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लविवि ने बढ़ाई स्टूडेंट्स की मुश्किलें, अब नहीं मिलेगा मेडिकल रिलीफ फंड

दुर्घटना होने पर विद्यार्थियों को 25 हजार तक के इलाज की थी सुविधा। प्रचार-प्रसार न होने से विद्यार्थी नहीं उठा पा रहे थे लाभ।

By JagranEdited By: Published: Fri, 10 Aug 2018 11:30 AM (IST)Updated: Fri, 10 Aug 2018 11:36 AM (IST)
लविवि ने बढ़ाई स्टूडेंट्स की मुश्किलें, अब नहीं मिलेगा मेडिकल रिलीफ फंड
लविवि ने बढ़ाई स्टूडेंट्स की मुश्किलें, अब नहीं मिलेगा मेडिकल रिलीफ फंड

लखनऊ[आशीष त्रिवेदी]। लखनऊ विश्वविद्यालय में अब करीब 28 हजार विद्यार्थियों को सत्र 2018-19 से मेडिकल रिलीफ फंड का लाभ नहीं मिल पाएगा। लविवि ने इस फंड को बंद कर दिया है। अभी तक विद्यार्थियों से हर साल इंश्योरेंस के 200 रुपये लिए जा रहे थे और उन्हें दुर्घटना या बीमार होने पर इस फंड से 25 हजार रुपये तक की मदद देने का प्रावधान था, मगर प्रचार-प्रसार की कमी के कारण एक अच्छी योजना ने दम तोड़ दिया। एक भी विद्यार्थी इससे लाभान्वित नहीं हो पा रहा था और हर साल इंश्योरेंस करने वाली कंपनी को करीब 28 लाभ रुपये की किस्त दी जा रही थी।

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लविवि कुलपति प्रो. एसपी सिंह ने बताया कि विद्यार्थियों से इस बार इसकी फीस ाी नहीं ली गई है। आगे विद्यार्थियों के हित में कोई और अच्छी योजना बनाई जाएगी ताकि वह इसका लाभ उठा सकें। अभी विद्यार्थी न तो इसके लिए कोई क्लेम करते थे और न ही बीमा कंपनियां कोई आर्थिक मदद देती थी। ऐसे में विद्यार्थियों से ली गई रकम बेकार जा रही थी। दूसरी ओर विद्यार्थियों को इस योजना की बहुत अधिक जानकारी नहीं थी। पिछले दो वर्षो से ही बीमा कंपनी तय कर उन्हें किस्त दी जा रही थी। पहले तो विद्यार्थियों से ली गई बीमे की रकम का कोई लेखा-जोखा तक नहीं है।

नैक मूल्यांकन के समय बांटे थे हेल्थ कार्ड :

लविवि ने वर्ष 2014 में राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) से अपनी ग्रेडिंग करवाते समय ही हेल्थ कार्ड बांटे थे, इससे पहले कभी भी कार्ड नहीं बांटे गए। फिलहाल उन हेल्थ कार्ड से भी कोई विद्यार्थी लाभ नहीं उठा पाया। नैक मूल्यांकन के समय यूजीसी टीम को दिखाने और अच्छी ग्रेडिंग के लिए यह सबकुछ किया गया।

जनरल फंड में जा रही थी बीमे की रकम :

लविवि ने स्टूडेंट मेडिकल रिलीफ फंड को क ाी गं ाीरता से नहीं लिया। सिर्फ दो वर्ष से किस्त दी जा रही थी, लेकिन इससे पहले विद्यार्थियों से इस मद में वसूली गई रकम जनरल फंड में ट्रांसफर कर विवि के अन्य कार्यो में ार्च होती थी। विरोध होने पर विवि प्रशासन इंश्योरेंस कंपनी तय करने में ही मामला फंसा देता था। सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों की फीस लविवि के बराबर होगी :

लखनऊ विश्वविद्यालय से संबद्ध सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों में अब वि िान्न कोर्सेज की फीस की विसंगति पूरी तरह दूर होगी। कई कोर्सेज ऐसे हैं जहां लविवि में तो अधिक फीस ली जाती है लेकिन इन कॉलेजों में फीस कम है। ऐसे में एक समान फीस का फार्मूला लागू किया जाएगा। इसका ड्रा ट तैयार कर लिया गया है। शुक्रवार को कार्यपरिषद की बैठक में इस पर अंतिम मुहर लगाई जाएगी।

लविवि कुलपति प्रो. एसपी सिंह ने बताया कि अ ाी सेल्फ फाइनेंस कॉलेज व लविवि की फीस में असमानता है। इसे पूरी तरह दूर करने के लिए नए नियम तैयार किए गए हैं और उसी के अनुसार फीस ली जाएगी। अब लविवि में कोर्स की जो फीस निर्धारित होगी वही सेल्फ फाइनेंस कॉलेज भी ले सकेंगे। इससे उन्हें काफी राहत मिलेगी।

बहुविकल्पीय प्रश्न पूछने पर बैठक आज :

लविवि में शुक्रवार को डीन व विभागाध्यक्षों की बैठक होगी। इसमें तय किया जाएगा कि बीए, बीएससी व बीकॉम में सम सेमेस्टर या विषम सेमेस्टर में से किसमें बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाएं। विभागाध्यक्षों की राय लेकर अंतिम मुहर लगाई जाएगी।


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