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बसपा प्रमुख ने सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण संबंधी फैसले पर भाजपा को घेरा

बसपा प्रमुख मायावती ने आज आरोप लगाया कि उप्र में आरक्षण व्यवस्था निष्क्रिय पड़ी है। अभियान चलाकर पदोन्नति में आरक्षण दिया जाए।

By Nawal MishraEdited By: Published: Wed, 06 Jun 2018 08:05 PM (IST)Updated: Wed, 06 Jun 2018 08:05 PM (IST)
बसपा प्रमुख ने सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण संबंधी फैसले पर भाजपा को घेरा
बसपा प्रमुख ने सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण संबंधी फैसले पर भाजपा को घेरा

लखनऊ (जेएनएन)। अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग के कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण देने पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बसपा प्रमुख मायावती ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा। बुधवार को जारी बयान में उन्होंने आरोप लगाया कि गत कई वर्ष से देश व खासकर उप्र में यह व्यवस्था निष्क्रिय पड़ी है। उन्होंने अभियान चलाकर पदोन्नति में आरक्षण प्रदान करने को कहा।

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उन्होंने कहा कि इसके लिए संविधान में संशोधन विधेयक को राज्यसभा में काफी संघर्ष के बाद पारित कराया लेकिन, गत चार वर्षों से लोकसभा में लंबित है। इस कारण इन वर्गों के कर्मचारियों को अपूर्णीय क्षति हो रही है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा सरकारों को कानूनन पदोन्नति में आरक्षण देने के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मायावती ने आरोप लगाया कि पहले कांग्रेस और अब नरेंद्र मोदी सरकार जातिवादी मानसिकता को त्यागने के लिए तैयार नहीं। इसी वजह से संविधान संशोधन विधेयक पर सहमति बनने के बावजूद लोकसभा में इसे पारित नहीं कराया गया। इसी तरह लोकपाल की नियुक्ति भी लंबित है।

मायावती ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की तरह भाजपा सरकारें भी सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए दिखावटी सहानुभूति जताकर एससी-एसटी वर्ग को गुमराह कर रही है। उनकी नीति व कार्यप्रणाली मुंह में राम व बगल में छुरी जैसी है। ठोस काम करने में उनका रिकार्ड जीरो रहा है। भाजपा शासित राज्यों में दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों पर हो रही जुल्म ज्यादती किसी से छिपी नहीं है। उनके संवैधानिक अधिकारों को धीरे धीरे छीनने का काम किया जा रहा है। नौकरियों आदि पर एक प्रकार से प्रतिबंध ही लगा है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने के बाद केंद्र व राज्य सरकारों को अपने सभी पुराने निर्णयों की समीक्षा करते हुए एससी-एसटी वर्ग के कर्मचारियों पर हुए अन्याय को दुरुस्त करना चाहिए।


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