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Sharad Purnima 2020: आदि गंगा गोमती की आरती में दिखेगा समृद्धि का उजाला

बंगाली समाज की प्रिया सिन्हा ने बताया कि मां दुर्गा की विदाई के साथ ही इस दिन मां लक्ष्मी की कामना की पूजा की जाती है। पूजा पंडालों में मां लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित कर उनकी पूजा हाेती है।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 12:00 PM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 12:00 PM (IST)
Sharad Purnima 2020: आदि गंगा गोमती की आरती में दिखेगा समृद्धि का उजाला
गोबर के बने 11 हजार दीपकों से रोशन होगा मनकामेश्वर घाट, शरद पूर्णिमा पर आसमान से होगी अमृत वर्षा।

लखनऊ, जेएनएन।  शरद पूर्णिमा पर आदि गंगा गोमती की आरती में गरीब महिलाओं के घर समृद्धि का उजाला लाने के लिए उनके द्वारा बनाए गए गाेबर के दीपकों से आरती होगी। 11 हजार गोबर के दीपकों से रोशन मनकामेश्वर उपवन घाट पर 30 अक्टूबर को होने वाली इस खास आरती के दौरान खीर का वितरण होगा।

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मनकामेश्वर मंदिर की महंत देव्या गिरि के सानिध्य में मनकामेश्वर उपवन घाट पर होेने वाली आरती में गोबर के दीपकों का प्रयोग करके महंत ने गोरक्षा के साथ ही महिलाओं को रोजगार से जोड़ने की पहल करेंगी। महिलाएं मंदिर में गोबर के दीपक बनाएंगी। आचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि ऐसी मान्यता है कि इस दिन चंद्र देव अमृत की बूंदों की बारिश करते हैं। छत पर लाेग गाय के दूध से बनी खीर रखते हैं। इसे परिवार के बीच में बांटकर खाया जाता है। चंद्रमा की कृपा से मां लक्ष्मी का वास होगा, इस मान्यता से लोग चंद्र देव की भी पूजा करते हैं।

बंगाली समाज करेगा कोजागरी पूजा

मां लक्ष्मी के घर में विराजमान रहें, इसकी कामना को लेकर बंगाली समाज मां लक्ष्मी के पूजन का पर्व कोजागरी 30 अक्टूबर को मनाएगा। मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात ऐरावत पर बैठकर देवराज इंद्र महालक्ष्मी के साथ धरती पर आते हैं और पूछते हैं कि कौन जाग रहा है। जो जाग रहा होता है और उनका स्मरण कर रहा होता है, उसे ही मां लक्ष्मी और इंद्र की विशेष कृपा मिलती है। बंगाली समाज की प्रिया सिन्हा ने बताया कि मां दुर्गा की विदाई के साथ ही इस दिन मां लक्ष्मी की कामना की पूजा की जाती है। पूजा पंडालों में मां लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित कर उनकी पूजा हाेती है। कैंट के निहार डे ने बताया कि पुरानी प्रतिमा का विसर्जन होता है और मां लक्ष्मी की नई प्रतिमा की पूरे साल पूजा होती है।

करवा चौथ चार को

सुहाग की कामना का पर्व करवा चौथ चार नवंबर को है। आचार्य शक्तिधर त्रिपाठी ने बताया कि चार को शाम 7:56 बजे चंद्रोदय होगा। सुहागिन पूजन कर निर्जला व्रत का पारण करती हैं।


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