पकड़ा गया संस्कृति का मुख्य हत्यारोपित, एसटीएफ ने लुधियाना से दबोचा
50 हजार का था इनाम, 21 जून 2018 से था फरार, आरोपित पर दर्ज हैं 11 मुकदमे।
लखनऊ, जेएनएन । चर्चित संस्कृति राय हत्याकांड के मुख्य आरोपित भूरे उर्फ लंबू उर्फ रामजस को आखिरकार छह माह बाद एसटीएफ ने दबोच लिया। मूलरूप से सीतापुर के गोडिय़न टोला, थाना तंबौर निवासी भूरे वारदात के बाद से लुधियाना में छिपकर रह रहा था। एसएसपी एसटीएफ के मुताबिक आरोपित के पास से एक आधार कार्ड और चार सौ रुपये बरामद किए गए हैं।
एसएसपी एसटीएफ के मुताबिक संस्कृति राय हत्याकांड में फरार आरोपित भूरे पर 50 हजार रुपये का इनाम था। आरोपित की तलाश में एसटीएफ फील्ड इकाई कानपुर के इंस्पेक्टर मोहम्मद जैनुद्दीन अंसारी के नेतृत्व में टीम लगाई गई थी। इंस्पेक्टर टीम के साथ लुधियाना, पंजाब गए थे। छानबीन के दौरान मोतीनगर, लुधियाना, पंजाब से भूरे को बुधवार रात में दबोच लिया गया। इंस्पेक्टर गाजीपुर राकेश सिंह के मुताबिक पूछताछ में आरोपित ने बताया कि 21 जून 2018 को वह अपने साथी राजेश रैदास व राकेश कुमार प्रजापति के साथ ऑटो से निकला था। आरोपितों ने बादशाहनगर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन पकडऩे के लिए जा रही संस्कृति को ऑटो में बिठा लिया और रास्ते में उससे लूटपाट की कोशिश की। विरोध पर तीनों ने संस्कृति पर हमला कर दिया और घैला पुल के पास फेंककर भाग निकले। इस मामले में गाजीपुर थाने में एफआइआर दर्ज की गई थी। एसटीएफ ने आरोपित को गाजीपुर थाने में दाखिल किया है। भूरे के खिलाफ सीतापुर के तंबौर व सकरन थाने में कुल 10 एफआइआर दर्ज हैं।
नहीं मिला बैग व मोबाइल फोन
सूत्रों का कहना है कि घटना की रात भूरे, राजेश और राकेश के अलावा एक ऑटो चालक भी मौजूद था। आरोपित उस चालक को नहीं जानते थे। बातचीत के दौरान उन्होंने उसे शराब पिलाई थी। घटना के बाद सभी अलग-अलग हो गए थे। पुलिस और एसटीएफ अभी तक उस चालक के बारे में जानकारी नहीं जुटा सकी है। यही नहीं संस्कृति का बैग और मोबाइल फोन भी बरामद नहीं किया जा सका है।