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केजीएमयू में पहली मंजिल से गिरा मरीज-मौत, मा ने सलामती के लिए रखा था व्रत

ट्रॉमा सेंटर में कराया गया था भर्ती, पेट का हुआ था ऑपरेशन।

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 Sep 2018 11:14 AM (IST)Updated: Mon, 03 Sep 2018 11:58 AM (IST)
केजीएमयू में पहली मंजिल से गिरा मरीज-मौत, मा ने सलामती के लिए रखा था व्रत
केजीएमयू में पहली मंजिल से गिरा मरीज-मौत, मा ने सलामती के लिए रखा था व्रत

लखनऊ(जागरण संवाददाता)। केजीएमयू में मरीजों की सुरक्षा दाव पर है। यहा जनरल सर्जरी में भर्ती मरीज शनिवार को पहली मंजिल से गिर गया था। आननफानन उसे ट्रॉमा सेंटर शिफ्ट किया गया, जहा रविवार को मौत हो गई। सआदतगंज के कटरा खुदायार खा निवासी अजय (20) को भीषण पेट दर्द हुआ। मा रजनी, भाई आनंद 18 अगस्त को अजय को लेकर ट्रॉमा सेंटर आए। अजय की जाच में आत में छेद होने की पुष्टि हुई। डॉक्टरों ने 22 अगस्त को अजय का ऑपरेशन किया। इसके बाद मरीज को मुख्य पीआरओ भवन के जनरल सर्जरी वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। प्रथम मंजिल स्थित वार्ड के बेड नंबर तीन में भर्ती अजय शनिवार दोपहर खाना खाने के बाद गैलरी में टहलने लगा। लोगों के मुताबिक कुछ देर बाद अजय रेलिंग के पास टेक लगाकर खड़ा हो गया। फिर अचानक वह नीचे गिर गया। यह देखकर अन्य मरीजों और तीमारदारों में हड़कंप मच गया। इसके बाद उसे ट्रॉमा सेंटर में शिफ्ट किया गया।

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सिर में लगी गंभीर चोट:

ट्रॉमा में अजय की जाच कराई गई। उसके सिर में गंभीर चोटें आई थीं। रविवार को इलाज के दौरान ट्रॉमा सर्जरी वार्ड में उसकी मौत हो गई। पोस्टमॉर्टम में सिर में चोट लगने की पुष्टि की गई। भवन में है सीएमएस-एमएस कार्यालय, नहीं ले रहे सबक:

केजीएमयू में सुरक्षा के नाम पर लाखों रुपये उड़ाए जा रहे हैं। गार्ड की तैनाती से लेकर कैमरे तक लगवाए गए हैं, मगर लचर सिस्टम के चलते व्यवस्थाएं ध्वस्त हैं। शताब्दी गैंग रेप, ट्रॉमा आगजनी, लिफ्ट में मरीज की मौत के बाद भी अफसर सबक लेने को तैयार नहीं है। ऐसे में मरीजों की सुरक्षा दाव पर है। इलाज के खर्च से हार चुका था :

अजय की मौत के बाद उसका पोस्टमॉर्टम कराकर शव सौंप दिया गया। वहीं चर्चा है कि अजय की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। वार्ड में भर्ती अजय अक्सर मा से इलाज में पैसा अधिक खर्च होने को लेकर चिंतित रहता था। उसने कई बार कहा, इतना पैसा कहा से आएगा.अब घर ले चलो। उधर घटना के समय जहा भाई जाच रिपोर्ट लेने गया था, वहीं मा घर गई थी। ऐसे में घटना पर संशय कायम है। सवाल यह है कि यदि अजय गरीब था तो उसके मुफ्त इलाज का प्रावधान क्यों नहीं किया गया।

मा बेटे की सलामती के लिए कर रही थी हलछठ पूजा :

शनिवार को अजय जिस वक्त गिरा उस समय मा रजनी घर गई थीं। उन्होंने बेटे की सलामती के लिए व्रत रखा था और हलछठ पूजा करने गई थीं। वहीं अस्पताल में उसी वक्त हादसा हो गया। बेटे की मौत के बाद उनका हाल बेहाल है।

ट्रॉमा में नहीं शुरू हुई सीटी स्कैन मशीन:

केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में तीसरे दिन भी सीटी स्कैन मशीन शुरू नहीं हो सकी। ऐसे में गंभीर मरीजों को जाच के लिए कैंपस में लगी दूसरी मशीन पर जाना पड़ रहा है। दरअसल, ट्रॉमा सेंटर में लगी सीटी स्कैन मशीन काफी पुरानी हो गई है। ऐसे में नई मशीन लगाने का काम चल रहा है। अधिकारियों ने तीन दिन में मशीन चालू करने का दावा किया था, मगर रविवार को मशीन इंस्टॉलेशन का कार्य ही चलता रहा। ऐसे में हेड इंजरी व मल्टीपल फ्रैक्चर के मरीजों को सीटी स्कैन के लिए कैंपस में डेढ़ सौ मीटर दूर स्थित लगी मशीन तक ले जाना पड़ रहा है। अब सोमवार को ही मशीन शुरू होने की उम्मीद की है।

क्या कहते हैं जिम्मेदार?

मीडिया सेल इंचार्ज डॉ. संतोष कुमार के मुताबिक, अजय का सफल ऑपरेशन हुआ था। वह दोपहर में खाना खाने के बाद टहल रहा था। घरवालों से वह कुछ अच्छा नहीं लगने की बात कह रहा था। ऐसे में डिप्रेशन की संभावना हो सकती है।


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