Lucknow : मनी लांड्र्रिग के दो मामलो में यादव सिंह की पत्नी कुसुम लता की जमानत अर्जी खारिज
बता दें कि इसमें यादव सिंह पर नोएडा ग्रेटर नोएडा व यमुना एक्सप्रेस-वे का चीफ इंजीनियर रहते हुए गैरकानूनी तरीके से इलेक्ट्रि्रक केबिल का टेंडर देने का आरोप था। जिसके चलते 19 करोड़ 92 लाख की आर्थिक क्षति हुई थी।
विधि संवाददाता, लखनऊ। मनी लांड्र्रिग के दो मामलो में निरुद्ध अभियुक्ता कुसुम लता की जमानत अर्जी ईडी की विशेष अदालत ने खारिज कर दी है। कुसुम लता नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना एक्सप्रेस-वे के चीफ इंजीनियर रहे यादव सिंह की पत्नी हैं।
बीती एक फरवरी को कुसुम लता विशेष अदालत में हाजिर हुई थी। साथ ही इनकी ओर से जमानत अर्जी भी दाखिल की गई थी। जिला जज व ईडी के विशेष जज संजय शंकर पांडेय ने अर्जी पर बहस के बाद आदेश सुरक्षित कर लिया था। साथ ही अभियुक्ता कुसुम लता को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था।
यह है पूरा मामला
ईडी के विशेष वकील केपी सिंह के मुताबिक 30 जुलाई, 2015 को सीबीआइ ने यादव सिंह के विरुद्ध साजिश, धोखाधड़ी व कुटरचना आदि के साथ ही भ्रष्टाचार के तहत एक मामला दर्ज किया था। इसमें यादव सिंह पर नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना एक्सप्रेस-वे का चीफ इंजीनियर रहते हुए गैरकानूनी तरीके से इलेक्ट्रि्रक केबिल का टेंडर देने का आरोप था। जिसके चलते 19 करोड़ 92 लाख की आर्थिक क्षति हुई थी।
वर्ष 2015 में ईडी ने भी इस मामले में शिकायत दर्ज कर अपनी जांच शुरु की। वर्ष 2017 में जांच के बाद यादव सिंह के साथ ही कुसुम लता व अन्य के खिलाफ मनी लांड्र्रिग एक्ट के तहत परिवाद दाखिल किया।
मनी लांड्र्रिग का दूसरा मामला आय से अधिक सम्पति से जुड़ा है। इस मामले की एफआइआर भी सीबीआइ ने दर्ज की थी। वर्ष 2009 से 2014 के दौरान यादव सिंह पर अपनी आय से 11 करोड़ 90 लाख रुपए अधिक अर्जित करने का इल्जाम था। ईडी ने इस मामले में भी शिकायत दर्ज कर अपनी जांच शुरु की और पांच करोड़ 90 लाख 55 हजार 776 रुपए का मनी लांड्र्रिग का अपराध पाया। वर्ष 2018 में ईडी ने इस मामले में यादव सिंह, कुसुम लता व पीजीपी चैरिटेबिल ट्र्रस्ट के विरुद्ध परिवाद दाखिल किया था।
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दुष्कर्म के अपराध में दोषी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी
विधि संवाददाता, लखनऊ : 13 वर्ष की नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म के मामले में दोषी करार दिए गए अभियुक्त राहुल कुमार के विरुद्ध पॉक्सो की विशेष अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश दिया है। शुक्रवार को विशेष अदालत में इस मामले की सुनवाई के दौरान अभियुक्त उपस्थित नहीं था। विशेष जज पवन कुमार राय ने इसकी सजा के बिन्दू पर सुनवाई के लिए छह जनवरी की तारीख तय की है। 26 नवंबर, 2015 को इस मामले की एफआइआर पीड़िता के पिता ने थाना कृष्णानगर में दर्ज कराई थी।
प्रधानाध्यापक की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज
विधि संवाददाता, लखनऊ : फर्जी दस्तावेज तैयार कर नौकरी पाने के मामले में वांछित अभियुक्त अशोक कुमार मौर्या की अग्रिम जमानत अर्जी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष अदालत ने खारिज कर दी है। विशेष जज अजय श्रीवास्तव ने आदेश में कहा है कि अभियुक्त ने विवेचना में सहयोग भी नहीं किया है।
विशेष लोक अभियोजक महेश कुमार श्रीपाठी के मुताबिक हरदोई के ग्राम गौरा में जनता जूनियर हाईस्कूल में प्रधानाध्यापक के पद पर नियुक्त हुए अभियुक्त के विरुद्ध थाना विजिलेंस में मुकदमा दर्ज हुआ था। इस पर आजमगढ़ के पीर सार्वजनिक इंटर कालेज, मितुपुर का फर्जी टीसी तैयार कर सरकारी नौकरी पाने का आरोप है।