12 लोगों के कातिल छेदीलाल और मुस्तफा लाए जाएंगे प्राणि उद्यान में
दोनों आदमखोर बाघों को प्राणि उद्यान में बाघिन मैलानी व इप्शिता के बाड़े में छोड़ा जा सकता है।
लखनऊ, जेएनएन। बहुत जल्द नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान में आदमखोर बाघों की दहाड़ सुनाई देगी। जू के अस्पताल में रह रहे दो और बाघ मुस्तफा और छेदीलाल को भी दर्शकों के सामने लाए जाने की तैयारी चल रही है। 12 लोगों की जान ले चुके छेदीलाल और मुस्तफा को दर्शक अब बाड़ों में देख सकेंगे। अगले सात दिनों में छेदीलाल व मुस्तफा को मैलानी-इप्शिता के बाड़ों में छोड़ा जाएगा। वहीं प्राणि उद्यान में पहले से ही आदमखोर बाघ किशन बाड़े में डिस्प्ले पर रखा गया है।
2016 में जू में दो आदमखोर बाघ छेदीलाल और मुस्तफा खीरी, पीलीभीत से रेस्क्यू होकर लाए गए थे। दोनों ही जंगलों में रहने के दौरान 12 लोगों की जान ले चुके थे। जू के अस्पताल में रहने के बाद उनके उग्र स्वभाव में बदलाव आया है। इप्शिता की तबीयत खराब होने की वजह से उसे अस्पताल में रखा गया है। इसके अलावा मैलानी को अस्पताल के वार्ड में लाया गया है। डॉ. उत्कर्ष शुक्ला ने बताया कि मैलानी बाड़े में बहुत ज्यादा घूमती नहीं थी, इस लिए उसे अस्पताल में ले आया गया है। प्राणि उद्यान के निदेशक आरके सिंह ने बताया कि पिछले कई दिनों से छेदीलाल और मुस्तफा को बाड़े में छोडऩे की योजना बनाई जा रही है। उनकी हर मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है। दो-चार दिन में उन्हें बाड़ों में छोड़ दिया जाएगा।
छेदीलाल
लगभग 11 वर्ष की उम्र का आदमखोर बाघ छेदीलाल अगस्त 2016 में मैलानी खीरी के छेदीपुर गांव से रेस्क्यू होकर आया था। लगभग 225 किलो वजनी ये बाघ अब तक जंगलों में छह लोगों को मार चुका है। आंख में चोट और एक कैनाइन दांत टूटने के चलते यह नरभक्षी बना था।
मुस्तफा
पीलीभीत के मुस्तफाबाद से फरवरी 2017 में रेस्क्यू होकर लाया गया मुस्तफा लगभग 150 किलो का है। लगभग चार साल के इस नरभक्षी बाघ ने पकड़े जाने से पहले जंगल में रहकर छह लोगों का शिकार किया था।