परिवार के साथ पानी की टंकी पर चढ़ा मेरठ का युवक, 15 घंटे तक छकाया
लखनऊ में शिया कॉलेज, सीतापुर रोड के पास पानी की टंकी पर मेरठ का जिया उल हक चढ़ गया। दर्जी मंत्री मोहम्मद यामीन के आश्वासन के बाद बच्चों और साथी के साथ टंकी से नीचे उतरा।
लखनऊ (जेएनएन)। लखनऊ के खदरा में आज तड़के दो मासूम बच्चों और एक साथी के साथ पानी की टंकी पर आत्महत्या करने के लिए चढ़े खुशहालनगर लिसाड़ी रोड मेरठ के मो. जियाउल हक ने दिन भर पुलिस को छकाया। वह पांच लाख की अल्पसंख्यक आबादी वाले अपने क्षेत्र में गैस एजेंसी, अस्पताल, बैंक और कॉलेज खोलने की मांग को लेकर तड़के करीब तीन बजे टंकी पर चढ़ा था। शाम तक चली पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों की मनाने के बाद भी जब वह नहीं उतरा तो ललित कला अकादमी के अध्यक्ष मोहम्मद यामीन खां ने उसे समझाया और उसकी मांगें पूरी कराने का आश्वासन दिया। इस पर वह छह बजे के बाद बच्चों और साथी के साथ टंकी से नीचे उतरा।
लंबा-चौड़ा मांग पत्र
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक सीतापुर रोड खदरा में जलकल के कैंप कार्यालय स्थित पानी की टंकी पर चढ़े मो. जियाउल हक की गोद में एक पांच साल का लड़का और चार साल की लड़की थी। वह बच्चों के साथ टंकी से नीचे कूदकर आत्महत्या की बात कह रहा था। जियाउल ने गले में एक पेट्रोल की बोतल बांध रखी थी, दूसरी पेट्रोल से भरी बोतल उसके पास रखी थी। लोगों ने घटना की जानकारी कंट्रोल रूम को दी। कुछ ही देर में पुलिस व प्रशासन के अधिकारी भारी पुलिस बल और दमकल के साथ मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने माइक से एनाउंस कर जियाउल हक को उतरवाने की कोशिश की पर वह कूदने की धमकी देता रहा। उसने टंकी के ऊपर से कई पत्र फेंके। पत्र द्वारा उसने बताया कि वह अपने बेटे फहद उर्फ नाज, बेटी रुशदा और साथी इरशाद के साथ टंकी पर चढ़ा है। उसने पत्र द्वारा ही अपनी मांगों के बारे में भी जानकारी दी। दबाव बनाने पर वह पेट्रोल छिड़ककर आग लगाने की धमकी भी देता रहा था। शाम छह बजे के बाद वह ललित कला अकादमी के अध्यक्ष के आश्वासन पर नीचे उतरा। एएसपी टीजी के मुताबिक जियाउल हक अपने क्षेत्र से कई साल पहले निर्दलीय पार्षद का चुनाव भी लड़ा था, पर वह हार गया था। पूर्व में भी कई बार वह आत्महत्या का प्रयास कर चुका है।
क्षेत्रीय लोगों ने पहुंचाया पानी और खाना
लोगों ने बच्चों की दुहाई देते हुए उसके पास पानी और खाद्य सामग्री भेजे जाने के लिए कहा। इस पर वह तैयार हो गया पर उसने जीने के गेट तक ही आने की लोगों को अनुमति दी। लोगों ने पानी की बोतल और पूड़ी सब्जी के पैकेट गेट पर रख दिए। उन्हें उठाकर जियाउल हक ऊपर चला गया। बच्चों और साथी को खिलाने के बाद खुद खाकर पानी पिया।