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Sharad Purnima 2021: शरद पूर्णिमा पर आसमान से होगी अमृत वर्षा, नमोस्तुते मां गोमती से गुंजायमान होगा लखनऊ का मनकामेश्वर उपवन घाट

19 अक्टूबर को होने वाली शरद पूर्णिमा पर आसमान से अमृत वर्षा होगी। खुले आसमान के नीचे खीर रखी जाएगी तो मनकामेश्वर उपवन घाट पर महाआरती होगी। महंत देव्या गिरि के सानिध्य में 11 वेदियों से आरती में समृद्धि का आह्वान किया जाएगा।

By Rafiya NazEdited By: Published: Sun, 17 Oct 2021 01:30 PM (IST)Updated: Sun, 17 Oct 2021 09:21 PM (IST)
Sharad Purnima 2021: शरद पूर्णिमा पर आसमान से होगी अमृत वर्षा, नमोस्तुते मां गोमती से गुंजायमान होगा लखनऊ का मनकामेश्वर उपवन घाट
शरद पूर्णिमा पर लखनऊ के मनकामेश्वर उपवन घाट पर होगी महाआरती।

लखनऊ, जितेंद्र उपाध्याय। मां लक्ष्मी के आह्वान के साथ 19 अक्टूबर को होने वाली शरद पूर्णिमा पर आसमान से अमृत वर्षा होगी। खुले आसमान के नीचे खीर रखी जाएगी तो मनकामेश्वर उपवन घाट पर महाआरती होगी। महंत देव्या गिरि के सानिध्य में 11 वेदियों से आरती में समृद्धि का आह्वान किया जाएगा। शरद पूर्णिमा पर ऐसी मान्यता है कि इस दिन चंद्र देव अमृत की बूंदों की बारिश करते हैं। छत पर लोग गाय के दूध से बनी खीर रखते हैं। इसे परिवार के बीच में बांटकर खाया जाता है। चंद्रमा की कृपा से मां लक्ष्मी का वास होगा, इस मान्यता से लोग चंद्र देव की भी पूजा करते हैं। इसी दिन देवी मीराबाई की जयंती भी मनाई जाएगी।

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16 कलाओं से परिपूर्ण हैं चंद्रदेव: आचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी संपूर्ण 16 कलाओं से परिपूर्ण रहते है। मान्यता है कि इस दिन चांद से जीवनदायनी चंद्र किरणें अमृतवर्षा करती हैं। उस अमृतमय किरणों की छाव में रखी आरोग्य खीर को ग्रहण कर व्यक्ति निरोगी काया प्राप्त कर सकता है। इसी दिन श्रीकृष्ण ने महारास भी रचाया था। इसी मंशा के चलते लोगाें ने घरों की छत पर अमृत वर्षा के लिए खीर रखा। आचार्य शक्तिधर त्रिपाठी ने बताया कि शरद पूर्णिमा की रात एरावत पर बैठकर देवराज इंद्र महालक्ष्मी के साथ धरती पर आते हैं। इसी मंशा के चलते दुर्गा पूजा पंडालों में बंगाली समाज के लोग पूजा करते हैं। बादशाहनगर की प्रिया सिन्हा ने बताया कि मां दुर्गा की विदाई के साथ ही इस दिन मां लक्ष्मी की कामना की पूजा की जाती है। पूजा के दूसरे दिन मां के जयकारे के साथ विसर्जन यात्रा निकलती है। विसर्जन समिति के अध्यक्ष रूपेश मंडल ने बताया कि 80 से अधिक प्रतिमाओं का विसर्जन होगा। झूलेलाल घाट पर बने कुंड में ही विसर्जन की अपील की गई है। 21 अक्टूबर को विसर्जन होगा।


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