Ayodhya Ram Mandir News: दो हजार साल बाद दूसरी बार राम जन्मभूमि पर बनेगा भव्य मंदिर
Ayodhya Ram Mandir News सन 1528 में बाबर ने रामजन्मभूमि पर बने जिस मंदिर का ध्वंस कराया दो हजार साल पहले महाराज विक्रमादित्य ने कराया था उसका निर्माण।
अयोध्या, (नवनीत श्रीवास्तव)। कहते हैं कि इतिहास खुद को दोहराता है और अयोध्या में राम मंदिर का पुनर्निर्माण एक बार फिर इतिहास पन्नों में दर्ज होने जा रहा है। सन 1528 में बाबर ने रामजन्मभूमि पर बने जिस मंदिर का ध्वंस कराया, उसे लगभग दो हजार साल पहले महाराज विक्रमादित्य ने ही निर्मित कराया था। पांच सौ साल के लंबे संघर्ष और सुप्रीम फैसले के बाद नींव की ईंट फिर भव्यता धारण करने को आतुर है। नरेंद्र मोदी पांच अगस्त को लगभग दो हजार साल बाद दूसरी बार जन्मभूमि पर रामलला के भव्य मंदिर की आधारशिला रखेंगे और पांच सदी के सबसे सौभाग्यशाली लोग इस अवसर के गवाह बनेंगे। 21वीं सदी के लोग सौभाग्यशाली जिनके सामने वो चिर अभिलाषित क्षण आ रहा है जिसके लिए कई पीढिय़ों ने संघर्ष किया।
महाराज विक्रमादित्य थे तो उज्जैन के राजा पर रामनगरी से उनका खास सरोकार था। अयोध्या का इतिहास विवेचित करने वाले ग्रंथों के अनुसार एक बार वे आखेट करते-करते रामनगरी तक पहुंच गए, जिस वक्त वे अयोध्या आए थे, उस वक्त रामनगरी अपने वैभव से वंचित हो गई। सरयू तट पर उनकी भेंट तीर्थराज प्रयाग से हुई। तीर्थराज ने ही उन्हेंं सरयू व अयोध्या की महत्ता बताई और रामनगरी को नए सिरे से स्थापित करने का आग्रह किया। रामजन्मभूमि सहित भगवान राम के समय के अन्य स्थलों की पहचान का उपाय भी बताया। महाराज विक्रमादित्य ने महत्वपूर्ण स्थलों की पहचान कर संपूर्ण अयोध्या का जीर्णोद्धार कराया।
ऐसी मान्यता है कि उन्होंने रामजन्मभूमि पर भी भव्य राममंदिर का निर्माण कराया था, लेकिन सन 1528 में बाबर के निर्देश पर उसके सेनापति मीरबाकी ने रामजन्मभूमि पर बने मंदिर का ध्वंस कर दिया। दो हजार साल बाद पांच अगस्त को वह स्वॢणम अवसर आएगा, जब जन्मभूमि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भव्य राममंदिर की आधारशिला रखेंगे और रामजन्मभूमि के पाश्र्व में प्रवाहित उत्तरावाहिनी मां सरयू, आग्नेय कोण पर विराजमान हनुमान जी, अयोध्यावासी और श्रद्धावनत साधक जल्द ही अपने रामलला को अपने भाइयों के साथ ऐसे भव्य भवन में विराजमान होते देखेंगे, जिसकी कामना पांच सदी से होती रही है।
161 फीट ऊंचा होगा मंदिर
रामजन्मभूमि पर प्रस्तावित मंदिर 161 फीट ऊंचा होगा। पूर्व प्रस्तावित मंदिर 128 फीट ऊंचा था, लेकिन बीती 18 जुलाई को हुई ट्रस्ट की बैठक में प्रस्तावित मंदिर की ऊंचाई 33 फीट बढ़ाने का निर्णय लिया गया।