अखिलेश ने सिर्फ एक चेहरे को छोड़कर सभी को बदला, नई महानगर कार्यकारिणी के जरिए खेला नया दांव!
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 18 महीने बाद लखनऊ महानगर कार्यकारिणी को बहाल कर दिया है। महानगर अध्यक्ष फाखिर सिद्दीकी को छोड़कर सभी सदस्य बदले गए हैं। नई कार्यकारिणी में पुराने चेहरों को जगह नहीं मिली है और पीडीए का ध्यान रखा गया है। इस टीम के सामने 2027 विधानसभा चुनाव और 2028 नगर निगम चुनाव में पार्टी का जनाधार बढ़ाने की चुनौती है। लखनऊ उत्तर विधानसभा क्षेत्र में अध्यक्ष पद पर अभी भी पेंच फंसा हुआ है।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। आखिरकार 18 महीने के बाद सपा आलाकमान ने अपनी महानगर कार्यकारिणी को बहाल कर दिया। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लखनऊ महानगर की नई कार्यकारिणी को स्वीकृति दे दी। महानगर अध्यक्ष फाखिर सिद्दिकी को छोड़कर सभी बदल दिए गए। नई कार्यकारिणी में कई पुराने चेहरों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
संगठन में भी पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक (पीडीए) का पूरा ख्याल रखा गया है।नई कार्यकारिणी के सामने स्नातक चुनाव के बाद वर्ष 2027 का विधानसभा चुनाव और 2028 में होने वाले नगर निगम के चुनाव में पार्टी का जनाधार बढ़ाने की चुनौती होगी।
सपा मुखिया ने चार अप्रैल 2024 को अप्रत्याशित तरीके से सुशील दीक्षित को हटाकर फाखिर सिद्दीकी को महानगर अध्यक्ष बना दिया था। फाखिर सिद्दीकी एमएलसी न बनाए जाने से नाराज होकर कांग्रेस में चले गए थे। फाखिर की सपा में वापसी के कुछ सप्ताह बाद ही उनको महानगर अध्यक्ष बनाया गया था।
फाखिर सिद्दीकी ने महानगर अध्यक्ष बनते ही नए सिरे से कार्यकारिणी बनाने का प्रस्ताव प्रदेश मुख्यालय को भेजा था। तब से ही माना जा रहा था कि सुशील दीक्षित के करीबी रहे पदाधिकारियों की कार्यकारिणी से छुट्टी हो सकती है। नई कार्यकारिणी की जब शनिवार को घोषणा हुई तो उसमें पुराने चेहरों को कोई स्थान ही नहीं मिला।
कार्यकारिणी में आठ उपाध्यक्ष, 15 सचिव और 25 सदस्य बनाए गए हैं।नगर महासचिव इरशाद अहमद गुड्डू के स्थान पर गौरव यादव को और कोषाध्यक्ष संतोष श्रीवास्तव को हटाकर उनकी जगह राजवीर सिंह को जिम्मेदारी सौंपी गई है। महानगर संगठन में सुनील पाल, हमजा बिलाल, अमित सक्सेना, प्रवेश सिंह, तारा चन्द यादव, रजी अहमद उपाध्यक्ष बनाए गए हैँ।
विनय सिंह यादव, कुलदीप वर्मा, हर्ष सक्सेना, नेहा यादव, उमेश यादव, नवनीत तिवारी, सनी कनौजिया, अवधेश मौर्या, मिर्जा फरीद बेग को सचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसी तरह कार्यकारिणी में नसीम अली, अरुण यादव, कमलेश प्रजापति, निहालुद्दीन, बनवारी साहू सदस्य होंगे। हरिश्चन्द्र लोधी को लखनऊ पूर्वी, संतोष रावत को लखनऊ कैंट, मो. अहमद को लखनऊ मध्य, मिर्जा जफर इकराम को लखनऊ पश्चिम का विधानसभा अध्यक्ष बनाया गया है।
लखनऊ उत्तर का पेंच फंसा
कार्यकारिणी में लखनऊ उत्तर विधानसभा अध्यक्ष के तय नाम को हरी झंडी नहीं मिल सकी। इस सीट की प्रभारी पूजा शुक्ला और महानगर संगठन के बीच नाम को लेकर मतभेद हो गया है। ऐसे में लखनऊ उत्तर विधानसभा क्षेत्र में वार्ड और बूथ स्तर तक संगठन विस्तार अभी नहीं हो सकेगा।
संतोष के मनोनयन पर असंतोष
लखनऊ कैंट विधानसभा का अध्यक्ष संतोष रावत को बनाए जाने पर कार्यकर्ताओं में ही असंतोष पनपने लगा है। संतोष रावत पर सरकारी राशन की चोरी का मामला थाना पारा में दर्ज है। एफआइआर सहित कार्यकर्ताओं ने इसकी शिकायत आलाकमान से की है।
इन चुनावों की बड़ी जिम्मेदारी
लखनऊ महानगर के क्षेत्र में पांच विधानसभा सीटें आती हैं। इसमें लखनऊ कैंट और पूर्वी सपा की कमजोर सीटें हैं। वहीं, लखनऊ मध्य और पश्चिम विधानसभा सीट पर सपा के विधायक हैं। लखनऊ उत्तर सपा कड़े मुकाबले में वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में हारी थी।
ऐसे में पांच विधानसभा सीटों में लखनऊ पूर्वी और कैंट में अपने प्रदर्शन को सुधारने के साथ लखनऊ उत्तर विधानसभा सीट पर वापस जीत हासिल करने की चुनौती इस कार्यकारिणी पर होगी। साथ ही लखनऊ महानगर क्षेत्र में नगर निगम के 110 में से कुल 80 वार्ड आते हैं। नगर निगम सदन में पार्टी के कुल 23 पार्षदों में से 14 महानगर क्षेत्र से आते हैं।

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