मायावती का केन्द्र सरकार पर हमला, बोलीं- महंगाई और बेरोजगारी की तरह रुपये के अवमूल्यन को हल्के में न ले सरकार
बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने रुपये की लगातार गिरावट को लेकर केन्द्र सरकार पर हमला बोला है। मायावती ने कहा कि रुपये के लगातार गिरने से देश की अर्थव्यवस्था चरमरा रही है। सरकार को इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए।
लखनऊ, जेएनएन। बसपा सुप्रीमों और यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भारतीय करेंसी रुपये की डालर के मुकाबले लगातार जारी गिरावट पर केन्द्र सरकार पर हमला बोला है। मायावती ने कहा कि सरकार महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी की तरह रुपये के अवमूल्यन को हल्के में न ले। रुपये के गिरने से देश की अर्थव्यवस्था चरमराती है व मनोबल भी टूटता है।
भारतीय रुपये की विश्व बाजार में लगातार गिरावट
बसपा प्रमुख मायावती ने ट्वीट कर कहा कि, 'भारतीय रुपये की विश्व बाजार में लगातार गिरावट भले ही सरकार के प्रतिष्ठा से सीधे तौर पर न जुड़ी हो तथा लोगों को भी इसकी खास चिन्ता न हो, किन्तु इससे देश की अर्थव्यवस्था चरमराती है व मनोबल भी टूटता है। सरकार महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी की तरह रुपये के अवमूल्यन को हल्के में न ले।'
इतना ही नहीं मायावती ने यह भी कहा कि विदेशी मुद्रा भण्डार के भी घटकर दो साल के निचले स्तर पर आ जाने की खबर सुर्खियों में है व रिजर्व बैंक व अन्य सभी चिन्तित व व्याकुल। इसलिए सरकार की गलत आर्थिक नीतियों व प्राथमिकताओं का इसे दोष मानने के आरोप-प्रत्यारोप में न उलझ कर इस ओर त्वरित प्रभावी कदम उठाने की जरूरत।
मुफ्त राशन बंद करने पर मायावती ने किया था हमला
इससे पूर्व 11 सितंबर को मायावती ने कहा था कि देश की विशाल आबादी जबर्दस्त महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी आदि की समस्या से आज भी लगभग वैसी ही दुःखी व त्रस्त है जैसे कोरोनाकाल से ही झेलने को मजबूर है। अतः पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत् मिलने वाला मुफ्त राशन बंद करके इनके मुंह का निवाला छीनना अनुचित व अन्यायपूर्ण होगा।
यही मुख्य कारण है कि विभिन्न राज्यों की सरकारें इस अन्न योजना को सितम्बर महीने के बाद आगे और भी समय तक जारी रखने का दबाव केन्द्र सरकार पर बना रही हैं। वैसे भी केन्द्र की सरकार को, व्यापक जनहित के मद्देनजर, इस पर समुचित व सहानुभूतिपूर्वक ध्यान जरूर देना चाहिए, बीएसपी की यह माँग।
बता दें कि रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर को भी तोड़कर 81 पर पहुंच गया है। इस साल की बात करें तो रुपया 8.48 फीसदी टूट चुका है।