UP News: चार साल में 92 प्रतिशत कम हुए मलेरिया के रोगी, जांच पर जोर; बचाव के लिए आज से शुरू होगा अभियान
प्रदेश में मलेरिया से बचाव के लिए गुरुवार से अभियान शुरू होगा। यह अभियान 30 जून तक चलेगा। लोगों को मलेरिया से बचाने के लिए साफ-सफाई पर विशेष जोर दिया जाएगा। रोगियों की पहचान कर उनका उपचार कराया जाएगा और लक्षण वाले रोगियों की जांच होगी।
लखनऊ, राज्य ब्यूरो: प्रदेश में मलेरिया से बचाव के लिए गुरुवार से अभियान शुरू होगा। यह अभियान 30 जून तक चलेगा। लोगों को मलेरिया से बचाने के लिए साफ-सफाई पर विशेष जोर दिया जाएगा। रोगियों की पहचान कर उनका उपचार कराया जाएगा और लक्षण वाले रोगियों की जांच होगी। बीते चार वर्षों में प्रदेश में मलेरिया के रोगियों की संख्या 92 प्रतिशत कम हुई है। वहीं जांच में 30 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की गई है। वर्ष 2019 में मलेरिया के 92,732 रोगी थे और अब इस समय 7,039 मरीज हैं।
निदेशक डॉ. एके सिंह के मुताबिक, मानसून व उसके बाद मच्छरों की तादाद अचानक बढ़ने लगती है। मलेरिया उन्मूलन का लक्ष्य वर्ष 2027 निर्धारित है। ऐसे में पूरे जून महीने लोगों को इस बीमारी से बचाव के लिए जागरूक किया जाएगा।
निदेशक के अनुसार, महीने के अभियान में गांवों में ग्रामीण स्वास्थ्य एवं स्वच्छता समिति के माध्यम से रोग से बचाव के उपचार बताए जाएंगे। मरीजों को चिह्नित कर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा। ऐसे क्षेत्र जहां अधिक मच्छर हैं, वहां दवा का छिड़काव होगा। हर रविवार मच्छर पर वार अभियान चलाया जाएगा। स्वास्थ्य टीमें मलेरिया के लक्षण वाले लोगों को चिह्नित कर उनकी जांच करेंगी।
मलेरिया मच्छर जनित बीमारी है
मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने पर 14 से 21 दिन के अंदर बुखार आता है। मलेरिया होने पर मरीज के सिर में तेज दर्द होता है, उल्टी होना और ठंड के साथ शरीर में जोर से कंपकंपी होती है। मांसपेशियों में दर्द होता है और बुखार आने पर पसीना आता है।
ऐसे करें बचाव
- मच्छरों के घर व आसपास पनपने से रोकने के लिए जलजमाव न होने दें।
- घर की छत पर पुराने टायर या किसी खराब बर्तन में पानी न जमा होने दें।
- कूलर का पानी जल्दी-जल्दी बदलें और उसमें समय-समय पर मिट्टी का तेल डालें।
- साेते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें और पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें।