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सिरफिरे आशिक ने की थी आगरा के चर्च में तोडफ़ोड़

ताजनगरी आगरा के सैंट मैरीज चर्च में हमला एक सिरफिरे प्रेमी ने किया था। प्रेमिका के न मिलने से खफा होकर इस सिरफिरे ने चर्च में कई प्रतिमाओं को तोड़ डाला था। पुलिस ने कल रात इसको हिरासत में लिया। अब इसकी प्रेमिका की तलाश की जा रही है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Fri, 24 Apr 2015 12:08 PM (IST)Updated: Fri, 24 Apr 2015 12:14 PM (IST)
सिरफिरे आशिक ने की थी आगरा के चर्च में तोडफ़ोड़

लखनऊ। ताजनगरी आगरा के सैंट मैरीज चर्च में हमला एक सिरफिरे प्रेमी ने किया था। प्रेमिका के न मिलने से खफा होकर इस सिरफिरे ने चर्च में कई प्रतिमाओं को तोड़ डाला था। पुलिस ने कल रात इसको हिरासत में लिया। अब इसकी प्रेमिका की तलाश की जा रही है।

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आगरा में सेंट मेरीज चर्च पर हमले के मामले के आठवें दिन पुलिस ने सटीक सूचना पर एक रिक्शा चालक को हिरासत में लिया। पूछताछ में उसने सारा सच उगल दिया। अब तय हो गया है अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बना यह हमला किसी कïट्टरवादी धार्मिक संगठन के कार्यकर्ताओं ने नहीं किया था। प्रेमिका से मुलाकात न होने से क्षुब्ध सिरफिरे रिक्शा चालक ने अकेले ही वारदात को अंजाम दिया। खुलासे की जानकारी के बाद ईसाई समाजविरोध के तेवर में आ गया, स्थिति बिगड़ती देख पुलिस ने रात में चुप्पी साध ली। एसएसपी ने विरोध देखते हुए नौ बजे बुलाई प्रेस कांफ्रेंस भी ïरद कर दी।

पुलिस ने कल दोपहर सुल्तानपुरा निवासी रिक्शा चालक हैदर का नाम प्रमुख संदिग्ध के रूप में पुलिस तक पहुंचा। पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ की तो मामला खुल गया। हैदर ने बताया कि चर्च में आने वाली एक युवती से उसके प्रेम संबंध थे। युवती ने उससे कहा था कि उसने गॉड से प्रार्थना की है। दोनों की जल्दी शादी हो जाएगी। इसके लिए उसने हैदर को गले में डालने को एक क्रॉस वाला ताबीज भी दिया। कुछ दिन बाद उसने शादी से इन्कार कर दिया। पंद्रह दिन से युवती हैदर से नहीं मिल रही थी, जिसको लेकर वह तनाव में था।

हैदर ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि 16 अप्रैल की देर रात तक वह सड़क पर घूमता रहा। तनाव बढऩे पर चर्च में घुस गया। वहां मूर्तियों में तोडफ़ोड़ की। रिक्शे में उसने पट्टे वाली चेन बांध रखी थी। इसे खोल कर मूर्ति के गले में लटका दिया। इसके बाद गाड़ी में तोडफ़ोड़ की तो उसका सायरन बजने लगा। इससे डरकर वह भागा। गेट खोलकर चर्च के बाहर आ गया। रिक्शा कैंट स्टेशन पर खड़ा कर घर चला गया। हैदर का कहना है कि इस घटना के बाद उसे आत्मग्लानि हो रही थी। उसने कई लोगों को भी यह बात बताई थी। उन्होंने उसे पुलिस को जाकर पूरी बात बताने के लिए कहा, लेकिन डर के चलते नहीं पहुंचा। अब वह पूरी वारदात को कबूल रहा है। इस खुलासे की भनक लगते ही मिशनरीज ने विरोध शुरू कर दिया। चर्च के प्रधान पुरोहित फादर मून लाजरस ने इस खुलासे को गलत करार दिया है। भविष्य के विरोध को देखते हुए पुलिस अधिकारी चुप पड़ गए।

गौरतलब है कि 16 अप्रैल को तड़के प्रतापपुरा स्थित चर्च में हमला बोल तीन मूर्तियां क्षतिग्रस्त कर दी गई थीं। आस्था पर चोट का मामला लखनऊ से दिल्ली तक पहुंचा। पुलिस पर दबाव की वजह यह भी थी कि दिल्ली में इससे पहले चर्चों पर हमले हो चुके थे। पुलिस ने पचास से अधिक संदिग्धों को उठाकर पूछताछ की थी।

अब क्या होगी पुलिस की लाइन

रिक्शा चालक की बात सही साबित करने के लिए युवती का सामने होना जरूरी है। ऐसे में पुलिस रात को ही युवती की तलाश में जुट गई है। पुलिस का मानना है युवती के मिलते ही पूरी घटना को काटा नहीं जा सकेगा। देर रात तक पुलिस अधिकारी अधिकृत रूप से कुछ बोलने को तैयार नहीं हुए।

तीन संदिग्धों की कहानी पड़ी हल्की

पुलिस ने मोबाइल की डिटेल के आधार पर एक ढाबे पर काम करने वाले तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया था। इनसे पूछताछ की जा रही थी। पुलिस का शक इन पर गहराता जा रहा था। मगर, रिक्शा चालक के सामने आते ही यह मामला हल्का पड़ गया। मगर, देर रात तक इनसे भी पुलिस पूछताछ कर रही थी।


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