69 हजार शिक्षक भर्ती : उत्तर प्रदेश में लगभग हर भर्ती परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों के साथ कई अन्य विवाद
प्रतियोगी परीक्षा के पांच चरण- प्री मेंस इंटरव्यू हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट। इन दिनों कुछ ऐसा ही फलसफा 69000 शिक्षक भर्ती परीक्षा का है।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। एक दौर ऐसा भी रहा जब कई पीसीएस परीक्षाएं दागदार हुईं तो प्रतियोगियों ने गिनाया, परीक्षा के पांच चरण, प्री, मेंस, इंटरव्यू, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट। इन दिनों कुछ ऐसा ही फलसफा 69000 शिक्षक भर्ती परीक्षा का है। केंद्र व राज्य की टीईटी, भर्ती की लिखित परीक्षा और जिला आवंटन होने के तीन चरण पूरे हो चुके हैं और अब हाई कोर्ट में प्रश्नों का विवाद फंसा है। इसी भर्ती के कटऑफ का प्रकरण सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, जिसकी जुलाई में सुनवाई होनी है।
असल में, उत्तर प्रदेश सरकार लगभग हर तरह की भर्ती लिखित परीक्षा से करा रही है। भर्ती के पदों पर चयनित होने की कड़ी प्रतिस्पर्धा होने के साथ ही विवाद भी कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं, बल्कि परीक्षा संस्थाओं को भी कोर्ट में इम्तिहान देना पड़ रहा है। इसी परीक्षा संस्था की यूपीटीईटी 2017 में भी प्रश्नों के जवाब का मुद्दा खूब तूल पकड़ा। लखनऊ खंडपीठ ने ही परीक्षा में पूछे गए 14 प्रश्नों के जवाब को बदलकर परिणाम घोषित करने का आदेश दिया।
आदेश को डबल बेंच में चुनौती दी गई तो कोर्ट ने विशेषज्ञ समिति गठित करके कुल 16 प्रश्नों के उत्तरों की जांच कराई। इसमें 13 प्रश्नों के जवाब सही मिले, तीन प्रश्नों में सभी को कामन अंक देने का आदेश हुआ। उसमें से एक प्रश्न पर पहले ही समान अंक दिया जा चुका था, दो सवालों में सबको अंक मिले। इस परीक्षा को उत्तीर्ण करने वाले 68500 शिक्षक भर्ती में शामिल हुए थे।
प्रश्नों के जवाब पर खूब रहा विवाद : परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की यूपीटीईटी 2018 में छह प्रश्नों और यूपीटीईटी 2019 में करीब सात सवालों का प्रकरण अब भी कोर्ट में है। इसी तरह 68500 शिक्षक भर्ती में 33 प्रश्न ऐसे थे जिनके उत्तर विकल्प एक या उससे अधिक तय हुए थे। इस भर्ती में दोबारा मूल्यांकन में 4688 अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए थे।
एलटी भर्ती की उत्तरकुंजी नहीं : उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग ने राजकीय कालेजों में 10768 एलटी ग्रेड शिक्षक चयन में उत्तर कुंजी ही जारी नहीं की। इसके पहले पीसीएस 2016, 2017 सहित सात भर्तियों में प्रश्नों का विवाद रहा। पीसीएस जे 2013 में 15 प्रश्नों पर विवाद हुआ, आरओ-एआरओ 2013 में तत्कालीन आयोग अध्यक्ष को कोर्ट ने तलब किया था। पीसीएस 2018 में उत्तरकुंजी में बदलाव किए बिना परिणाम जारी किया, कुछ सवालों में बाद में दो विकल्प सही माने गए।