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Conversion Case: अवैध मतांतरण में मौलाना कलीम सिद्दीकी के तीन सहयोगी भी गिरफ्तार, फंडिंग के कई राजफाश

Conversion Case एटीएस ने मौलाना कलीम सिद्दीकी से मिली जानकारियों के आधार पर उसके तीन सक्रिय सहयोगियों को गिरफ्तार किया है। कलीम की संस्था जामिया ईमाम वलीउल्ला ट्रस्ट के खाते में अब तक 20 करोड़ रुपये से अधिक की फंडिंग के साक्ष्य जुटाए जा चुके हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sun, 26 Sep 2021 08:05 PM (IST)Updated: Mon, 27 Sep 2021 01:18 AM (IST)
Conversion Case: अवैध मतांतरण में मौलाना कलीम सिद्दीकी के तीन सहयोगी भी गिरफ्तार, फंडिंग के कई राजफाश
उत्तर प्रदेश में अवैध मतांतरण में मौलाना कलीम सिद्दीकी के तीन सहयोगी भी गिरफ्तार किए गए हैं।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। गहरी साजिश के तहत मतांतरण के खेल में गिरफ्तार मौलाना कलीम सिद्दीकी (64) से पूछताछ में विदेश से फंडिंग से लेकर हवाला नेटवर्क से जुड़े कई राज उजागर हुए हैं। आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने कलीम से पूछताछ में सामने आई जानकारियों के आधार पर की गई छानबीन के बाद उसके तीन सक्रिय सहयोगियों को गिरफ्तार किया है। कलीम की संस्था जामिया ईमाम वलीउल्ला ट्रस्ट के खाते में अब तक 20 करोड़ रुपये से अधिक की फंडिंग के साक्ष्य जुटाए जा चुके हैं। जबकि ट्रस्ट के चार से अधिक खातों की अभी छानबीन चल रही है। अवैध मतांतरण के लिए एक मदरसे का संचालन किए जाने का तथ्य भी सामने आया है। जल्द कलीम के कुछ अन्य सहयोगियों को भी गिरफ्तार किया जा सकता है।

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एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार के अनुसार मौलाना कलीम के सहयोगी मुजफ्फरनगर के खतौली निवासी मु.इदरीस कुरैशी, मुजफ्फरनगर के ग्राम फुलत निवासी मु.सलीम व नासिक निवासी कुणाल अशोक चौधरी उर्फ आतिफ को गिरफ्तार किया गया है। तीनों अवैध मतांतरण के सिंडिकेट से जुड़े होने के साथ ही विदेश से हवाला के जरिये भी फंडिंग कराते थे। अवैध मतांतरण के मामले में एटीएस मौलाना उमर गौतम व मौलाना कलीम समेत अब तक कुल 14 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है।

आइजी एटीएस जीके गोस्वामी के अनुसार कुणाल चौधरी मेडिकल की पढ़ाई करने रूस गया था और भारत में मेडिकल प्रेक्टिस करने के लिए एमसीआइ (मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया) की परीक्षा पास करना चाहता था। तभी वह मौलाना कलीम के संपर्क में आया था। कलीम ने उसे एमसीआइ की परीक्षा पास कराने का प्रलोभन देकर अपने चंगुल में फंसाया था और रूस में रहने के दौरान कुणाल का मतांतरण करा दिया गया। कुणाल का नाम आतिफ रखा गया था और वह करीब दो वर्षों से अवैध मतांतरण के सिंडीकेट का सक्रिय सदस्य था।

आइजी के अनुसार आतिफ एमसीआइ की परीक्षा पास नहीं कर सका था, इसके बावजूद नासिक में रहकर अपनी क्लीनिक का संचालन कर रहा था। वह क्लीनिक में आने वाले मरीजों को मतांतरण के लिए उकसाता था और उन्हें तरह-तरह के प्रलोभन देकर मौलाना कलीम से उनका संपर्क कराता था। उल्लेखनीय है कि एटीएस ने 21 सितंबर को मौलाना कलीम को मेरठ से गिरफ्तार किया था और उसे पुलिस रिमांड पर लेकर नए सिरे से पूछताछ शुरू की है। मौलाना कलीम के तीनों सहयोगियों को भी अवैध मतांतरण गिरोह के विरुद्ध 20 जून को एटीएस थाने में दर्ज मुकदमे के तहत गिरफ्तार किया गया है।

 20 वर्षों से हो रही थी मदरसे के लिए फंडिंग : एटीएस के अनुसार आरोपित इदरीस कुरैशी मौलाना कलीम की संस्था द्वारा संचालित मदरसा जमियातुल इमाम वलीउल्लाह अल इस्लामिया से करीब 20 वर्षों से जुड़ा है। मदरसे के संचालन में मदद के साथ ही वह मदरसे के लिए फंड जुटाने का काम करता था। इस मदरसे को भी अवैध मतांतरण के एक केंद्र रूप में प्रयोग किया जा रहा था।

तीन माह में बना लिया 60 लाख का मकान : अवैध मतांतरण के लिए विदेश तक से हो रही फंडिंग की रकम से मौलाना कलीम व उसके सहयोगी अपनी संपत्तियां बनाने में भी जुटे थे। एटीएस अधिकारियों के अनुसार इदरीस कुरैशी ने बीते तीन माह में मुजफ्फरनगर में करीब 60 लाख रुपये की लागत से मकान बनवाया था और करीब ढाई लाख रुपये की मोटरसाइकिल भी खरीदी थी। मौलाना कलीम व इदरीस की मुजफ्फरनगर व दिल्ली में कई संपत्तियां होने की बात भी सामने आई है, जिनकी जानकारी जुटाने का प्रयास किया जा रहा है।

विदेश से मोटी रकम मिलने की बात स्वीकारी : आइजी एटीएस का कहना है कि मौलाना कलीम ने पूछताछ में अवैध मतांतरण के लिए विदेश में बैठे सहयोगियों से मोटी रकम मिलने की बात स्वीकार की है। फंडिंग के जरिए व्यक्तिगत तौर पर काफी आर्थिक लाभ होने की बात भी स्वीकार की है।

सहयोगियों को देता था लाखों रुपये : मौलाना कलीम के ट्रस्ट के इंडियन बैंक के खाते में बैंक आफ बहरीन एंड कुवैत से भी करीब डेढ़ करोड़ रुपये आए हैं। ट्रस्ट के खातों से बड़ी रकम मौलाना कलीम ने अपने सहयोगियों को अवैध मतांतरण कराने के लिए दी है। मु.सलीम करीब 17 वर्षों से अवैध मतांतरण कराने में इदरीस के साथ जुड़कर मौलाना कलीम का सहयोग कर रहा था। कलीम सहयोगियों को लाखों रुपये देता था।


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