गोमती के किनारे पाकिस्तान से टेस्ट मैच का गवाह बना था लखनऊ
1952 में भारत और पाकिस्तान के बीच यूनिवर्सिटी ग्राउंड पर खेला गया था क्रिकेट टेस्ट मैच। पाकिस्तान ने भारत को एक पारी 43 रन से हरा कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहला मैच यहीं जीता था। कभी अंतरराष्ट्रीय टेस्ट मैच का आयोजक रहा ग्राउंड 1960 की बाढ़ के बाद हुआ था खत्म।
लखनऊ [ऋषि मिश्र]। हनुमान सेतु के नीचे जहां गोमती तट पर बांध के पास मेट्रो की निर्माण सामग्री बिखरी हुई है, वहां कभी एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैदान गुलजार था। इस मैदान और यूनिवर्सिटी के बीच बना हुआ बांध तब नहीं था। उस वक्त इसको यूनिवर्सिटी ग्राउंड कहा जाता था।1952 के अक्टूबर में यहां भारत पाकिस्तान के बीच दूसरा क्रिकेट टेस्ट मैच खेला गया था। एक ओर शानदार इकाना स्टेडियम अब विंडीज और भारत के बीच दूसरे टी-20 के लिए तैयार है तो इस ऊबड़-खाबड़ मैदान से जुड़ा इतिहास भी क्रिकेट प्रेमियों को याद आ रहा है। लखनऊ में खेले गए पहले क्रिकेट टेस्ट मैच का इतिहास ये जमीन अब तक समेटे है।
आजादी के बाद ये पहला मौका था, जब भारत और पाकिस्तान की टीमें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आमने-सामने थीं। श्रृंखला का पहला मैच दिल्ली के फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में खेला गया था। जबकि दूसरा मुकाबला 23 से 26 अक्टूबर 1952 के बीच लखनऊ के यूनिवर्सिटी ग्राउंड में हुआ था। इस मैच में भारत ने पहले खेला और मात्र 106 रन बना कर टीम आउट हुई। फजल महमूद ने पांच विकेट लिए। जवाब में पाकिस्तान ने पहली पारी में 331 रन बनाए। पाकिस्तानी क्रिकेटर मुदस्सर नजर के पिता नजर मोहम्मद ने शतक मारा था। जवाब में भारत मात्र 182 रन बनाकर आउट होकर एक पारी और 42 रन से मैच हार गया था।
1960 की बाढ़ के बाद खत्म हुआ ग्राउंड
अभी जहां विश्वविद्यालय का छात्रसंघ भवन है, वहां से ये ग्राउंड शुरू होता था और गोमती तट के नजदीक तक था। तब यहां चारों ओर निर्माण नहीं थे। बीच में बांध भी नहीं था। ये बांध 1960 की बाढ़ के बाद बनाया गया। इसके बाद इस मैदान का अस्तित्व भी समाप्त हो गया।
मुदस्सर नजर देखने आए थे मैदान
इस मैच में शतक मारने वाले नजर मोहम्मद के पुत्र मुदस्सर नजर 2003 में इस ग्राउंड को देखने आए थे। वे अपने पिता की स्मृतियों को ताजा करना चाहते थे। नजर मोहम्मद ने आजादी के बाद भारत के खिलाफ किसी भी पाकिस्तानी क्रिकेट का पहला शतक जमाया था, जो कि एक रिकार्ड है। एलडीए कोचिंग सेंटर के संयोजक गोपाल सिंह बताते हैं कि 2003 में जब मुदस्सर भारत में स्कूल क्रिकेट टूर्नामेंट में कीनिया की टीम के कोच के तौर पर आए थे। तब उन्होंने ये इच्छा जताई थी। तब गोपाल उनको इस मैदान में लाए थे।
नामी क्रिकेटर जुटे थे
मोहिंदर और राजिंदर अमरनाथ के पिता लाला अमरनाथ उस वक्त भारतीय टीम के कप्तान थे। उनके साथ विजय हजारे, एच मांकड़, संजय मांजरेकर के पिता विजय मांजरेकर, पाली उमरीगर, गुल मोहम्मद और जीएस रामचंद जैसे खिलाड़ी इस टीम का हिस्सा रहे।
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