Lucknow University: इंजीनियरिंग संकाय में पहली बार छात्र का 15 लाख रुपये के पैकेज पर हुआ प्लेसमेंट, पिता करते थे किसानी
लखनऊ विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग संकाय के कंप्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग के छात्र शिवम सिंह का 15 लाख रुपये (सीटीसी) सालाना पैकेज पर चयन हुआ है। संकाय में यह अब तक का सर्वाधिक पैकेज है। शिवम को नारिश फ्रेमवर्क प्राइवेट लिमिटेड में ग्रोथ हैकर के पद के लिए चुना गया है।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। लखनऊ विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग संकाय के कंप्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग के छात्र शिवम सिंह का 15 लाख रुपये (सीटीसी) सालाना पैकेज पर चयन हुआ है। संकाय में यह अब तक का सर्वाधिक पैकेज है। शिवम को नारिश फ्रेमवर्क प्राइवेट लिमिटेड में ग्रोथ हैकर के पद के लिए चुना गया है।
इस पैकेज के साथ-साथ उन्हें 38 लाख से 6.6 करोड़ इसॉप आप्शन का भी पैकेज का आफर दिया गया। आलमबाग के श्रंगार नगर के रहने वाले शिवम सिंह ने इसी साल लखनऊ विश्वविद्यालय से बीटेक की पढ़ाई पूरी की है। वह बताते हैं कि पापा उदय प्रताप सिंह पहले खेती किसानी करते थे। फिर लखनऊ आकर अपना व्यापार शुरू किया। लेकिन कोविड आने की वजह से दिक्कत आ गई।
शिवम सिंह की मम्मी मीना सिंह गृहणी हैं। बड़ी बहन प्रियंका सिंह इंजीनियर हैं। शिवम आगे एमबीए करना चाहते हैं। लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय एवं इंजीनियरिंग संकाय के इंचार्ज प्रो. आरएस गुप्ता ने शिवम सिंह को इस उपलब्धि पर बधाई दी।
पहले भी मिल चुकी है स्पांसरशिप : इंजीनियरिंग संकाय के प्लेसमेंट इंचार्ज डा. हिमांशु पांडेय ने बताया कि शुरूआत से ही शिवम सिंह होनहार छात्र रहें। शिवम को बीटेक तृतीय वर्ष में उनके स्टार्टअप 'ओरेजेन' के लिए 75000 डालर की (टेक क्रेडिट) स्पांसरशिप भी मिल चुकी है। उन्होंने बताया कि इस बार 15 लाख रुपये के पैकेज के साथ इसॉप ऑप्शन मिलना बड़ी उपलब्धि है। गौरतलब है कि बीते 10 महीने में 467 छात्र-छात्राओं को जाब आफर मिल चुके हैं। अभी तक सर्वाधिक 14 लाख रुपये का पैकेज शामिल है।
क्या होता है इसॉप आप्शन : डा. हिमांशु के मुताबिक, कंपनियां अपने कर्मचारियों को कई तरह की सुविधाएं देती हैं। इनमें से इसॉप (इप्लाइय स्टॉक ओनरशिप प्लान) भी शामिल है। इसके तहत कंपनी कुछ चुनिंदा कर्मचारियों को अपने शेयर जारी करती है। इसॉप इशू होने के बाद कर्मचारी की उस कंपनी में हिस्सेदारी हो जाती है। जितने फीसद इसॉफ कर्मचारी को दिए किए जाते हैं, उतनी कर्मचारी की हिस्सेदारी उस कंपनी में हो जाती है।