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Makar Sankranti 2021: ग्रहों के राजा सूर्य कल करेंगे मकर राशि में प्रवेश, भीष्म पितामह ने इसी दिन किया था देह का त्याग

Makar Sankranti 2021 आचार्य आनंद दुबे ने बताया कि मकर संक्रांति में सूर्य देव धनु राशि से मकर राशि में आते हैं। इस दिन स्नान दान-पुण्य के कार्य किए जाते हैं। इसी दिन पोंगल बिहू और उत्तरायणी पर्व भी मनाया जाएगा।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 13 Jan 2021 02:11 PM (IST)Updated: Wed, 13 Jan 2021 04:27 PM (IST)
Makar Sankranti 2021: ग्रहों के राजा सूर्य कल करेंगे मकर राशि में प्रवेश, भीष्म पितामह ने इसी दिन किया था देह का त्याग
Makar Sankranti 2021: भोर से ही शुरू हो जाएंगे स्नान, दान व अनुष्ठान।

लखनऊ, जेएनएन। सूर्य देव के पूजन, स्नान और दान का पुण्य पर्व मकर संक्रांति गुरुवार को है। ग्रहों के राजा सूर्य देव गुरुवार को मकर राशि में प्रवेश करेंगे। आचार्य आनंद दुबे ने बताया कि मकर संक्रांति में सूर्य देव धनु राशि से मकर राशि में आते हैं। इस दिन स्नान, दान-पुण्य के कार्य किए जाते हैं। इसी दिन पोंगल, बिहू और उत्तरायणी पर्व भी मनाया जाएगा। गुरुवार को सुबह 8:14 बजे सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे। संक्रांति के छह घंटे 24 मिनट पहले से पुण्य काल की शुरुआत हो जाती है।

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इसलिए इस वर्ष ब्रह्म मुहूर्त से संक्रांति का स्नान दान पुण्य किया जा सकेगा। दोपहर 2:03 बजे से संक्रांति से संबंधित धार्म‍िक कार्यों के लिए उत्तम रहेगा। इस दिन से खरमास समाप्त हो जाएगा, लेकिन मकर संक्रांति के तीन दिन बाद ही गुरु अस्त हो जाएंगे। गुरु तारा अस्त होने से एक माह (14 फरवरी) तक मांगलिक कार्य नही होंगे। आचार्य अनुज पांडेय ने बताया कि मान्यता है कि इस दिन भगवान सूर्य की पूजा करने से पाप का नाश होता है। लकड़ी, तिल, अन्न, दाल, चावल, पापड़, गुड़, घी नमक और कंबल का दान करने से विशेष पुण्य मिलता है।

भागीरथ के पीछे चलीं थीें मां गंगा

मकर संक्रांति को लेकर मान्यता यह भी है कि इस दिन भागीरथ के तप के साथ धरती पर आईं मां गंगा भागीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि आश्रम होती हुईं सागर में समाहित हुईं थीं। उसके बाद से पुण्य धाम गंगा सागर को ख्याति मिली। आचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि महाभारत के युद्ध में घायल हुए गंगापुत्र भीष्म पितामह ने इसी दिन देह त्याग किया था। इस दिन गंगा में स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है। यह भी कहा जाता है कि सब तीरथ बार-बार गंगा सागर एक बार। एक बार गंगा सागर में स्नान करने वाले मनुष्य को सदा सदा के लिए पाप से मुक्ति मिल जाती है।

लार्ड अयप्पा मंदिर में लगेगा भोग

मकर ज्योति पर्व मकर संक्रांति की छटा गुरुवार को राजधानी के अयप्पा मंदिर में नजर आएगी। समाज केसैकड़ों सदस्य मंदिर में भगवान अयप्पा केदर्शनों और पूजन को सुबह से जुटेंगे। केरल से आए चेंडामेलम कलाकार वाद्यों, टुंबा-ढोल से भगवान की पूजा करेंगे। 


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