स्वतंत्रता दिवस पर रुहेलखंड में बरेलवी मसलक के मदरसों में नहीं हआ राष्ट्रगान
बरेली के मदरसों में आज स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रगान नहीं हुआ। यहां पर दरगाह आला हजरत से एलान के बाद बरेलवी मसलक के मदरसों में राष्ट्रगान नहीं हुआ।
लखनऊ (जेएनएन)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आग्रह के बाद भी बरेली में बरेलवी मसलक अपनी जिद पर कायम रहे। उन्होंने स्वतंत्रता दिवस पर आज शहर के मदरसों में भले ही तिरंगा फहराया, लेकिन राष्ट्रगान तथा राष्ट्रगीत कहीं पर भी नहीं गाया गया।
लखनऊ के साथ कानपुर में भी काफी मदरसों में सिर्फ झंडारोहण ही कराया गया। मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ ने मदरसों में राष्ट्रगान गाने की वीडियो मांगी थी। इसी बात पर राष्ट्रगान का विरोध हो गया। दरगाह आला हजरत से राष्ट्रगान के बजाय सारे जहां से अच्छा गाने का ऐलान किया हुआ था। देशभर के जुटे उलमा ने भी दरगाह की बात का समर्थन किया था।
रुहेलखंड में बरेलवी मसलक के मदरसों में नहीं गाया राष्ट्रगान
बरेली में रुहेलखंड में बरेलवी मसलक के मदरसों में धूमधाम से ना स्वतंत्रता दिवस लेकिन नहीं हुआ राष्ट्रगान, दरगाह आला हजरत से एलान के बाद स्वन्त्रता दिवस पर बरेलवी मसलक के मदरसों में राष्ट्रगान नहीं हुआ।
बरेली, शाहजहांपुर, बदायूं, पीलीभीत के मदरसों में तिरंगा फहराने के साथ सारे जहां से अच्छा हिन्दुस्तां गाया गया। कई जगहों पर पुलिस ने वीडियोग्राफी करने की कोशिश की मगर विरोध आड़े आ गया। देवबंदी और शिया मदरसों में राष्ट्रगान से परहेज नहीं दिखा।
बरेली में तजुसरिया मुफ़्ती अख्तर रजा खां अजहरी मियां के पुत्र शहर काजी मौलाना असजद मियां ने जमीतुर्ररजा रामपुर रोड मथुरापुर में ध्वजारोहण किया। यहां एलआइयू और पुलिस भी मौजूद थी। ध्वजारोहण के बाद सारे जहां से अच्छा तराना पड़ा गया। पुलिस ने वीडियो बनाने की कोशिश की मगर, दरगाह के लोगों ने रोक दिया। इसी तरह से मदरसा मंजरे इस्लाम, जामिया नूरिया राजविया, दारुल उलूम मज़हरे इस्लाम, मदरसा गौसिया, मदरसा दारुल उलूम गरीब नवाज समेत सभी मदरसों में सारे जहां से अच्छा....तराना गाया गया। हजियापुर स्थिति मदरसा जामिया, शाह शराफत में भी राष्ट्रगीत नहीं गाया गया।
शिया और देवबंदी मदरसों में राष्ट्रगान हुआ
हालांकि, शिया और देवबंदी मसलक के मदरसों में राष्ट्रगान हुआ है। रुहेलखंड के अधिकांश मदरसों में आजादी का जश्न मनाने के साथ ही शहीदों की कुर्बानी को याद किया गया।
बदायूं में स्वतंत्रता दिवस पर जिलेभर में ध्वजारोहण किया गया। मदरसों में ध्वजारोहण तो किया गया लेकिन राष्ट्रगान से परहेज किया गया। शहर समेत कस्बों में भी इसी तरह के हालात रहे। इस्लामनगर के मुख्य बाजार थाने के पास स्थित प्राथमिक उर्दू मीडियम स्कूल नहीं खोला गया।अध्यापिकाओं ने झंडा भी नहीं फहराया गया। शेरगढ़ के एक मदरसा में राष्ट्रगाध हुआ। कुल मिलाकर यहां भी बरेलवी मसलक के किसी मदरसे में राष्ट्रगान नहीं हुआ।
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शाहजहांपुर में स्वतंत्रता दिवस धूमधाम से मनाया गया। सरकारी कार्यालयों, शिक्षण संस्थानों में राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया। इस बार सभी मदरसों में झंडारोहण व राष्ट्रगान अनिवार्य था। शहर के मुहल्ला बंगश स्थित मदरसा सिराजिया में स्वतन्त्रता दिवसपर प्रधानचार्य सुहेल अहमद ने झंडारोहण किया। यहां सभी ने राष्ट्रगान गाया। बिजलीपुरा स्थित मदरसा नुरूल हुदा में प्रधानाचार्य इकबाल मियां ने झंडा फहराया। बाद में शिक्षकों व छात्रों ने राष्ट्रगान गाया। हालांकि निगोही स्थित मदरसा जिया उल उलूम में झंडारोहण नहीं हुआ। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी रामजी मिश्रा ने दावा किया है कि लगभग सभी मदरसों में झंडारोहण व राष्ट्रगान हुआ है। उन्होंने बताया कि कई मदरसों का निरीक्षण भी किया। सभी जगह वीडियो ग्राफी कराई है। शाम तक रिपोर्ट आ जायेगी। अगर कहीं राष्ट्रगान नहीं हुआ है तो वह कार्रवाई करेंगे।
अच्छा....तराना गाया गया।
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शिया और देवबंदी मदरसों में राष्ट्रगान हुआ
बरेली में शिया और देवबंदी मसलक के मदरसों में राष्ट्रगान हुआ है। यहां मदरसों में आजादी का जश्न मनाने के साथ ही शहीदों की कुर्बानी को याद किया गया।
ये था मामला
मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ ने मदरसों में राष्ट्रगान गाने की वीडियो मांगी थी। इसी बात पर राष्ट्रगान का विरोध हो गया। दरगाह आला हजरत से राष्ट्रगान के बजाय सारे जहां से अच्छा गाने का ऐलान किया हुआ था। देशभर के जुटे उलमा ने भी दरगाह की बात का समर्थन किया था।
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कानपुर व लखनऊ में सिर्फ झंडा रोहण
कानपुर के मदरसों में स्वतंत्रता दिवस पर आज सिर्फ झंडा फहराया गया। न तो न राष्ट्रगान कराया गया और न ही कहीं पर सारे जहाँ से अच्छा गाया गया। इस दौरान कहीं पर वीडियो भी नहीं बनाने दिया गया। मौलाना हाशिम ने कहा कि वीडियो बनाकर अपनी देशभक्ति का सबूत देने की जरूरत नहीं है। हजारों उलमा ने कुर्बानी देकर इस देश को आजाद कराया। मदरसों में उलमा को भी याद किया गया और मिठाई बांटी गई।
लखनऊ में मलिहाबाद के मदरसों में तिरंगा तो फहराया गया लेकिन वहां पर वंदेमातरम नही गया। राष्ट्रगान भी आधा अधूरा ही गाया गया। तेलीबाग के मदरसे में राष्ट्रगान गान की जगह सारे जहां से अच्छा गीत गाया गया।