक्षा गार्ड भी तैनात किए।
जागरण संवाददाता, लखनऊ: सिर्फ संसाधनों से ही शहर का विकास नहीं हो सकता। इसके लिए जन सहभागिता भी जरूरी है। गोमतीनगर जनकल्याण महासमिति ने इस बात को भलीभांति समझा और अपना मूलमंत्र बना लिया। विकास में किसी इलाके से पीछे न रह जाएं, इसलिए सरकार के कार्यों में जन भागीदारी बढ़ाई। अपने अधिकारों के लिए भी लड़ाई लड़ी।
महासमिति की कोशिश है कि गोमतीनगर विकसित होने के साथ ही स्मार्ट सिटी का मॉडल भी बने। गोमतीनगर व विस्तार क्षेत्र में 44 खंड हैं। इन खंडों में एक-एक उपखंड समितियां गठित हैं। वर्ष 1991 में इन समितियों को मिलाकर जन कल्याण महासमिति का गठन किया गया। तब से महासमिति जन समस्याओं के निस्तारण संग विकास की लड़ाई लड़ रही है।
महासचिव डॉ. राघवेंद्र शुक्ल बताते हैं कि दो दशक पहले यहां के नागरिक बिजली, पानी, सड़क जैसी मूलभूत समस्याओं से हमेशा परेशान रहते थे। दो-चार लोग शिकायतें करते तो अधिकारी व जनप्रतिनिधि संज्ञान नहीं लेते थे। इसीलिए जन कल्याण महासमिति का गठन हुआ। हम एकजुट हुए तो हमारी बातें भी सुनीं जाने लगीं। नाली, सीवर, सड़क, बिजली, पानी जैसी छोटी किंतु जरूरी सुविधाएं लोगों को मिलने लगीं। खास बात यह कि महासमिति छोटी-मोटी समस्याओं का निस्तारण आपसी सहयोग से भी कर लेती है, जबकि बड़ी समस्याओं को लेकर पदाधिकारी शासन-प्रशासन तक अपनी परेशानी पहुंचाते हैं और निस्तारण कराते हैं।
जागरूकता का चला रहे अभियान
महासमिति अध्यक्ष बीएन सिंह बताते हैं कि स्थानीय लोगों की समस्याओं के निस्तारण कराने के साथ ही बिजली, पानी के सदुपयोग को लेकर जागरूकता अभियान भी चलाया जाता है। हर महीने तय कार्यक्रम के अनुसार रैली, सभाएं की जाती हैं। विशेषज्ञों के व्याख्यान भी कराते हैं। सचिव रूप कुमार शर्मा बताते हैं कि अगस्त में यातायात नियमों की जानकारी, जल व पर्यावरण संरक्षण आदि को लेकर आठ रैलियां की गईं हैं। इसी क्रम में 30 सितंबर को स्वच्छता जागरूकता रैली आयोजित की जाएगी।
हर खंड में लगते हैं कैम्प , मुफ्त में सेहत की जांच
महासमिति नागरिकों की सेहत को लेकर भी फिक्रमंद रहती है। हर महीने खंडवार स्वास्थ्य शिविर लगाए जाते हैं, जिसमें लोगों की सेहत की जांच कराने के साथ ही नि:शुल्क दवाएं भी दी जाती हैं। यदि किसी को गंभीर रोग होता है तो उसकी आर्थिक मदद की जाती है। साथ ही समय-समय पर कार्यशालाएं आयोजित कर लोगों स्वास्थ्य के प्रति सचेत भी किया जाता है।
सुरक्षा की पहल
गोमतीनगर की आवासीय कॉलोनियों में स्थानीय के साथ ही बाहरी लोगों का भी बसेरा है। ऐसे में यहां चोरी की वारदातें बढ़ रहीं थीं। इस पर नियंत्रण के लिए महासमिति ने कॉलोनियों में बाउंड्रीवाल संग गेट लगवाने की पहल की। इसके साथ ही सुरक्षा गार्ड भी तैनात किए। ऐसे में लोगों को अपने सामानों के रखवाली की चिंता दूर हो गई।