राम मंदिर ट्रस्ट का अध्यक्ष बनने के बाद अयोध्या लौटे नृत्यगोपालदास, स्वागत में उमड़े अनुयायी
श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र का अध्यक्ष बनने के बाद नृत्यगोपालदास पहली बार लौटे अयोध्या।
अयोध्या, जेएनएन। रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए गठित श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार अयोध्या लौटे शीर्ष पीठ मणिरामदास जी की छावनी के महंत नृत्यगोपालदास के स्वागत में मंगलवार को सुबह से ही अनुयायी उमड़े। हालांकि महंत नृत्यगोपालदास का कक्ष पूर्वाह्न नितनेम के बाद खुला। सबसे पहले उनके शिष्य मधुकरी संत मिथिलाबिहारीदास ने माल्यार्पण के साथ अंगवस्त्र प्रदान कर गुरु का अभिनंदन किया। मिथिलाबिहारीदास ने कहा, तीर्थ क्षेत्र अध्यक्ष के रूप में महंत नृत्यगोपालदास की ताजपोशी अयोध्या ही नहीं पूरे देश की संत परंपरा को गौरवांवित करने वाली है। इस मौके पर उनके एक अन्य शिष्य आनंद शास्त्री भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा, मंदिर निर्माण की दिशा में पूज्य गुरुदेव का अवदान सर्वविदित है और उनके बिना मंदिर निर्माण की कल्पना तक नहीं की जा सकती। इस दौरान महंत नृत्यगोपालदास के शिष्यों और प्रशंसकों का तांता लगा रहा।
हमारे लिए राममंदिर एवं राष्ट्रमंदिर सर्वोपरि
श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद महंत नृत्यगोपालदास के पहली बार मणिरामदास जी छावनी लौटने की खुशी के बीच उनके शिष्य एवं उत्तराधिकारी महंत कमलनयनदास ने कहा, गुरुदेव अध्यात्म की जिस ऊंचाई पर हैं, वहां किसी ट्रस्ट का अध्यक्ष बनना मायने नहीं रखता। हमारे लिए सर्वोपरि रहा है कि भव्य राममंदिर के साथ भव्य राष्ट्रमंदिर का निर्माण हो और इसके लिए हम निस्वार्थ भाव से समर्पित रहे हैं। यह संतोष जताने में जरूर कोई संकोच नहीं है कि आज मंदिर निर्माण की सदियों पुरानी साध पूरी होने को है और अड़चनों के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रमंदिर भी निरंतर भव्य होता जा रहा है।
जल्दी ही मंदिर निर्माण होते देखेंगे रामभक्त : दास
श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अध्यक्ष एवं मणिरामदास जी की छावनी के महंत नृत्यगोपालदास ने कहा, नरेंद्र मोदी जैसे प्रधानमंत्री और योगी आदित्यनाथ जैसे मुख्यमंत्री के रहते मंदिर निर्माण में अब कोई संदेह नहीं रह गया है। उन्होंने कहा, अब रामभक्त जल्दी ही मंदिर का निर्माण होते देखेंगे। उन्हें भरोसा है कि अगले साल-छह माह के अंदर रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का स्वप्न साकार होगा। तीर्थ क्षेत्र अध्यक्ष ने यह भी कहा कि तय योजना के अनुसार दो अप्रैल को राम जन्मोत्सव से पूर्व रामलला वैकल्पिक गर्भगृह में स्थापित हो जाएंगे और इस बार का राम जन्मोत्सव कहीं अधिक भव्यता से मनाया जाएगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, इस दौर का आनंद शब्दों से नहीं बयां किया जा सकता और इससे बड़ी खुशी और कुछ भी नहीं है कि रामलला भव्य-दिव्य मंदिर में विराजमान हों।