लखनऊ Zoo की मादा Hippopotamus की हालत खराब, समय पूरा होने पर भी नहीं हुआ बच्चा; बंद हुआ बाड़ा
लखनऊ के नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान में मादा दरियाई घोड़ा ‘आशी’ (24) की हालत में 15 दिन बाद भी कोई सुधार नहीं दिख रहा है। उसके प्रसव के लिए प्राणि उद्यान प्रशासन पशुपालन विभाग और अन्य संस्थानों से लगातार संपर्क कर रहा है।
लखनऊ, जेएनएन। नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान में मादा दरियाई घोड़ा ‘आशी’ (24) की हालत में 15 दिन बाद भी कोई सुधार नहीं दिख रहा है। उसके प्रसव के लिए प्राणि उद्यान प्रशासन पशुपालन विभाग और अन्य संस्थानों से लगातार संपर्क कर रहा है। आशी पांच फरवरी से कुछ नहीं खा रही है। इस समय वह अपने नर साथी धीरज के साथ बाड़े में रह रही है। निदेशक आरके सिंह ने बताया कि आशी के बच्चा देने की प्रक्रिया में दिक्कत हो रही है। उसकी हालत चिंताजनक और स्थिर बनी हुई है। देशभर के विशेषज्ञों से सलाह ली जा रही है। उनके निर्देशानुसार ही उसकी देखभाल की जा रही है।
240 दिन में होता है प्रजनन: आशी का जन्म प्राणि उद्यान में ही 1996 में हुआ था। इसके पिता का नाम चुन्नू और मां का नाम धीरा था। दरियाई घोड़ा का प्रजनन का समय 240 दिन का होता है। औसत आयु इनकी 35 वर्ष होती है। आशी का प्रजनन समय पूरा हो चुका है, लेकिन उसके बाद भी बच्चा नहीं हुआ है। इस वजह से ही चिकित्सकों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। यह वन्यजीव सिर्फ शाक सब्जी खाते हैं।
लोग नहीं कर पा रहे दीदार: पांच फरवरी को बाड़ा दर्शकों के लिए बंद कर दिया गया था। उसके बाद से ही दर्शक दरियाई घोड़ा का दीदार नहीं कर पा रहे हैं। उसके बाड़े के बाहर बैरीकेडिंग लगाई गई है। पशु चिकित्सकों और कीपरों की निगरानी में उसकी देखभाल की जा रही है।
उप निदेशक डा. उत्कर्ष शुक्ल ने बताया कि आशी को उसके साथी नर दरियाई घोड़े धीरज के साथ बाड़े में ही रखा गया है। 24 घंटे उसकी देखरेख की जा रही है। देश भर के चिकित्सकों से सलाह ली जा रही है। बाड़े के बाहर बैरीकेडिंग लगाई गई है, इस वजह से दर्शक अभी उसका दीदार नहीं कर पा रहे हैं। हमें उम्मीद है कि जल्द ही वह पूरी तरह से स्वस्थ होगी।