शब-ए-बरात : धर्मगुरुओं ने की अपील, कब्रिस्तान पर न जाए, घरों में रहकर ही करें इबादत
लखनऊ के ऐशबाग ईदगाह क इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने लोगों से शब-ए-बरात में घर पर इबादत करने की अपील की।
लखनऊ, जेएनएन। ऐशबाग ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने शब-ए-बरात पर कब्रिस्तान न जाने की अपील की है। उन्होंने इस दिन खुद के साथ समाज की सुरक्षा के उपायो पर अमल करने की गुजारिश की है। मौलाना ने कहाकि गुरुवार को जुमेरात शाबान की 15वीं रात है, यही रात शब-ए-बरात की रात होती है। इस दिन मुसलमान अपने दिवंगत पूर्वजों की कब्रो पर जाकर फातेहा पढ़ते हैं और दुआ करते हैं। कोरोना से सतर्कता और लॉक डाउन के पालन में प्रशासन का सहयोग करने के लिए मुस्लिम समाज से घर पर ही फातेहा पढ़ें।
वहीं इदारा- ए- शरिया फिरंगी महल के अध्यक्ष व शहर काजी मुफ्ती अबुल इरफान मियां फिरंगी महली ने भी शबए-ए- बरात को सभी को घर में ही रहने की अपील की है। अपने पुरखों वा परिवारजनों का फातेहा घर पर ही पढ़े। बेगमातरॉयल फैमिली आॅफ अवध की राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रिंसेस फरहाना मालिकी ने मुस्लिम समाज के लोगों से अपील की है कि इस हालात में कब्रिस्तान के बजाय घर पर रहे और गरीबों की मदत करें। पटाखे आदि न जलाएं और घरों में सादगी से दुआ करें कि समाज से कोरोना दूर हो जाए।
शहर काजी ने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर मुल्क में जो माहौल है इसमें हमारा मजहब कब्रिस्तान जाने व जलसा करने की इजाजत नहीं देता। नौ अप्रैल को शबए-ए- बरात को सभी लोग घरों में ही रहें। घरों में ही अपने पुरखों की नजर करें। इस दिन समाज के लोग कब्रिस्तान में उनकी कबरों पर जाकर फातेहा पढ़ते हैं और फूल चढ़ाते हैं। गरीबों को भोजन कराते हैं। मुस्लिम संगठनों की ओर से जगह-जगह जलसा वा लंगरहोते हैं। इन सब को स्थगित करने की अपील की है। लॉक डाउन के ब्रेक होने का डर है लिहाज़ा मुसलमान कब्रिस्तान पर कतई ना जाए वह अपने पुरखों वा परिवारजनों का फातेहा घर पर ही पढ़े हैं जहां तक गरीबों के भोजन कराने की बात है तो इससे अच्छा और क्या मौका होगा कि समाज के गरीब और जरूरतमंदों को भोजन कराया जाए।