Mayawati ने समीक्षा बैठक में BJP पर बोला हमला; कहा- 'वोट हमारा राज तुम्हारा' का प्रचलन अब नहीं चलेगा
निकाय चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने गुरुवार को पार्टी के प्रमुख पदाधिकारियों के साथ बैठक कर हार के कारणों की समीक्षा की गई। इसके अलावा अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव में की रणनीति पर मंथन किया।
लखनऊ, जेएनएन: निकाय चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने गुरुवार को पार्टी के प्रमुख पदाधिकारियों के साथ बैठक कर हार के कारणों की समीक्षा की गई। इसके अलावा अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव में सत्ताधारी भाजपा की जनविरोधी चुनौतियों से मुकाबला करने की रणनीति पर मंथन किया।
बसपा प्रमुख ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि अपनी कमियां छिपाने के लिए चुनाव में सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग, दमनकारी व्यवहार, धर्म का राजनीतिक स्वार्थ के लिए इस्तेमाल किया गया जो कि लोकतंत्र के लिए घातक है।
मायावती ने कहा कि भाजपा सरकार की जनविरोधी चुनौतियों का डटकर मुकाबला करने के लिए ठोस रणनीति बनाकर लोकसभा चुनाव की तैयारियों में पार्टी जुटेगी। कहा कि 'वोट हमारा राज तुम्हारा' के प्रचलन को आगामी लोकसभा चुनाव में बदलने के लिए गाँव-गाँव अभियान चलाया जाएगा।
मायावती ने कहा प्रदेश की गरीबी-लाचारी तथा पिछड़ेपन को दूर करके अपनी बेहतरी व अपने परिवार के उज्जवल भविष्य के लिए बदलाव की चाह रखने वाले लोगों के लिए बसपा को सत्ता परिवर्तन का सही व सार्थक विकल्प बनने की जरूरत है।
निकाय चुनाव में के परिप्रशय में पार्टी के कार्यकलापों की जिला व मण्डलवार समीक्षा के दौरान उन्होंने आगे की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए पार्टी संगठन में जरूरी सुधार किये तथा इस प्रक्रिया को निचले स्तर तक जारी रखने का निर्देश दिया।
जमीनी स्तर पर मेहनती, ईमानदार लोगों को बढ़ाने के निर्देश
जमीनी स्तर पर मेहनती, ईमानदार व मिशनरी लोगों को बढ़ाने का निर्देश देते हुए कहा कि निकाय चुनाव में लोगों की आपसी गुटबाजी, रंजिश व मनमुटाव तथा चुनाव में टिकट नहीं मिल पाने आदि के कारण हालात थोड़े भिन्न जरूर रहते हैं, जिसको ध्यान में रखकर ही आगे संगठन के मजबूती की कार्रवाई करने की जरूरत है।
मेयर का चुनाव यदि बैलेट पेपर से होता तो तस्वीर अलग होती
मेयर का चुनाव भी यदि ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से होता तो निश्चय ही चुनाव परिणाम की तस्वीर कुछ और ही होती। सपा की नकारात्मक राजनीति को भी लोगों ने पसंद नहीं किया, जबकि खासकर आगरा व सहारनपुर के मेयर चुनाव में बी.एस.पी. को घिनौना षडयंत्र करके हरा दिया गया।