Manish Sisodia CBI Raids: दिल्ली शराब नीति घोटाले में लखनऊ में भी पड़ा छापा, नहीं मिला आरोपी मनोज राय
Delhi Liquor Policy Scam दिल्ली शराब नीति घोटाले में सीबीआइ ने लखनऊ में एक आरोपित मनोज राय के ठिकाने पर छापा मारा। आरोपित मनोज राय शराब का कारोबार करने वाली परनोड रिकार्ड कंपनी का पूर्व कर्मचारी है। सीबीआइ ने अपनी एफआइआर में उसको नामजद आरोपी बनाया है।
Manish Sisodia CBI Raids: लखनऊ, राज्य ब्यूरो। शराब नीति घोटाले में (Delhi Liquor Policy Scam) दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत अन्य के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने के बाद सीबीआइ (CBI) ने लखनऊ में एक आरोपित मनोज राय के ठिकाने पर छापा मारा। सीबीआइ की टीम गोमतीनगर स्थित ओमेक्स हाइट्स के फ्लैट नंबर-1003 में पहुंची, लेकिन मनोज राय वहां नहीं मिला।
सूत्रों का कहना है कि मनोज राय लगभग पांच वर्ष पूर्व ही इस मकान को छोड़ चुका था। वह यहां किराये पर रहता था। सीबीआइ ने आसपास के कुछ लोगों से मनोज के बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास किया। सीबीआइ मनोज का वर्तमान ठिकाना पता लगाने में जुट गई है।
आरोपित मनोज राय शराब का कारोबार करने वाली परनोड रिकार्ड कंपनी का पूर्व कर्मचारी है। सीबीआइ ने अपनी एफआइआर में मनोज राय को नामजद आरोपी बनाया है, जिसमें उसका पता लखनऊ का दर्ज है। बताया गया उत्तर प्रदेश में शराब सिंडीकेट चलाने वाले पोंटी चड्डा से जुड़े रहे कुछ कारोबारियों को दिल्ली में शराब का कारोबार करने की खुली छूट दी गई थी। मनोज उन कारोबारियाें के सीधे संपर्क में था।
बता दें कि आबकारी नीति घोटाले में दो कंपनियों समेत 15 आरोपितों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के बाद सीबीआइ ने शुक्रवार को दिल्ली में सिसोदिया के सरकारी आवास को मिलाकर सात राज्यों में कुल 31 स्थानों पर छापे मारे और सघन तलाशी ली। छापे में घोटाले से जुड़े अहम दस्तावेज मिलने का दावा किया गया है।
दिल्ली के मुख्य सचिव ने नई आबकारी नीति में अनियमितता को उजागर किया था। इसके बाद उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने गृह मंत्रालय से इस पूरे मामले की सीबीआइ से जांच कराने की सिफारिश की थी।
एजेंसी ने मनीष सिसौदिया, आबकारी विभाग के चार अधिकारियों और दो कंपनियों समेत कुल 15 आरोपितों के खिलाफ बुधवार को एफआइआर दर्ज किया था। इनमें दिल्ली में शराब बेचने का लाइसेंस हासिल करने वाले 10 लोग भी शामिल हैं।
सीबीआइ ने दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना की ओर मिली शिकायत और गृह मंत्रालय से 22 जुलाई को अनुमति मिलने के बाद इस मामले की जांच शुरू की। इसमें आरोप लगाया गया था कि सिसोदिया, दिल्ली के तत्कालीन आबकारी आयुक्त अर्व गोपी कृष्ण, आबकारी उपायुक्त आनंद तिवारी, सहायक आबकारी आयुक्त पंकज भटनागर ने सक्षम प्राधिकार की अनुमति के बगैर 2021-22 की दिल्ली की आबकारी नीति को बनाया और लागू किया। इसके पीछे उनका उद्देश्य टेंडर प्रक्रिया के बाद लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाना था। दो कंपनियों में बड्डी रिटेल प्रा. लिमिटेड और महादेव लिकर्स शामिल हैं।
ये हैं 15 आरोपित
- मनीष सिसोदिया- उप मुख्यमंत्री, दिल्ली
- अर्व गोपी कृष्ण, तत्कालीन आबकारी आयुक्त, दिल्ली
- आनंद तिवारी, तत्कालीन आबकारी उपायुक्त, दिल्ली
- पंकज भटनागर, सहायक आबकारी आयुक्त, दिल्ली
- विजय नायर, पूर्व सीईओ, ओनली मच लाउडर, मुंबई
- मनोज राय, पूर्व कर्मचारी, परनोड रिकार्ड, लखनऊ
- अमनदीप ढल, निदेशक, ब्रींडको सेल्स, दिल्ली
- समीर महेंद्रू, एमडी, इंटोस्पिरीट, दिल्ली
- अमित अरोड़ा, निदेशक, बड्डी रिटेल, गुरुग्राम, हरियाणा
- सन्नी मारवाह, अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता, महादेव लिकर्स, दिल्ली
- दिनेश अरोड़ा, दिल्ली
- अरुण रामचंद्र पिल्लई, बेंगलुरु
- अर्जुन पांडेय, सिसोदिया के करीबी
- बड्डी रिटेल प्रा. लि.
- महादेव लिकर्स