निर्भया फंड स्कीम से महिलाओं के लिए सेफ सिटी बनाने जा रहा लखनऊ
गृह मंत्रालय ने निर्भया फंड स्कीम के तहत लखनऊ को महिलाओं के लिए सेफ सिटी बनाने के लिए 194.44 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दे दी है।
लखनऊ (जेएनएन)। यूपी 100 से लेकर पुलिस आधुनिकीकरण के कई चेहरे देख चुके लखनऊ की तस्वीर अब सिंगापुर की तर्ज पर पूरी तरह से बदलने की तैयारी है। गृह मंत्रालय ने निर्भया फंड स्कीम के तहत लखनऊ को महिलाओं के लिए सेफ सिटी बनाने के लिए 194.44 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दे दी है। इस बजट का 60 फीसद हिस्सा केंद्र व 40 फीसद हिस्सा राज्य सरकार वहन करेगी। लखनऊ के अलावा अन्य राज्यों के सात शहरों को भी सेफ सिटी प्रोजेक्ट के तहत बजट को मंजूरी दी गई है। लखनऊ में सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं की सुरक्षा-व्यवस्था के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) मई में गृह मंत्रालय को भेजी गई थी।
नोडल अधिकारी प्रमुख सचिव गृह
एडीजी वूमेन पॉवर लाइन (1090) अंजू गुप्ता ने लखनऊ, आशा ज्योति केंद्र, विकास प्राधिकरण, नगर निगम तथा लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेस के इनपुट पर सेफ सिटी का प्रोजेक्ट तैयार किया था, जिसका करीब दो सप्ताह पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के सामने प्रस्तुतीकरण दिया गया था। इस योजना के नोडल अधिकारी प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार होंगे। पूरी योजना को मुख्य रूप से तीन भागों में बांटा गया है। इनमें इंटीग्रेटेड स्मार्ट कंट्रोल रूम योजना का सबसे अहम भाग है। इसके निर्माण व संचालन के लिए करीब 90 करोड़ रुपये का प्रस्ताव है।
ऐसे बदलेगा लखनऊ
इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम प्रदेश का सबसे अत्याधुनिक कंट्रोल रूम होगा, जिसे अलग बनाए जाने की योजना है। इसके तहत खासकर ऐसे स्थानों पर अत्याधुनिक सीसीटीवी कैमरे लगेंगे, जहां महिलाओं का आवागमन ज्यादा होता है। कंट्रोल रूप में आडियो-वीडियो एनालिटिक, सोशल मीडिया मानीटङ्क्षरग, आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस, डेटा एनालिसिस के अत्याधुनिक उपकरण होंगे। साथ ही विशेष सिटीजन व पुलिस एप विकसित किए जाएंगे। कंट्रोल रूम में आने वाली सूचनाओं, आडियो-वीडियो, फोटो व डाटा की आटोमैटिक एनालिसिस की व्यवस्था होगी। कंट्रोल रूम से जुड़े कैमरों के जरिये कहीं भीड़ इकट्ठा होने का अलर्ट भी जनरेट होगा। सोशल मीडिया पर चलने वाली गतिविधियों का आटोमैटिक फीडबैक भी मिलेगा। शहर की 250 बसों में लगने वाले सीसीटीवी कैमरे व पैनिक बटन भी सीधे कंट्रोल रूप से जुड़े होंगे। फील्ड पर तैनात पुलिसकर्मी व नागरिक कोई तस्वीर अथवा वीडियो सीधे कंटोल रूम को भेज सकेंगे और कंट्रोल रूम उसका विश्लेषण कर संबंधित स्थान के लिए अलर्ट जारी कर देगा। इस व्यवस्था का लाभ अन्य अपराधों व परिस्थितियों में भी लखनऊ पुलिस को मिलेगा।
होंगे 100 पिंक आउट पोस्ट
शहर में 100 पिंक आउट पोस्ट बनेंगे, जहां महिला पुलिसकर्मी ही तैनात होंगी और कोई भी महिला किसी मुसीबत में उन बूथ पर सीधे मदद मांग सकेगी। बूथ इंटरनेट के जरिये संबंधित थाने से जुड़े होंगे। इसके अलावा शहर में 100 पिंक स्कूटर होंगी, जिन पर महिला पुलिसकर्मी गल्र्स स्कूल-कॉलेज व मॉल के आसपास पेट्रोलिंग करेंगी। 10 पिंक एसयूवी भी होंगी। राजधानी के 43 थानों व एसपी कार्यालयों में कुल 50 पिंक हेल्प डेस्क भी बनेंगी जहां महिलाओं से जुड़े मामलों के लिए निजी काउंसलर भी उपलब्ध होगा। इसके लिए संभावित बजट करीब 24 करोड़ रुपये है।
दो गुना होगा 1090
योजना के तहत वूमेन पावर लाइन (1090) में वर्तमान में संचालित 80 वर्क स्टेशनों की संख्या दोगुना यानि 160 की जाएगी। यूपी 100 व 1090 के आपस में इलेक्ट्रानिक लिंक हो जाएंगे यानि 112, 100 व 1090 पर की जाने वाली कॉल एक-दूसरे को ट्रांसफर की जा सकेंगी। इसके साथ ही 1090 में आने वाली साइबर क्राइम से जुड़ी शिकायतों के निस्तारण के लिए फोरेंसिक क्षमता भी बढ़ाई जाएगी।1090 में तीन साल का प्रशिक्षण व जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा। नागरिकों में जागरूकता के लिए भी तीन साल का विशेष अभियान चलेगा। इसमें स्वयंसेवा संस्थाओं की भी अहम भूमिका होगी। योजना के तहत डीएम आशियाना में संचालित आशा ज्योति केंद्र की क्षमता को दो गुना बढ़वाएंगे। केंद्र को पांच नए वाहन भी दिए जाएंगे। शहर में महिलाओं की सुरक्षा के लिहाज से लाइटिंग के लिए क्षेत्र भी चिह्नित किए गए हैं। नगर निगम वहां लाइटिंग कराएगा। इसके लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण महिलाओं के लिए पिंक टॉयलेट का निर्माण कराएगा। इसके लिए करीब 18 करोड़ का बजट प्रस्तावित है।
250 बसों में लगेंगे सीसीटीवी कैमरे
लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड के जरिये राजधानी में संचालित 250 बसों में सीसीटीवी कैमरे, जीपीएस व पैनिक बटन लगेंगे। सभी सीधे इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम से जुड़े होंगे। लखनऊ में सेफ सिटी प्रोजेक्ट को 19 नवंबर को केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह लांच करेंगे। बताया गया कि पहले इस योजना को छह नवंबर को लांच किए जाने की तैयारी थी। इस महत्वाकांक्षी योजना में महिला पुलिसकर्मियों की कमी चुनौती भी होगी। वर्तमान में लखनऊ में करीब 655 महिला पुलिसकर्मी तैनात हैं।