Nature Index Ranking: यूपी में पहले स्थान पर लखनऊ विश्वविद्यालय, देखें देशभर के शैक्षिक संस्थानों की रैंकिंग
लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति ने इस उपलब्धि के लिए शोध से जुड़े सभी शिक्षकों एवं छात्रों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय में शोध कार्य को बढ़ावा देने के लिए पिछले दो वर्षों में कई महत्वपूर्ण कार्य किए गए हैं।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। लखनऊ विश्वविद्यालय ने अपने शोध के जरिए एक बार फिर मुकाम हासिल किया है। इस बर नेचर इंडेक्स रैंकिंग में राज्य विश्वविद्यालयों की श्रेणी में लखनऊ विश्वविद्यालय को पहला स्थान मिला है। वहीं, देश के सभी शैक्षिक संस्थानों की रैकिंग में लवि 71वें स्थान पर आ गया है। पिछले साल 94वां स्थान था। सोमवार को लखनऊ विश्वविद्यालय ने यह सूचना जारी की।
लखनऊ विश्वविद्यालय की अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. पूनम टंडन ने बताया कि नेचर इंडेक्स रैंकिंग में इस वर्ष 71वां स्थान हासिल कर पूरे प्रदेश के सभी राज्य विश्वविद्यालयों में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। देश के सभी विश्वविद्यालयों के बीच लखनऊ विश्वविद्यालय का 30वां स्थान है। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय शोध जर्नल नेचर की रैंकिंग एक दिसंबर 2020 से 30 नवंबर 2021 के दौरान प्रकाशित नैचुरल साइंसेज के चुने हुए 82 अंतरराष्ट्रीय उच्च स्तरीय शोध जर्नल में किसी संस्थान के प्रकाशन आउटपुट पर आधारित हैं।
लखनऊ विश्वविद्यालय के इन अंतरराष्ट्रीय शोध जर्नल में कुल पांच शोध जर्नल (तीन फिजिक्स, दो केमेस्ट्री) शामिल हैं। इसके तहत देश में 71वां और उत्तर प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में पहला स्थान मिला है।
फिजिक्स विभाग को 53वां स्थान : विषय वार रैंकिंग में देश भर के सभी संस्थानों में लखनऊ विश्वविद्यालय के फिजिक्स विभाग को 53वां तथा केमिस्ट्री विभाग को 74वां स्थान हासिल हुआ। देश के विश्वविद्यालयों के बीच ये स्थान क्रमशः 21वां और 38वां है।
शिक्षकों व छात्रों को बधाई : विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने इस उपलब्धि के लिए शोध से जुड़े सभी शिक्षकों एवं छात्रों को विशेष रूप से बधाई दी। कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय में शोध कार्य को बढ़ावा देने के लिए पिछले दो वर्षो मे अनेक कदम उठाए गए हैं।
इसमें शोध कार्य में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों एवं छात्रों के लिए प्रोत्साहन योजना, महिला शोध छात्राओं के लिए शोधमेधा योजना, नया पीएचडी अध्यादेश आर्डिनेन्स लागू करना आदि प्रमुख हैं। इससे न केवल विश्वविद्यालय का गौरव बढता है बल्कि शैक्षणिक कार्यों में नवाचार एवं रचनात्मकता का विकास भी होता है।