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शादी अनुदान पाने के लिए सुहागनें बन गई विधवा, पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की जांच में गड़बड़ी का राजफाश

पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग में शादी अनुदान के लिए गड़बड़ी का राजफाश। बैंक में एक गारंटर ने खुलवाए 21 आवेदकों के खाते।

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Aug 2018 04:48 PM (IST)Updated: Wed, 22 Aug 2018 05:02 PM (IST)
शादी अनुदान पाने के लिए सुहागनें बन गई विधवा, पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की जांच में गड़बड़ी का राजफाश
शादी अनुदान पाने के लिए सुहागनें बन गई विधवा, पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की जांच में गड़बड़ी का राजफाश

लखनऊ(जागरण संवाददाता)। शादी के अनुदान के लिए सुहागन महिलाएं विधवा बन गई। यह सुनने में भले ही अटपटा लग रहा हो, लेकिन राजधानी में इस खेल का राजफाश हुआ है। पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की ओर से की गई जांच में दो दर्जन से अधिक आवेदन पत्र गड़बड़ मिले हैं। आवेदकों के घर के पते ठीक नहीं हैं और एक ही गारंटर द्वारा कई बैंक खाते खुलवाने की बात सामने आयी है। खास बात यह कि इन आवेदन पत्रों को सदर तहसील से एसडीएम द्वारा अग्रसारित किया गया था। जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी एसपी सिंह ने त्रिवेणीनगर निवासी बोधराम समेत शादी अनुदान के लिए गड़बड़ आवेदन करने वाले सभी 21 आवेदकों के विरुद्ध महानगर कोतवाली में धोखाधड़ी समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2018-19 में शादी अनुदान के लिए आए 202 आवेदनों को सदर तहसील से अग्रसारित करके भुगतान के लिए जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी कार्यालय भेजा गया था। इन आवेदनों में 10 फीसद की विभाग द्वारा रेंडम जांच की जाती है। इसी जांच में दो दर्जन से अधिक मामले गड़बड़ पाए गए हैं। प्राथमिक जांच में सामने आया है कि अनुदान में प्राथमिकता पाने के लिए कई महिलाओं ने सुहागन होने के बावजूद विधवा बनकर बेटी की शादी के नाम पर आवेदन कर दिया। उनके द्वारा दी गई अन्य सूचनाएं भी गड़बड़ पायी गई हैं। गड़बड़ी मिलने के बाद सदर तहसील से अग्रसारित सभी 202 आवेदनों की जांच के आदेश दिए गए हैं। महानगर कोतवाली के इंस्पेक्टर विकास कुमार पांडेय ने बताया कि जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी की तहरीर पर आवेदकों के बैंक में खाते खुलवाने वाले गारंटर व आवेदकों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया है। ऐसे पकड़ा गया मामला:

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आवेदन करने वाले अभिभावकों का आधार कार्ड और पता अलग-अलग था, लेकिन अधिकतर आवेदनों में फोटो एक ही महिला की लगी पाई गई। जांच में फोटो मिलान होते ही मामला प्रकाश में आ गया। सरकार की ओर विधवा की बेटी होने पर शादी अनुदान में प्राथमिकता दी जाती है। सरकार की ओर से बेटी की शादी के लिए 20 हजार रुपये का अनुदान दिया जाता है।

जांच में नहीं मिला आवेदकों का घर:

शादी अनुदान के आवेदनों की जांच के लिए जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी एसपी सिंह की ओर से शनिवार को अलीगंज क्षेत्र में स्थलीय निरीक्षण किया गया तो दो दर्जन से अधिक आवेदकों का घर ही नहीं मिला। इसके बाद उनके खातों की जांच शुरू हुई। जांच में पता चला कि रहीमनगर स्थित बैंक में करीब 21 खाते एक ही गारंटर ने खुलवाए हैं। पहले भी आया है खातों में अनुदान :

जांच में सामने आया है कि गारंटर बोधराम ने न केवल खाता धारकों की गारंटी ली, बल्कि अपना मोबाइल नंबर भी बैंक में दर्ज कराया, जिससे अनुदान की राशि आने की जानकारी उसे हो जाए। पकड़े गए खातों का स्टेटमेंट देखा गया तो कई खातों में सरकारी अनुदान के रूप में 30,000 और 20,000 की रकम भी विभागों की ओर से अनुदान के रूप में भेजी गई है। अब खातों की गहनता से जांच की जाएगी।

समाज कल्याण विभाग में अलर्ट :

पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग में गड़बड़ी सामने आने के साथ ही अब समाज कल्याण विभाग में भी अलर्ट हो गया है। जिला समाज कल्याण अधिकारी केएस मिश्रा ने बताया कि करीब 400 आवेदन आए हैं। मामला प्रकाश में आने के बाद अब सभी का भौतिक परीक्षण कराया जाएगा।


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