Mass Religion Conversion in UP: अवैध मतांतरण में तीन और गिरफ्तार, उत्तर प्रदेश एटीएस को मिली बड़ी सफलता
Mass Religion Conversion UP सोमवार को उत्तर प्रदेश एटीएस ने मतांतरण के मामले में तीन और लोगो को गिरफ्तार किया है। उत्तर प्रदेश एटीएस की टीम ने राहुल भोला मन्नू और इरफान खान को गिरफ्तार किया है। मन्नू यादव को हरियाणा के गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया है।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में साजिश के तहत एक हजार से अधिक लोगों का मतांतरण कराए जाने के मामले में मुख्य आरोपी मुहम्मद उमर गौतम से पूछताछ में सामने आए तथ्यों के बाद यूपी एटीएस के हाथ बड़ी सफलता लगी है। एटीएस ने उमर गौतम के तीन अन्य सक्रिय साथियों को गिरफ्तार किया है। इनमें केंद्रीय बाल कल्याण मंत्रालय में तैनात इंटरप्रेटर इरफान ख्वाजा शेख भी शामिल है जो उमर गौतम को मूक-बधिर व अनाथ बच्चों की जानकारियां देता था।
एटीएस का दावा है कि दिल्ली स्थित उमर गौतम की संस्था इस्लामिक दावाह सेंटर (आइडीसी) का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर धर्म परिवर्तन कराने वाले बिलाल फिलिप से गहरा कनेक्शन है। उमर सीधे तौर पर बिलाल फिलिप से भी जुड़ा था। सूत्रों का कहना है कि बिलाल फिलिप देश में अवैध धर्मांतरण कराने वाले जाकिर नाइक के भी संपर्क में रहा है। जांच एजेंसियों के डर से जाकिर नाइक विदेश भाग चुका है। एटीएस की जांच का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। उसके निशाने पर इस गिरोह के कई और सक्रिय सदस्य भी हैं।
एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने सोमवार को पत्रकार वार्ता में बताया कि एटीएस ने हरियाणा के गुरुग्राम निवासी मन्नू यादव उर्फ अब्दुल मन्नान, महाराष्ट्र के बीड़ निवासी इरफान शेख व दिल्ली के उत्तमनगर निवासी राहुल भोला को गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से तीन लैपटाप, कई बैंकों की चेकबुक, पासबुक व अन्य दस्तावेज मिले हैं। इरफान शेख दिल्ली में केंद्रीय बाल कल्याण मंत्रालय में इंटरप्रेटर है। वह मूकबधिरों को प्रलोभन देकर इस्लाम कबूल कराने में मदद करता था। राहुल भोला और अन्नू यादव भी मूक बधिर हैं और वे बाकी मूक-बधिर बच्चों को धर्मांतरण करने के लिए इस रैकेट की मदद करते थे।
कानपुर के आदित्य गुप्ता के मतांतरण में मन्नू यादव और राहुल भोला ने सक्रिय भूमिका निभाई थी। मन्नू यादव ने इस्लाम कबूल करने के बाद अपने घर में रखी भगवान की मूर्तियों को भी तोड़ दिया था। मन्नू व राहुल भोला भी मूक-बधिर हैं। बताया गया कि उमर गौतम ने अपने परिवारीजन के नाम पर भी कई बैंक खाते खोल रखे थे, जिनमें भी विदेशों से रकम आई है। असम की संस्था मारकाजुल मारिफ से भी उसको बड़ी रकम मिली थी। उमर गौतम वर्ष 2001 से 2010 तक असम की इस संस्था से जुड़ा रहा।
असम की इस संस्था के विरुद्ध 2020 में फेमा एक्ट समेत अन्य धाराओं में एफआइआर भी दर्ज हुई थी। उमर गौतम ने असम की संस्था में काम छोडऩे के बाद वर्ष 2010 में दिल्ली आकर अपनी संस्था खोली थी। असम की संस्था के खातों से भी उमर की संस्था आइडीएस के खातों में लेनदेन सामने आया है। सूबे में अलीगढ़, कानपुर, लखनऊ, मथुरा, आगरा, वाराणसी, मेरठ, सहारनपुर, बिजनौर, गाजियाबाद व गौतमबुद्धनगर समेत 32 जिलों में पुलिस की मदद से भी छानबीन की जा रही है। एटीएस ने इनमें 27 जिलों के एसपी को पत्र भी लिखा है।
उत्तर प्रदेश एटीएस ने बीते सोमवार को हजार से अधिक लोगों का मतांतरण कराने वाले उमर गौतम तथा जहांगीर फाकरी को पकड़ा था। दिल्ली के जामिया नगर से मुफ्ती काजी जहांगीर आलम (निवासी जोगाबाई, जामिया नगर, नई दिल्ली) और मोहम्मद उमर गौतम (निवासी बाटला हाउस, जामिया नगर, नई दिल्ली) को एटीएस ने गिरफ्तार किया था। इन पर हजार से अधिक मूक-बधिर छात्रों और निर्धन लोगों को धन, नौकरी व शादी का लालच देकर धर्मांतरण कराने का आरोप है। प्रशांत कुमार ने बताया कि प्रकाश में आया है कि अभियुक्त उमर गौतम द्वारा अपनी तथा अपने परिवार के व्यक्तिगत बैंक खातों का प्रयोग विदेशों से धन लेने के लिए किया गया है। यह फॉरेन करेंसी रेगुलेशन एक्ट 2010 के प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन है।
उमर व उसकी संस्था के खाते में आए थे 1.83 करोड़ : आइजी एटीएस जीके गोस्वामी ने बताया कि उमर गौतम व उसकी संस्था के खातों में पिछले कुछ वर्षों में करीब 1.83 करोड़ रुपये आए थे। कई अन्य खातों में भी बड़ी रकम आई है। हवाला के जरिए भी ट्रांजेक्शन सामने आए हैं। अब तक 1.83 करोड़ रुपये का जो ब्योरा सामने आया है, उसमें करीब 50 लाख रुपये कतर, रिसाद व आबुधाबी से भेजे गए थे। शेष रकम अन्य स्त्रोतों व कुछ संस्थाओं के जरिए आई थी। इसके अलावा फातिमा चैरिटेबल ट्रस्ट के खातों में भी फंडिंग के प्रमाण मिले हैं।
बिलाल के साथ किया था एमओयू : एटीएस की जांच में यह भी सामने आया है कि वर्ष 2006 में दोहा में उमर गौतम ने बिलाल फिलिप से मुलाकात के बाद उसके साथ इस्लामिक एजुकेशन के लिए एमओयू भी किया था। बिलाल के पास कनाडा की नागरिकता भी है। बताया गया कि बिलाल फिलिप ने फिलिपींस में एक इस्लामिक विश्वविद्यालय का आनलाइन संचालन शुरू किया था। इस विश्वविद्यालय की गतिविधियां संदिग्ध पाए जाने के बाद उसे प्रतिबंधित कर दिया गया था। वर्ष 2014 में उसे गिरफ्तार किया गया था।
मुजफ्फरपुर का कनेक्शन : कानपुर में हुए धर्मांतरण के मामले का बिहार के मुजफ्फरपुर का कनेक्शन सामने आया। मुजफ्फरपुर में भी जांच शुरू हो गई है। यूपी एटीएस के पदाधिकारी ने मुजफ्फरपुर के हथौड़ी थानाक्षेत्र निवासी एक युवक रागिब असलम को तलब किया। हथौड़ी पंचायत के मुखिया इफ्तकार आलम बेटे को रागिब असलम को थाने लेकर पहुंचे। एटीएस ने रागिब से पूछताछ की गई। एटीएस ने रागिब का मोबाइल और लैपटॉप जब्त कर लिया है। एटीएस ने मुखिया और उसके पुत्र को नोटिस दिया है। तीन दिन के अंदर नोएडा स्थित एटीएस के कार्यालय में उपस्थित होने के लिए कहा है। रागिब ने मूक बधिर विद्यालय से पढ़ाई की है। पिता के मुताबिक, रागिब नें दसवीं तक की पढ़ाई पटना के आशादीप मूक बधिर स्कूल से की। उसके बाद आईकॉम की पढ़ाई इंदौर के एक स्कूल से की। उसके बाद वो नोयडा स्थित डीफ एंड डंब स्कूल गया। जहां से उसने हिंदी और अंग्रेजी भाषा के साथ कम्प्यूटर की पढ़ाई की। वहीं से रागिब का सेलेक्शन कानपुर के ज्योति मूक बधिर स्कूल के लिए बतौर टीचर किया गया। रागिब साल 2018-19 में वहां टीचर था। उसी स्कूल के छात्र आदित्य गुप्ता ने धर्म परिवर्तन करके इस्लाम को स्वीकार कर लिया है।