लखनऊ में बन रहा था मुंबई से वापसी का तत्काल टिकट, आरपीएफ ने ऐसे किया राजफाश
लखनऊ[जागरण संवाददाता]। मुंबई से उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों की ओर वाली ट्रेनों के तत्काल क
लखनऊ[जागरण संवाददाता]। मुंबई से उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों की ओर वाली ट्रेनों के तत्काल कोटे के टिकट लखनऊ में भी बन रहे हैं। दलालों के सिंडीकेट में रेलवे कर्मचारी भी शामिल हैं। आरपीएफ ने ऐसे ही एक मामले का राजफाश किया है। इसके तहत मोहिबुल्लापुर स्टेशन के आरक्षण केंद्र में तैनात रेलकर्मी ने टिकट बनवाकर विमान से मुंबई पहुंचा दिया था। आरपीएफ ने मध्य प्रदेश के सतना में संबंधित ट्रेन में छापेमारी कर उस टिकट पर मुंबई से आ रहे यात्री से बीच रास्ते पूछताछ की। पूछताछ में पता चला कि यात्री को लखनऊ से भेजा गया टिकट दलाल के माध्यम से मिला था। आरपीएफ ने टिकट बनाने वाले कर्मचारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। इस खेल को खोलने के लिए आरपीएफ ने 24 अप्रैल को मोहिबुल्लापुर आरक्षण केंद्र में छापा मारा। यहा तैनात लिपिक पंकज कुमार के पास ट्रेन नंबर 12141 पाटलिपुत्र एक्सप्रेस का मुंबई से मुगलसराय का चार लोगों का स्लीपर क्लास का तत्काल टिकट मिला। यह टिकट 25 अप्रैल की यात्र का था। पूछताछ में रेलवे अफसरों को पंकज ने बताया कि यह टिकट उसके भाई का है। भाई का आधार कार्ड दिखाने पर अफसरों ने उसे छोड़ दिया। इसके बाद पंकज ने टिकट को दलालों के जरिए विमान से मुंबई पहुंचा दिया। इस बीच पंकज की सूचनाओं की तस्दीक करने के लिए लखनऊ से आरपीएफ इंस्पेक्टर एमके खान के नेतृत्व में एक टीम गुपचुप पाटलिपुत्र एक्सप्रेस में छापा मारने रवाना हुई। चूंकि मुंबई दूर था, लिहाजा मध्य प्रदेश के सतना में टिकट में दर्ज यात्रियों से पूछताछ की योजना बनी। टीम ने सतना पहुंचकर सभी चार यात्रियों से पूछताछ की। उनके पास वही टिकट मिला जो कि पंकज के पास मिला था और उन्होंने बताया कि वह रेलकर्मी पंकज को पहचानते तक नहीं हैं। आरपीएफ रेल टिकट लेकर लखनऊ आ गयी और शनिवार को रेलकर्मी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया।
आज तक न टूटा यह सिंडीकेट
मुंबई से लखनऊ तक टिकटों की दलाली का गोरखधंधा खुलेआम चल रहा है। चार साल पहले तत्कालीन सीनियर डीसीएम राधेश्याम ने जाच की तो पता चला था कि लखनऊ से मुंबई की ओर जाने वाली ट्रेनों के 90 प्रतिशत तत्काल कोटे के टिकट मुंबई और वहा आसपास के उपनगरों के आरक्षण केंद्रों से बन रहे हैं। वहीं उत्तर रेलवे के एक तत्कालीन अधिकारी की सिफारिश में सीबीआइ ने गोदान एक्सप्रेस में छापेमारी की थी। इसमें पता चला था कि मुंबई से टिकट बनाकर दलाल विमान से लखनऊ आता है और यहा से टैक्सी बुक करके वाराणसी और गोरखपुर रूट के स्टेशनों तक पहुंच जाता है। यात्रियों को उनकी सीट तक टिकट उपलब्ध करा दिया जाता है। इतना ही नहीं बहराइच में सीबीआइ की चार साल पहले की छापेमारी में फर्जी सॉफ्टवेयर से आइआरसीटीसी की वेबसाइट पर सेंध लगाकर लाखों रुपये के तत्काल टिकट हथियाने का गोरखधंधा पकड़ा गया था। 3160 रुपये के टिकट के दिए 8500
पूछताछ में चारों यात्रियों ने बताया कि मुंबई में एक दलाल ने उनको यह टिकट उपलब्ध कराया है। उन लोगों ने 3160 रुपये के टिकट के लिए 8500 रुपये दलाल को दिए थे। वहीं आरपीएफ की जाच में सामने आया कि रेलकर्मी पंकज ने अपने भाई के जिस आधार कार्ड को दिखाया था, वह भी फर्जी है। तत्काल कोटे के आरक्षण फार्म पर भी रेलकर्मी की राइटिंग मिली। रेलकर्मी के खिलाफ रेलवे एक्ट की धारा 143 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। डीआरएम विजय लक्ष्मी कौशिक ने तत्काल कोटे के सिंडीकेट का पता लगाने के लिए जाच के आदेश दिए हैं।